दुमकाः जिला अदालत ने दो साल पहले 17 वर्षीय प्रेमी की हत्या मामले में दो आरोपी शिवानी किस्कू और उसकी सहेली अनीता सोरेन को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और दस हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं एक अन्य आरोपी जीतलाल मरांडी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
14 गवाहों ने दिए अपने बयान
दुमका के तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राजेश सिन्हा की अदालत में बुधवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी खुशबूद्दीन अली ने बहस की. 14 गवाह पेश किए गए. गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने दोनों को दोषी पाया और सजा सुनाई.
क्या है पूरा मामला
दुमका जिले के जामा थाना क्षेत्र के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय महादेव रायडीह की शिक्षिका मिनौती मकलु मरांडी ने सात जुलाई 2022 को जामा थाना में अनीता साेरेन, शिवानी किस्कू और जीतलाल मरांडी के खिलाफ अपने पुत्र की हत्या का मामला दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया था कि उसका बेटा अगस्टीन टुडू थोड़ी देर में आने की बात कहकर घर से निकला. काफी देर तक वापस नहीं आया तो खोजबीन की.
इसी क्रम में गांव के कुछ लोगों से पता चला कि उसका बेटा तीनों आरोपियों के साथ चूटोनाथ पहाड़ी की ओर जाते हुए देखा है. शिक्षिका तीनों के घर गई, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया. देर शाम को पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. गायब होने के दो सप्ताह बाद शिवानी किस्कू की गिरफ्तारी हुई. उसकी निशानदेही पर बचे हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया.
तीनों की निशानदेही पर चुटो पहाड़ के ऊपर उक्त युवक का सड़ा गला शव बरामद हुआ. पूछताछ में शिवानी ने बताया कि उसने अगस्टिन से शादी करने के लिए अपना सब कुछ साैंप दिया था. इसके बाद भी वह ऊपर बहाल गांव की एक अन्य युवती से प्यार करने लगा. सात जुलाई को उसने अगस्टीन को पहाड़ पर ले जाकर उससे कहा कि वह उसे छोड़ दे.
वह तैयार तो नहीं हुआ इसके उलट वह मारपीट करने लगा. शोर मचाने पर शिवानी किस्कू को उसकी सहेली अनीता और एक अन्य परिचित जीतलाल ने आकर बचाने का प्रयास किया तो उनसे भी मारपीट करने लगा. गुस्से में आकर जीतलाल ने पीछे से पकड़ लिया और दोनों ने उसकी निकर के ही नाड़े से गला घोंट कर मार दिया और शव को पहाड़ के ऊपर ही फेंक दिया. जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया था.
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