पीलीभीत: एक निजी अस्पताल में बच्चेदानी के ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक ने लापरवाही बरती और महिला के पेट में ही स्पंज छोड़ दिया. इसके बाद जब परेशानी बढ़ी तो चिकित्सक महिला के परिजनों को गुमराह करते रहे. कई महीनो तक इलाज कराने के बाद आखिरकार महिला की मौत हो गई. इसकी शिकायत पुलिस से की गई है.
जानकारी के मुताबिक मिश्राइन गोटिया गांव की खीलावती को रक्तस्रवाव की समस्या पर एक मल्टी स्पेशएलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. बीते 7 जुलाई को महिला का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के बाद महिला की बच्चेदानी में संक्रमण हो गया. महिला को निजी अस्पताल द्वारा डिस्चार्ज कर दिया गया और फॉर्म में किसी प्रकार की परेशानी होने का जिक्र नहीं किया गया.
जब महिला की परेशानी बढ़ गई तो परिजन दोबारा महिला को उसी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टर 3 महीने तक महिला का इलाज करते रहे लेकिन कोई आराम नहीं मिला. जिसके बाद परिजन महिला को स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने जब महिला के पेट का सीटी स्कैन कराया तो पता लगा कि पेट में ऑपरेशन के दौरान एक स्पंज छोड़ दिया गया था. जिसके कारण महिला को इंफेक्शन हो गया. आरोप है कि महिला का ठीक से इलाज नहीं हुआ, जिसके कारण हालत बिगड़ गई. निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने महिला को बरेली के हॉस्पिटल में भर्ती कराने की बात कही. परिजन उसे लेकर बरेली पहुंचे, जहां 5 दिसंबर को उपचार के दौरान मरीज की मौत हो गई.
परिजनों का आरोप है कि निजी हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही करते हुए स्पंज अंदर ही छोड़ दिया. जिससे महिला की परेशानी बढ़ गई. परिजनों को पूरे मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई. परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से की है. वहीं पीलीभीत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. अगर कोई शिकायत मिलती है तो निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाएगी.