पटना: आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. शारदीय नवरात्र के दौरान शहर से लेकर गांव तक लोग मां दुर्गा की आराधना में जुटे हैं. इस दौरान भक्त मां शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह से आराधना और साधना में जुटे हैं. ऐसे ही पटना में एक भक्त पुजारी नागेश्वर बाबा हैं, जो सीने पर 21 कलश रखकर मां की आराधना में जुटे हैं. ऐसा नहीं कि नागेश्वर बाबा कोई ये पहली बार कर रहे हैं. ये उनका 28वां वर्ष है.
नवरात्रि का पहला दिन और सीने पर 21 कलश: पटना के पुनाई चक स्थित नौलखा मंदिर के पुजारी बाबा नागेश्वर ने सीने पर 21 कलश स्थापित कर लिया. वे अगले नौ दिनों तक निर्जला, बिना नित्यक्रिया के सीने पर कलश लिए लेटे रहेंगे. 65 वर्षीय नागेश्वर बाबा का कहना है कि मानव का कल्याण हो और धर्म की रक्षा हो, इसी निमित वे मां की आराधना करते हैं. उन्होंने कहा कि बस माता का आशीर्वाद है जो मैं उनकी आराधना कर पाता हूं.
"मानव का कल्याण हो और धर्म की रक्षा हो, इसी निमित वे मां की आराधना करते हैं. बस माता की कृपा है जो मैं उनकी आराधना कर पाता हूं. 28 सालों से मां साधना करता हूं." - नागेश्वर बाबा, पुजारी
एक कलश से की साधना की शुरुआत: बताया जाता है कि उन्होंने शुरुआत एक कलश रख कर की थी, फिर इसकी संख्या साल दर साल बढ़ती चली गई. नौलखा मंदिर के संरक्षक विजय यादव का कहना है कि इस दुर्गा मंदिर में जो भी भक्त अपने मनोकामना को लेकर आते हैं निश्चित तौर पर मां दुर्गा उनकी मनोकामना को पूर्ण करती है. नागेश्वर बाबा की आस्था ही उन्हें शक्ति प्रदान करती है. नौ दिनों के बाद जब बाबा उठते हैं तब भी अन्य दिनों की भांति चलते हैं. कोई प्रभाव नहीं पड़ता. ये सब माता की कृपा है.
"पुजारी नागेश्वर बाबा अपने सीने पर 21 कलश लेकर साधना करते हैं. सिर्फ पटना से ही नहीं बिहार के कई जिलों से यहां पर भक्त पहुंचते हैं. मंदिर कमेटी के तरफ से उन भक्तों को रहने खाने की भी फ्री व्यवस्था की जाती है.अष्टमी के दिन से ही भक्तों के लिए यहां भंडारा शुरू हो जाता है." - विजय यादव, संरक्षक, नौलखा मंदिर
महाअष्टमी में दिनभर लगता है भंडारा: विजय यादव ने कहा कि बाबा को देखने के लिए दूर दराज से भी लोग पहुंचते हैं. इसके अलावा नौलखा मंदिर में लोग मां की पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. नागेश्वर बाबा राजधानी पटना में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. शारदीय नवरात्र के अवसर पर इस मंदिर में सुबह शाम मां दुर्गा की आरती होती है. मंदिर कमेटी के तरफ से अष्टमी के दिन से ही भक्तों के लिए यहां भंडारा शुरू हो जाता है. कन्या पूजन के बाद मंदिर में 24 घंटे भंडारा की व्यवस्था की जाती है.
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