नई दिल्ली: दिल्ली के परिवहन विभाग में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारी के अस्थाई किए जाने का मामला लंबे समय से चल रहा है. लेकिन परिवहन विभाग इन को स्थाई कर्मचारी बनाने के लिए तैयार नहीं है. वहीं, कर्मचारियों ने डीसी में आरटीआई दाखिल कर जवाब मांगा तो विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई कि दिल्ली सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है. इतना ही नहीं परिवहन विभाग ने समान कार्य समान वेतन से भी इंकार कर दिया है. ऐसे में सालों से दिल्ली परिवहन विभाग में नौकरी कर रहे कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अंतर्गत हजारों की संख्या में संविदा कर्मचारी काम करते हैं. कर्मचारी लंबे समय से स्थाई करने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांग को पूरा कराने के लिए कर्मचारी आए दिन प्रदर्शन भी करते हैं. स्थाई नहीं किए जाने की स्थिति में समान कार्य समान वेतन की मांग की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी एक भी मांग नहीं पूरी हुई है.
समान कार्य समान वेतन की माग श्रम विभाग में विचाराधीन है. स्थाई करने की मांग को लेकर कर्मचारी कई बार अधिकारियों से भी बात कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के बावजूद भी इनकी मांगें पूरी नहीं हो रही है. कर्मचारियों ने इस संबंध में आरटीआई दाखिल कर इस प्रकरण में लिखित तौर पर विभाग से जवाब मांगा तो विभाग की तरफ से ये कह दिया गया कि अनुबंध के कर्मचारियों को स्थायी करना उनके अधिकार में नहीं है.
राहुल गांधी ने भी की थी कर्मचारियों से मुलाकात: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में दिल्ली के सरोजिनी नगर डिपो पर जाकर बस में सफ़र किया था. तब उन्होंने परिवहन विभाग के चालकों, परिचालकों व अन्य स्टाफ से बात की थी. इसके बाद राहुल गांधी ने कर्मचारियों के समान कार्य समान वेतन या अनुबंध के कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर उठाई थी.
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