नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पिछले एक महीने से बढ़ गई है. दिल्ली सरकार लगातार प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाने की बात कह रही है. लेकिन उन प्रयासों का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले काफी समय से 300 के ऊपर बना हुआ था, जो अभी 2 दिन पहले 300 से नीचे आ गया है.
लेकिन, एक्यूआई की यह स्थिति भी खतरनाक मानी जाती है. इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, सीने में दर्द जैसी शिकायतें भी होने लगी है. खांसी और जुकाम की समस्या भी प्रदूषण की वजह से बढ़ी है. अधिकांश लोगों को गले में खराश जैसी शिकायत भी हो रही है. दिल्ली के कई अस्पताल में इस तरह के मरीज भी बढ़े हैं. वहीं, जो प्रमुख रूप से पटेल चेस्ट अस्पताल हैं. उनमें मरीजों की संख्या आम दिनों के मुकाबले थोड़ी सी बढ़ी है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस स्थित पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट में भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद सांस, दमा और सीने में दर्द की शिकायत के 20 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं. यहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर प्रतीक ने बताया कि अभी मरीजों की संख्या इतनी नहीं बढ़ी है कि उनको मैनेज करने में दिक्कत हो. मरीजों की अधिक संख्या दिवाली पर होने वाले प्रदूषण से बढ़ती है. दिवाली के बाद सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और दमे की शिकायत के मरीज ज्यादा आते हैं. अभी फिलहाल जिन मरीजों को पहले से सांस की बीमारी या सीने में दर्द की शिकायत है उन मरीजों की समस्या थोड़ी सी बढ़ी हुई है. नए मरीज बहुत ज्यादा नहीं आ रहे हैं.
बच्चे-बुजुर्गों के लिए जरूरी TIPS
- प्रदूषण के इस संकट में बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम को न टहलें.
- घर से मास्क लगाकर ही बाहर जाएं. दमा रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
- दमे के रोगी दवा नियमित समय पर लें.
डॉ. प्रतीक ने बताया कि जिन मरीजों की उम्र 70 साल से अधिक है और उन्हें सांस या दमे की बीमारी है. इसके साथ वह किसी और दूसरी बीमारी से भी पीड़ित हैं तो उनको भर्ती करने की जरूरत पड़ जाती है. लेकिन, अभी फिलहाल इस तरह के मरीज ज्यादा नहीं आ रहे हैं. वहीं, दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भी सांस संबंधी समस्या सीओपीडी के मरीज बढ़े हैं. जबकि, आरएमएल, एम्स और सफदरजंग में अभी स्थिति सामान्य है. वहां पर सांस और सीने में दर्द की समस्या के मरीजों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.
समझें क्या होता है AQI: एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.
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