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प्रदेश में मौसमी बीमारियों का प्रकोप, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त - Leaves Of Doctors Cancelled - LEAVES OF DOCTORS CANCELLED

प्रदेश में मौसमी बीमारियों के प्रकोप के चलते चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने चिकित्सकों और स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त कर दिए हैं. साथ ही मौसमी बीमारियों के लिए डेडिकेटेड ओपीडी संचालित करने की बात कही है.

Leaves Of Doctors Cancelled
चिकित्सकों और स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 24, 2024, 8:33 PM IST

जयपुर: प्रदेश में मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार जारी है. इसके बाद देर शाम चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली और मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों के लिए डेडिकेटेड ओपीडी संचालित की जाए. साथ ही उन्होंने चिकित्साकर्मियों के अवकाश निरस्त किए हैं.

चिकित्सक ना लें अवकाश: चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के बड़े चिकित्सा संस्थान, जहां रोगी भार अधिक है, वहां मौसमी बीमारियों के लिए डेडीकेटेड ओपीडी का संचालन किया जाएगा. साथ ही, प्रदेश में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त किए गए हैं. विभागीय कार्मिक अति आवश्यक स्थिति में सक्षम स्तर से अनुमति उपरांत ही अवकाश पर जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मौसमी बीमारियों को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं. मंत्री ने निर्देश दिए कि बैड्स, दवा एवं जांच आदि को लेकर मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. चिकित्सक आवश्यक रूप से चिकित्सा संस्थानों में उपस्थित रहें.

पढ़ें: प्रदेश में डेंगू आउट ऑफ कंट्रोल: जयपुर के सरकारी अस्पतालों में 24 घंटे डेडिकेटेड ओपीडी शुरू - 24 Hours OPD for Seasonal Diseases

नए पदस्थापन स्थान पर तत्काल करें ज्वाइन: चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन चिकित्सकों या पैरामेडिकल स्टाफ ने पदोन्नति या पदस्थापन के बाद ज्वाइन नहीं किया है, वे तत्काल रूप से अपने पदस्थापन स्थान पर उपस्थिति दें. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें. रोगियों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो.

पढ़ें: ज्यादा बारिश और जलभराव से मौसमी बीमारियों का कहर, अलर्ट पर राजस्थान - Seasonal diseases in Rajasthan

खींवसर ने मौसमी बीमारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारी चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण कर वहां मौसमी बीमारियों के प्रबंधन की जांच करें. साथ ही, राज्य स्तर पर इस संबंध में नियमित रिपोर्ट प्रेषित की जाएं. दवा, जांच किट या अन्य संसाधनों की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो. किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल उच्च स्तर पर अवगत कराया जाए.

जयपुर: प्रदेश में मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार जारी है. इसके बाद देर शाम चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली और मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों के लिए डेडिकेटेड ओपीडी संचालित की जाए. साथ ही उन्होंने चिकित्साकर्मियों के अवकाश निरस्त किए हैं.

चिकित्सक ना लें अवकाश: चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के बड़े चिकित्सा संस्थान, जहां रोगी भार अधिक है, वहां मौसमी बीमारियों के लिए डेडीकेटेड ओपीडी का संचालन किया जाएगा. साथ ही, प्रदेश में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त किए गए हैं. विभागीय कार्मिक अति आवश्यक स्थिति में सक्षम स्तर से अनुमति उपरांत ही अवकाश पर जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मौसमी बीमारियों को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं. मंत्री ने निर्देश दिए कि बैड्स, दवा एवं जांच आदि को लेकर मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. चिकित्सक आवश्यक रूप से चिकित्सा संस्थानों में उपस्थित रहें.

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नए पदस्थापन स्थान पर तत्काल करें ज्वाइन: चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन चिकित्सकों या पैरामेडिकल स्टाफ ने पदोन्नति या पदस्थापन के बाद ज्वाइन नहीं किया है, वे तत्काल रूप से अपने पदस्थापन स्थान पर उपस्थिति दें. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें. रोगियों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो.

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खींवसर ने मौसमी बीमारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारी चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण कर वहां मौसमी बीमारियों के प्रबंधन की जांच करें. साथ ही, राज्य स्तर पर इस संबंध में नियमित रिपोर्ट प्रेषित की जाएं. दवा, जांच किट या अन्य संसाधनों की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो. किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल उच्च स्तर पर अवगत कराया जाए.

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