नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव वर्ष 2024-25 सत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार शाम तीन बजे खत्म हो गई. अंतिम दिन दोपहर से ही प्रत्याशियों ने नामांकन के लिए आना शुरू कर दिया था. एबीवीपी, एनएसयूआई, आइसा और एसएफआई की ओर से कुल 15 से ज्यादा प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. एबीवीपी की ओर से छह, जबकि आइसा और एसएफआई की ओर से पांच-पांच प्रत्याशियों ने चार पदों के लिए नामांकन किया है.
वहीं, एनएसयूआई से भी पांच प्रत्याशियों ने नामांकन किया. नामांकन पत्रों की जांच के बाद सभी संगठन कल 20 सितंबर को नामांकन वापसी के बाद अपने-अपने प्रत्याशियों को अंतिम रूप देंगे. डूसू चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के बाद 4 सितंबर से डूसू चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई थी. अब नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 20 सितंबर को नामांकन पत्रों की वापसी के बाद बाकी बचे प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी. इसके बाद प्रत्याशियों को बैलट नंबर आवंटित कर दिए जाएंगे.
नामांकन के अंतिम दिन आज नामांकन ऑफिस के बाहर दिल्ली पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा अर्धसैनिक बल के जवानों की भी तैनाती थी. उधर, नामांकन के लिए आने वाले प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थकों की भीड़ आने के चलते डीयू के आर्ट्स फैकल्टी के सामने स्थित गेट नंबर 4 को बंद ही रखा गया. प्रत्याशियों के अलावा यहां से और किसी को जाने की अनुमति नहीं थी.
पुलिस ने बैरिकेड लगाकर गेट के बाहर छात्रों को रोकने की व्यवस्था की थी. बिना जांच के किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था. बावजूद इसके विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से आर्ट्स फैकल्टी की ओर जाने वाले छात्रा मार्ग पर पूरे दिन जाम की स्थिति रही. बड़ी संख्या एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्र कार्यकर्ता अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए गाड़ियों का काफिला लेकर पहुंचे थे.
बता दें, इससे पहले तय कार्यक्रम के अनुसार डूसू चुनाव के लिए 17 सितंबर को नामांकन की आखिरी तारीख थी. लेकिन, कुलसचिव कार्यालय द्वारा तारीख में संशोधन करके इसे 19 सितंबर कर दिया था. हालांकि, मतदान 27 सितंबर को ही होगा और मतगणना 28 सितंबर को होगी. चुनाव के चलते दिल्ली विश्वविद्यालय के आसपास के सभी मार्ग बैनर, पोस्टर और पैंपलेट से पटे हुए देखे जा सकते हैं. हालांकि, छात्र संघ चुनाव में बैनर, पोस्टर और किसी भी छपी हुई सामग्री के साथ प्रचार करने की अनुमति नहीं है. लेकिन, इसके बावजूद भी छात्र संगठनों द्वारा अचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
ये भी पढ़ें: