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केदारनाथ धाम तक रॉ-मटेरियल पहुंचाना बना चुनौती, पैदल मार्ग को दुरुस्त करने में जुटे 270 मजदूर - Repair of Kedarnath Trekking Route

Repair of Kedarnath Trekking Route केदारनाथ धाम तक रॉ-मटेरियल पहुंचाना चुनौती बन गया है. आपदा से क्षतिग्रस्त राजमार्ग के तीन सौ मीटर हिस्से में तेजी से कार्य चल रहा है. पैदल मार्ग को दुरूस्त करने में 270 मजदूर जुटे हैं. मंदाकिनी नदी में ट्रॉली लगाई जा रही है.

Repair of Kedarnath Trekking Route
केदारनाथ धाम तक रॉ-मटेरियल पहुंचाना बना चुनौती (PHOTO-ETY Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 22, 2024, 8:04 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग में आई आपदा के कारण ध्वस्त हुए पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग की स्थिति को सुधारने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. आपदा से पैदल मार्ग जहां कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया था, वहीं सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग का 300 मीटर हिस्सा भी पूरी तरह मंदाकिनी नदी में समा गया. राजमार्ग से लेकर पैदल मार्ग पर निरंतर कार्य होने से पैदल यात्रा मार्ग से केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं में भी खुशी देखने को मिल रही है.

गत 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग में आई त्रासदी से बहुत सारा नुकसान राजमार्ग से लेकर पैदल मार्ग में हुआ है. आपदा के बाद से प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है. जहां पैदल मार्ग को आवाजाही लायक बना दिया गया है. वहीं राजमार्ग को भी तेजी के साथ दुरुस्त करते हुए मंदाकिनी नदी किनारे सुरक्षा दीवारों का निर्माण कार्य किया जा रहा है. हालांकि, बीच-बीच में मौसम भी निर्माण कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहा है. बावजूद इसके निर्माण एजेंसी पैदल मार्ग और राजमार्ग को दुरुस्त करने में जुटी हुई हैं.

लगातार हो रही बारिश के कारण पैदल यात्रा मार्ग पर कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं. जबकि मंदाकिनी नदी का जल स्तर भी बढ़ रहा है. ऐसे में निर्माण एजेंसियों के सामने चुनौतियां बनी हुई हैं. निर्माण खंड गुप्तकाशी की ओर से सोनप्रयाग वैली ब्रिज से पहले और मंदाकिनी नदी के दायीं ओर से मुनकटिया के करीब तक लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल मार्ग निर्मित किया जा रहा है. इस पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी के दोनों छोरों तक पहुंचने के लिए दो फोल्डिंग ब्रिज भी प्रस्तावित हैं. 22 और 24 मीटर स्पान के दो पुलों की मदद से यात्री मुनकटिया के रास्ते गौरीकुंड पहुंच सकेगा. अभी मंदाकिनी नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण निर्माण कार्य बार-बार बाधित हो रहे हैं. इसके साथ-साथ मंदाकिनी नदी पर ट्रॉली भी निर्मित की जा रही है.

राष्ट्रीय राजमार्ग के ध्वस्त होने के कारण केदारनाथ धाम में खाद्यान्न, रसोई गैस और विभिन्न विभागों के गतिमान कार्यों के रॉ मटेरियल ले जाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं. निर्माण खंड गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि आपदा से केदारनाथ पैदल मार्ग जंगलचट्टी, टीएफ प्वाइंट, लिनचोली, कुबेर ग्लेशियर और भीमबली आदि स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था. यहां पर फिलहाल व्यवस्था के तौर पर आवाजाही शुरू हो चुकी है. निर्माण कार्य लगातार जारी हैं और रास्ते को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही पैदल मार्ग को पूर्ण रूप से दुरुस्त कर लिया जाएगा, जिसके बाद आवाजाही सुचारू रूप से होती रहेगी. बताया कि वर्तमान में विभाग के 270 मजदूर पैदल मार्गों को यात्रा के लिए बहाल करने की पुरजोर कोशिशों में जुटे हुए हैं. विभागीय अभियंता और कर्मचारी जगह-जगह खुद डटकर कार्य करवा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः चिनूक से केदारनाथ धाम पहुंची दो गोल्फ कार्ट कार, दिव्यांग और बुजुर्गों को मिलेगी सुविधा

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग में आई आपदा के कारण ध्वस्त हुए पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग की स्थिति को सुधारने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. आपदा से पैदल मार्ग जहां कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया था, वहीं सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग का 300 मीटर हिस्सा भी पूरी तरह मंदाकिनी नदी में समा गया. राजमार्ग से लेकर पैदल मार्ग पर निरंतर कार्य होने से पैदल यात्रा मार्ग से केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं में भी खुशी देखने को मिल रही है.

गत 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग में आई त्रासदी से बहुत सारा नुकसान राजमार्ग से लेकर पैदल मार्ग में हुआ है. आपदा के बाद से प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है. जहां पैदल मार्ग को आवाजाही लायक बना दिया गया है. वहीं राजमार्ग को भी तेजी के साथ दुरुस्त करते हुए मंदाकिनी नदी किनारे सुरक्षा दीवारों का निर्माण कार्य किया जा रहा है. हालांकि, बीच-बीच में मौसम भी निर्माण कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहा है. बावजूद इसके निर्माण एजेंसी पैदल मार्ग और राजमार्ग को दुरुस्त करने में जुटी हुई हैं.

लगातार हो रही बारिश के कारण पैदल यात्रा मार्ग पर कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं. जबकि मंदाकिनी नदी का जल स्तर भी बढ़ रहा है. ऐसे में निर्माण एजेंसियों के सामने चुनौतियां बनी हुई हैं. निर्माण खंड गुप्तकाशी की ओर से सोनप्रयाग वैली ब्रिज से पहले और मंदाकिनी नदी के दायीं ओर से मुनकटिया के करीब तक लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल मार्ग निर्मित किया जा रहा है. इस पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी के दोनों छोरों तक पहुंचने के लिए दो फोल्डिंग ब्रिज भी प्रस्तावित हैं. 22 और 24 मीटर स्पान के दो पुलों की मदद से यात्री मुनकटिया के रास्ते गौरीकुंड पहुंच सकेगा. अभी मंदाकिनी नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण निर्माण कार्य बार-बार बाधित हो रहे हैं. इसके साथ-साथ मंदाकिनी नदी पर ट्रॉली भी निर्मित की जा रही है.

राष्ट्रीय राजमार्ग के ध्वस्त होने के कारण केदारनाथ धाम में खाद्यान्न, रसोई गैस और विभिन्न विभागों के गतिमान कार्यों के रॉ मटेरियल ले जाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं. निर्माण खंड गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि आपदा से केदारनाथ पैदल मार्ग जंगलचट्टी, टीएफ प्वाइंट, लिनचोली, कुबेर ग्लेशियर और भीमबली आदि स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था. यहां पर फिलहाल व्यवस्था के तौर पर आवाजाही शुरू हो चुकी है. निर्माण कार्य लगातार जारी हैं और रास्ते को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही पैदल मार्ग को पूर्ण रूप से दुरुस्त कर लिया जाएगा, जिसके बाद आवाजाही सुचारू रूप से होती रहेगी. बताया कि वर्तमान में विभाग के 270 मजदूर पैदल मार्गों को यात्रा के लिए बहाल करने की पुरजोर कोशिशों में जुटे हुए हैं. विभागीय अभियंता और कर्मचारी जगह-जगह खुद डटकर कार्य करवा रहे हैं.

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