रायपुर: मुनगा आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर एक सुपर हेल्दी सब्जी है. मुनगा को अगर कोई बीमार खाए तो चंद दिनों में भला चंगा होकर दौड़ने लगता है. शरीर में फैले संक्रमण को दूर करने से लेकर शरीर की ताकत बढ़ाने में इसका कोई तोड़ नहीं है. आयुर्वेद के जानकार और डॉक्टर भी मानते हैं कि मधुमेह के मरीजों के लिए ये एक रामबाण दवा के रुप में काम करता है. आयुर्वेद के जानकार कहते हैं कि मुनगा की पत्तियों में पांच ग्लास दूध के बराबर कैल्शियम होता है. मुनगा अल्सर से लेकर कैंसर तक के इलाज में काम आता है.
सुपर फूड है मुनगा: सुपरफूड मुनगा को लोग कई नामों से भारत में जानते हैं. भारत के कई हिस्सों में इसे सहजन तो कई जगहों पर मोरिंगा भी कहते हैं. कई जगहों पर इसे सहजना और सुजना के नाम से भी जानते हैं. साइंस में इसे ओलिफेरा के नाम से जाना जाता है जबकी इसका वनस्पति नाम मोरिंगा है. मुनगा को सुपरफूड इसलिए भी कहते हैं कि इसमें कैल्सियम का हाई सोर्स मौजूद रहता है. दूध की तुलना में इसमें दोगुना ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. मुनगा में प्रोटीन की मात्रा तो भरपूर है ही साथ ही इसमें चार दूध से चार गुना ज्यादा कैल्शियम भी पाया जाता है.
मुनगा है सेहत का साथी: मुनगा जहां कई बीमारियों का दुश्मन है वहीं इसकी चटनी से लेकर दाल और सब्जी तक सेहत का साथी माना जाता है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू इसे एंटीबॉयटिक बताते हैं. मोटापा कम करने से लेकर शुगर तक को कंट्रोल करने की पावर इसमें होती है. इसकी पत्तियों को उबाल कर पीने से शुगर का लेवल तेजी से नीचे आता है और शरीर को जरूरी ताकत भी देता है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू कहते हैं किसानों को भी अपने आय को बढ़ाने के लिए इस आयुर्वेदिक फसल की खेती बड़े पैमाने पर करनी चाहिए. मुनगा की खेती से उनको आय तो होगी ही साथ ही कई लोगों को बेहतर सुपर फूड भी बाजार में आसानी से मिल पाएगा.
"प्रदेश के किसान अगर मुनगा की अच्छी किस्म का चयन करते हैं, तो प्रदेश के किसान खेत के मेड और बाड़ियों में पांच-पांच मीटर की दूरी पर मुनगा की खेती अच्छे से कर सकते हैं. मुनगा बहुवर्षीय फसल है मुनगा की किस्म पीकेएम 01, पीकेएम 02 तीन-तीन मीटर की दूरियों में लगा सकते हैं. जाफना उडीसी 01, उडीसी 02 इन किस्मों को भी प्रदेश के किसान अच्छे से लगा सकते हैं. किसानों को अगर मुनगा फल नही चाहिए केवल पत्तियों को बेचना चाहते हैं तो उन्हें एक-एक मीटर की दूरियों में लगाना चाहिए. लगातार मुनगा झाड़ की टहनियों को काटते रहना चाहिए. प्रदेश के किसान मुनगा का फल चाहते हैं तो तीन-तीन से चार-चार मीटर की दूरियों में इन किस्मों को लगाया जाना चाहिए." - डॉ घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक,इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय