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एमओयू खत्म हुआ, 38 करोड़ का बकाया भी नहीं चुकाया, आरसीए को दी गई संपत्तियों पर खेल परिषद ने लिया कब्जा

आरसीए पर बकाया चल रहे करीब 38 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किए जाने और एमओयू खत्म होने के बाद शुक्रवार को खेल परिषद ने आरसीए को दी गई सभी संपत्तियों पर अपना कब्जा लिया. आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने कहा कि आरसीए ने एमओयू एक्सटेंड करने के लिए सरकार को लिखा था. एमओयू एक्सटेंड क्यों नहीं किया गया, इसकी जानकारी नहीं दी.

Rs 38 crores outstanding on RCA,  Big action of Sports Council
एमओयू खत्म हुआ, 38 करोड़ का बकाया भी नहीं चुकाया.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 23, 2024, 8:22 PM IST

एमओयू खत्म हुआ, 38 करोड़ का बकाया भी नहीं चुकाया.

जयपुर. खेल परिषद की ओर से आरसीए को संपत्तियां खाली करने के लिए शुक्रवार शाम 4:30 बजे तक का समय दिया गया था. समय पूरा होने के साथ ही एसएमएस स्टेडियम, आरसीए ऑफिस, एकेडमी और होटल को कब्जे में लेते हुए उस पर ताला जड़ दिया. साथ ही आरसीए के बैंक खाते को सीज करने को लेकर बैंक को चिट्ठी भी लिखी है. आरसीए अध्यक्ष ने इसे सत्ता परिवर्तन का असर बताया. वहीं, खेल परिषद सचिव ने आरसीए की ओर से एमओयू की किसी भी शर्त की पालना नहीं किए जाने की बात कही.

38 करोड़ का बकाया : सवाई मानसिंह स्टेडियम में आईपीएल से ठीक पहले शुक्रवार को खेल परिषद ने बड़ा एक्शन लेते हुए आरसीए को दी गई सभी संपत्तियों पर अपना कब्जा ले लिया. आरसीए पर करीब 29 करोड़ का पुराना बकाया, वर्तमान एमओयू का 5 करोड़ का बकाया और करीब साढ़े तीन करोड़ का बिजली बिल का भुगतान बकाया था. खेल परिषद की ओर से की गई इस कार्रवाई को लेकर आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने कहा कि आरसीए ने एमओयू एक्सटेंड करने के लिए सरकार को लिखा था. एमओयू एक्सटेंड क्यों नहीं किया गया, इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन दो दिन पहले ही ये पता लगा कि आरसीए एकेडमी और दूसरी संपत्तियों को खाली करने का नोटिस आया. इसे खाली करने के लिए भी बहुत कम समय दिया गया. इससे जो भी खेल गतिविधियां चल रही हैं, उस पर भी इफेक्ट पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें-आरसीए का खेल पारिषद से एमओयू खत्म, IPL के आयोजन पर संशय के बादल

बकाया भुगतान का मामला कोर्ट में : वैभव गहलोत ने कहा कि बकाया भुगतान का मामला बरसों पुराना है, जो कोर्ट के अधीन चल रहा है. जहां तक आईपीएल के मैचों का सवाल है, तो आरसीए ने पहले भी शानदार आयोजन कराए हैं. ऐसे में एमओयू को लेकर दोबारा मांग रखी जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि आईपीएल के वेन्यू और लॉजिस्टिक का डिसीजन बीसीसीआई के पास रहता है, लेकिन बीते सालों में आरसीए ने जयपुर में हुए मैचों में कोई कमी नहीं आने दी. आगे भी यही चाहेंगे कि यहां जो क्रिकेट का माहौल है, उसको देखते हुए सब कुछ तरीके से निपटारा हो जाए. उन्होंने इस कार्रवाई के पीछे सत्ता परिवर्तन वजह होने के सवाल पर कहा कि बकाया भुगतान का मामला कोर्ट में है, एमओयू खत्म होने के बाद जगह खाली करने का समय भी बहुत कम दिया गया, तो ये तो खुद दिख रहा है. हालांकि इस सम्बंध में अब वकील से सलाह मशवरा किया जाएगा.

खेल और खिलाड़ियों पर असर नहीं : आरसीए के उपाध्यक्ष शक्ति सिंह ने बताया कि एमओयू समय पर हो जाना चाहिए था, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं हो पाया. अब एमओयू खत्म हो गया है, तो सरकार अपनी संपत्ति ले रही है. ये एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन इससे खेल और खिलाड़ियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए. जहां तक आईपीएल मुकाबलों का सवाल है तो इस संबंध में सरकार से बात करेंगे, ताकि राजस्थान रॉयल्स और बीसीसीआई को जो भी ज़रूरतें हैं, वो उन्हें समय पर उपलब्ध करा सकें. उन्होंने कहा कि आरसीए का जो भी बकाया है, वो पेमेंट आने पर कर दिया जाएगा. फिलहाल लंबे समय से बीसीसीआई से पेमेंट कम आ रहा था, जो आता था वो खेल एक्टिविटी में खर्च हो जाता था. स्टेडियम का भी काम चल रहा है. पैसा आएगा तो जरूर भुगतान कर दिया जाएगा.

वहीं, खेल परिषद की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर सचिव सोहन राम चौधरी ने स्पष्ट किया कि बकाया भुगतान का नोटिस वर्षों से दिया जा रहा है. इसी संबंध में हाल ही में पहले 9 फरवरी और फिर 21 फरवरी को नोटिस दिया गया. भुगतान चुकाने के बजाय उन्होंने एमओयू को 10 साल आगे बढ़ाने के लिए आवेदन किया था, ताकि खेल की गतिविधि जारी रह सके, लेकिन आरसीए की ओर से एमओयू की किसी भी शर्त का कभी भी पालन नहीं किया गया. सरकार के करीब 34 करोड़ रुपए बकाया हैं. बार-बार नोटिस देने के बाद भी बकाया नहीं चुकाया. एमओयू बढ़ाने की बात आई तब भी बकाया जमा करने का कोई जिक्र नहीं किया गया. एमओयू खत्म होने पर परिसंपत्तियों दोबारा सुपुर्द करने के लिए कहा गया, जिसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे में अब आरसीए को एसएमएस स्टेडियम कैंपस में जो भी संपत्तियां दी गई थी, उन्हें वापस ले लिया गया है, जिसमें स्टेडियम, एकेडमी, होटल और कार्यालय शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें-जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती, नोटिस जारी

खेलों को अच्छा बढ़ावा मिलेगा : सोहन राम चौधरी ने वैभव गहलोत की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भुगतान के सैकड़ों नोटिस दिए गए हैं. परिसंपत्तियां खाली करने के लिए भी नोटिस दिए गए हैं. यहां तक की आरसीए को अपना बिजली का कनेक्शन लेना था, वो तक नहीं लिया, जिसका करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए बकाया है. इस कार्रवाई का सरकार बदलने से कोई संबंध नहीं है. एमओयू खत्म हुआ तो परिसंपत्तियों पर कब्जा कर लिया. खेल परिषद के सचिव ने दावा किया कि आगामी दिनों में जो भी खेल होंगे सभी अच्छे से होंगे और वास्तविक खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा. खेलों को अच्छा बढ़ावा मिलेगा. वर्तमान खेल मंत्री खुद खिलाड़ी रहे हैं, उनकी मंशा है कि जो भी खेल सुविधा हैं, वो वास्तविक खिलाड़ी को मिले और यदि 1 रुपए भी आता है, तो वो खिलाड़ी और खेल की सुविधाओं पर लगे.

एमओयू खत्म हुआ, 38 करोड़ का बकाया भी नहीं चुकाया.

जयपुर. खेल परिषद की ओर से आरसीए को संपत्तियां खाली करने के लिए शुक्रवार शाम 4:30 बजे तक का समय दिया गया था. समय पूरा होने के साथ ही एसएमएस स्टेडियम, आरसीए ऑफिस, एकेडमी और होटल को कब्जे में लेते हुए उस पर ताला जड़ दिया. साथ ही आरसीए के बैंक खाते को सीज करने को लेकर बैंक को चिट्ठी भी लिखी है. आरसीए अध्यक्ष ने इसे सत्ता परिवर्तन का असर बताया. वहीं, खेल परिषद सचिव ने आरसीए की ओर से एमओयू की किसी भी शर्त की पालना नहीं किए जाने की बात कही.

38 करोड़ का बकाया : सवाई मानसिंह स्टेडियम में आईपीएल से ठीक पहले शुक्रवार को खेल परिषद ने बड़ा एक्शन लेते हुए आरसीए को दी गई सभी संपत्तियों पर अपना कब्जा ले लिया. आरसीए पर करीब 29 करोड़ का पुराना बकाया, वर्तमान एमओयू का 5 करोड़ का बकाया और करीब साढ़े तीन करोड़ का बिजली बिल का भुगतान बकाया था. खेल परिषद की ओर से की गई इस कार्रवाई को लेकर आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने कहा कि आरसीए ने एमओयू एक्सटेंड करने के लिए सरकार को लिखा था. एमओयू एक्सटेंड क्यों नहीं किया गया, इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन दो दिन पहले ही ये पता लगा कि आरसीए एकेडमी और दूसरी संपत्तियों को खाली करने का नोटिस आया. इसे खाली करने के लिए भी बहुत कम समय दिया गया. इससे जो भी खेल गतिविधियां चल रही हैं, उस पर भी इफेक्ट पड़ेगा.

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बकाया भुगतान का मामला कोर्ट में : वैभव गहलोत ने कहा कि बकाया भुगतान का मामला बरसों पुराना है, जो कोर्ट के अधीन चल रहा है. जहां तक आईपीएल के मैचों का सवाल है, तो आरसीए ने पहले भी शानदार आयोजन कराए हैं. ऐसे में एमओयू को लेकर दोबारा मांग रखी जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि आईपीएल के वेन्यू और लॉजिस्टिक का डिसीजन बीसीसीआई के पास रहता है, लेकिन बीते सालों में आरसीए ने जयपुर में हुए मैचों में कोई कमी नहीं आने दी. आगे भी यही चाहेंगे कि यहां जो क्रिकेट का माहौल है, उसको देखते हुए सब कुछ तरीके से निपटारा हो जाए. उन्होंने इस कार्रवाई के पीछे सत्ता परिवर्तन वजह होने के सवाल पर कहा कि बकाया भुगतान का मामला कोर्ट में है, एमओयू खत्म होने के बाद जगह खाली करने का समय भी बहुत कम दिया गया, तो ये तो खुद दिख रहा है. हालांकि इस सम्बंध में अब वकील से सलाह मशवरा किया जाएगा.

खेल और खिलाड़ियों पर असर नहीं : आरसीए के उपाध्यक्ष शक्ति सिंह ने बताया कि एमओयू समय पर हो जाना चाहिए था, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं हो पाया. अब एमओयू खत्म हो गया है, तो सरकार अपनी संपत्ति ले रही है. ये एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन इससे खेल और खिलाड़ियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए. जहां तक आईपीएल मुकाबलों का सवाल है तो इस संबंध में सरकार से बात करेंगे, ताकि राजस्थान रॉयल्स और बीसीसीआई को जो भी ज़रूरतें हैं, वो उन्हें समय पर उपलब्ध करा सकें. उन्होंने कहा कि आरसीए का जो भी बकाया है, वो पेमेंट आने पर कर दिया जाएगा. फिलहाल लंबे समय से बीसीसीआई से पेमेंट कम आ रहा था, जो आता था वो खेल एक्टिविटी में खर्च हो जाता था. स्टेडियम का भी काम चल रहा है. पैसा आएगा तो जरूर भुगतान कर दिया जाएगा.

वहीं, खेल परिषद की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर सचिव सोहन राम चौधरी ने स्पष्ट किया कि बकाया भुगतान का नोटिस वर्षों से दिया जा रहा है. इसी संबंध में हाल ही में पहले 9 फरवरी और फिर 21 फरवरी को नोटिस दिया गया. भुगतान चुकाने के बजाय उन्होंने एमओयू को 10 साल आगे बढ़ाने के लिए आवेदन किया था, ताकि खेल की गतिविधि जारी रह सके, लेकिन आरसीए की ओर से एमओयू की किसी भी शर्त का कभी भी पालन नहीं किया गया. सरकार के करीब 34 करोड़ रुपए बकाया हैं. बार-बार नोटिस देने के बाद भी बकाया नहीं चुकाया. एमओयू बढ़ाने की बात आई तब भी बकाया जमा करने का कोई जिक्र नहीं किया गया. एमओयू खत्म होने पर परिसंपत्तियों दोबारा सुपुर्द करने के लिए कहा गया, जिसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे में अब आरसीए को एसएमएस स्टेडियम कैंपस में जो भी संपत्तियां दी गई थी, उन्हें वापस ले लिया गया है, जिसमें स्टेडियम, एकेडमी, होटल और कार्यालय शामिल हैं.

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खेलों को अच्छा बढ़ावा मिलेगा : सोहन राम चौधरी ने वैभव गहलोत की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भुगतान के सैकड़ों नोटिस दिए गए हैं. परिसंपत्तियां खाली करने के लिए भी नोटिस दिए गए हैं. यहां तक की आरसीए को अपना बिजली का कनेक्शन लेना था, वो तक नहीं लिया, जिसका करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए बकाया है. इस कार्रवाई का सरकार बदलने से कोई संबंध नहीं है. एमओयू खत्म हुआ तो परिसंपत्तियों पर कब्जा कर लिया. खेल परिषद के सचिव ने दावा किया कि आगामी दिनों में जो भी खेल होंगे सभी अच्छे से होंगे और वास्तविक खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा. खेलों को अच्छा बढ़ावा मिलेगा. वर्तमान खेल मंत्री खुद खिलाड़ी रहे हैं, उनकी मंशा है कि जो भी खेल सुविधा हैं, वो वास्तविक खिलाड़ी को मिले और यदि 1 रुपए भी आता है, तो वो खिलाड़ी और खेल की सुविधाओं पर लगे.

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