दुर्ग : जिले में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत स्कूल के एडमिशन में फर्जीवाड़ा सामने आया है. दो पालकों ने अपने ही बच्चों को एडमिशन दिलाने को लेकर गलत जानकारी दी है. जिला शिक्षा अधिकारी ने इन दोनों पालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए एसपी जितेंद्र शुक्ला को पत्र भेजा है.
डीईओ ने एसपी को लिखा पत्र : दुर्ग जिले के 528 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश देने आनलाइन आवेदन मंगाया गया था. नोडल अधिकारियों ने आवेदनों की जांच कर सत्यापित किया और शासन स्तर पर लाटरी निकालकर सीटें भी आंवटित की. लेकिन कुछ बच्चों को एक से अधिक स्कूल आवंटित कर दिया गया. इसकी जानकारी लगते ही जिला शिक्षा विभाग ने संज्ञान में लेते हुए जांच कराया. जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने संबंधित पालक भुनेश्वर कुमार निनांबे और बनारसी साहनी के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए दुर्ग पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है.
"शिक्षा का अधिकार 2024-25 के लिए एडमिशन में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. जांच के बाद यह जानकारी सामने आई कि पालक भुवनेश्वर कुमार निनांबे और बनारसी साहनी ने अलग अलग पता लिखकर अपने बच्चों के प्रवेश के लिए एक से अधिक स्कूलों में आवेदन किया है. धोखाधड़ी सामने आने पर हमने पुलिस अधीक्षक को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है." - अरविंद मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी, दुर्ग
घर की दूरी गलत बताए जाने का संदेह : आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया है. इसके मुताबिक, निजी स्कूल के एक किमी के दायरे में रहने वाले बीपीएल पालक अपने बच्चों को आरटीई के तहत दाखिला कराने आवेदन कर सकते हैं. लेकिन प्रवेश के लिए जो 140 आवेदन आए हैं, उसमें निजी स्कूलों से अपने घर की दूरी गलत बताए जाने का संदेह हैं.