जयपुर : प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है. इस बार बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राजधानी जयपुर में अच्छी बारिश होने से प्राचीन जल स्रोतों में भी पानी की आवक हुई है. जयपुर के आसपास के इलाकों में स्थित प्राचीन जल स्रोतों में भी पानी लबालब भर गया है. आमेर की सागर झील में करीब 13 साल बाद पानी भरा नजर आया. आमेर के मावठा सरोवर में भी पानी की अच्छी आवक हुई है.
सागर झील में पानी भरने से काफी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक भी देखने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन सागर बांध पर लीकेज होने की वजह से पानी बाहर निकल रहा है. पानी के लीकेज से बड़ा हादसा होने की भी आशंका बनी हुई है. जयपुर में एक के बाद एक लगातार जल स्रोतों में डूबने से लोगों की मौत की घटनाएं भी सामने आ रही है. ऐसे में जल स्रोतों पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाने चाहिए.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि आमेर में सागर बांध पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं है. एसडीएम और प्रशासन को इस समस्या के संबंध में अवगत करवाया गया है, लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया. सिविल डिफेंस कर्मी भी मौके पर तैनात नहीं है. सागर झील में 13 साल बाद मोरी लगी है. सागर की मोरी लगने से बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं. मोरी लगने से स्थानीय लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिल रही है. जयपुर के तालाब, झील, सागर, मावठा सरोवर और बावड़ियों में भी पानी भरा है.
आमेर के सागर, मावठा सरोवर के भरने से आमेर का जलस्तर भी बढ़ेगा. आमेर में काफी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं. जल स्रोतों में पानी की अच्छी आवक होने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. पानी ज्यादा भरने से दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी हुई है. सागर झील पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. रेलिंग भी टूटी हुई है. ऐसे में प्रशासन की ओर से सुरक्षा के इंतजाम किए जाने चाहिए. सिविल डिफेंस कर्मियों को मौके पर तैनात करना चाहिए.