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DU का सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटा समानता के अधिकार का उल्लंघन है, सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने हाईकोर्ट में दी दलील - Single Girl Child Quota Case

Delhi University Admission 2024: सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने एडमिशन में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का विरोध किया है. दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कॉलेज ने कहा कि ये समानता के अधिकार का उल्लंघन है.

सेंट स्टीफेंस कॉलेज की फाइल फोटो.
सेंट स्टीफेंस कॉलेज की फाइल फोटो. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 4, 2024, 10:41 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने कहा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से सिंगल गर्ल चाइल्ड को अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला देने के लिए कोटा देने का फैसला समानता के अधिकार का उल्लंघन है. सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने ये दलील बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच इस मामले पर कल यानि 5 सितंबर को भी सुनवाई जारी रखेगी.

सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने हाल में सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे की 12 छात्राओं को नामांकन देन से इनकार कर दिया था. कॉलेज की ओर से पेश वकील रोमी चाको ने कहा कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14, 15(3), 15(5) और 30 का उल्लंघन है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या इसके पहले सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे की नीति का कभी विरोध किया है? तब चाको ने कहा कि कॉलेज ने इस नीति का कभी विरोध तो नहीं किया है लेकिन वो ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है, क्योंकि ये साफ नहीं है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी किस आधार पर इसे लागू कर रही है.

उन्होंने कहा कि अगर एक सिंगल गर्ल चाइल्ड के दाखिले की बात हो कॉलेज को कोई समस्या नहीं है, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी कह रही है कि अगर 13 प्रोग्राम हैं तो 13 सिंगल गर्ल चाइल्ड का दाखिला करना होगा. ऐसा करना कानून सम्मत नहीं है. सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश वकील मोहिंदर रुपल ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि कॉलेज ने कभी भी इसके पहले इस नीति का विरोध नहीं किया है. तब कोर्ट ने कहा कि कॉलेज को इस नीति का विरोध अलग से करना चाहिए था. कॉलेज की दलील है कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का कोई कानूनी आधार नहीं है. और जब कानूनी आधार नहीं है तो इसके लागू कैसे किया जा सकता है?

नई दिल्लीः दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने कहा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से सिंगल गर्ल चाइल्ड को अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला देने के लिए कोटा देने का फैसला समानता के अधिकार का उल्लंघन है. सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने ये दलील बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच इस मामले पर कल यानि 5 सितंबर को भी सुनवाई जारी रखेगी.

सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने हाल में सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे की 12 छात्राओं को नामांकन देन से इनकार कर दिया था. कॉलेज की ओर से पेश वकील रोमी चाको ने कहा कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14, 15(3), 15(5) और 30 का उल्लंघन है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या इसके पहले सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे की नीति का कभी विरोध किया है? तब चाको ने कहा कि कॉलेज ने इस नीति का कभी विरोध तो नहीं किया है लेकिन वो ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है, क्योंकि ये साफ नहीं है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी किस आधार पर इसे लागू कर रही है.

उन्होंने कहा कि अगर एक सिंगल गर्ल चाइल्ड के दाखिले की बात हो कॉलेज को कोई समस्या नहीं है, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी कह रही है कि अगर 13 प्रोग्राम हैं तो 13 सिंगल गर्ल चाइल्ड का दाखिला करना होगा. ऐसा करना कानून सम्मत नहीं है. सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश वकील मोहिंदर रुपल ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि कॉलेज ने कभी भी इसके पहले इस नीति का विरोध नहीं किया है. तब कोर्ट ने कहा कि कॉलेज को इस नीति का विरोध अलग से करना चाहिए था. कॉलेज की दलील है कि सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे का कोई कानूनी आधार नहीं है. और जब कानूनी आधार नहीं है तो इसके लागू कैसे किया जा सकता है?

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