दुर्ग: जिले में दुर्ग रेंज के लिए रीजनल फोरेंसिक साइंस लैब भिलाई सेक्टर-4 में बनकर तैयार हो गया है. 30 जनवरी को भिलाई के सेक्टर 4 में प्रदेश का चौथा फॉरेंसिक लैब का उद्घाटन किया जाना है, इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है.
नए लैब से मामले निपटारे में आयेगी तेजी: दुर्ग रेंज का रीजनल फोरेंसिक साइंस लैब शुरु होते ही मुकदमों की जांच पड़ताल करने वाले अधिकारियों को कम समय में वैज्ञानिक सहायता मिल सकेगी. इसके साथ ही घटना के साक्ष्यों को कलेक्ट कर जल्द फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा जा सकेगा. साथ ही घटनाओं से जुड़े किसी भी सैंपल की जांच रिपोर्ट लेकर ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
पहले सैंपल जांच के लिए रायपुर एफएसएल भेजना पड़ता था, लेकिन अब सेक्टर 4 स्थित फोरेंसिक लैब में इसकी जांच हो सकेगी. निश्चित रूप से क्राइम से निपटने के लिए समय कम लगेगा. - डॉ पंकज ताम्रकार, प्रभारी, फोरेंसिक लैब
दुर्ग संभाग के सभी जिलों को मिलेगा लाभ: पहले बिसरा टेस्ट, डायटम टेस्ट सहित के अन्य जिलों की पुलिस को एफएसएल रायपुर पर निर्भर रहना पड़ता था. प्रदेश में एक ही एफएसएल होने के कारण वहां पर काम का बोझ काफी अधिक रहता हैं, जिसके चलते रिपोर्ट आने में काफी ज्यादा समय लग जाता है. लेकिन अब दुर्गम में फोरेंसिक लैब खुलने से मामले के निपटारे में तेजी आयेगी. यहां दुर्ग के अलावा अन्य जिलों के सैंपल की भी जांच हो सकेगी. जिनमें राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, खैरागढ़-गंडई-छुईखदान और मानपुर-मोहला चौकी शामिल हैं. इससे रायपुर एफएसएल पर काम का बोझ भी कम होगी.