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ऑनलाइन बेची जा रही थी नशे की दवा, फार्मेसी पर हुई कार्रवाई, लाइसेंस निरस्त - Action on Pharmacy - ACTION ON PHARMACY

Drugs Controller Department, एक बड़ी और निजी फार्मेसी बहुत बड़ी कार्रवाई हुई है और लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. फार्मेसी पर ऑनलाइन नशे की दवा बेचने का आरोप है.

Drugs Controller Department
औषधि नियंत्रक विभाग जयपुर (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 16, 2024, 8:53 PM IST

जयपुर: औषधि नियंत्रक विभाग ने राजधानी जयपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. दरअसल, नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाली दवाइयों को ऑनलाइन बेचा जा रहा था. औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि जब इसकी जानकारी विभाग के पास पहुंची तो उन्होंने मॉनिटरिंग के लिए एक टीम का गठन किया, जिसमें ट्रायल हेतु औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाली दवाइयों के विभिन्न वेबसाइट्स पर परचेज ऑर्डर दिए गए.

जिसके क्रम में फर्जी डॉक्टर की पर्ची बनाकर एक निजी कंपनी की फार्मेसी द्वारा नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाली नींद की दवा औषधि नियंत्रण अधिकारी मुकेश चौधरी को सप्लाई कर दी गई. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल टीम गठित कर फार्मेसी, महाराजा किशन सिंह नगर, रामसिंह धौलाई एनआर पत्रकार कॉलोनी सांगानेर जयपुर की जांच की गई. जांच में पाया गया कि फार्मेसी द्वारा अमेजॉन वेबसाइट के साथ मिलकर कई डॉक्टरों के फर्जी प्रेस्क्रिप्शन बनाकर, 103 बिलों के माध्यम से भारी मात्रा में नशे की दवाइयां सप्लाई की गई हैं.

पढ़ें : नीमकाथाना में प्रसूता की मौत का मामला, औषधि नियंत्रक विभाग ने कहा- दूषित ब्लड चढ़ाने की आशंका - Maternal death Case

लाइसेंस निरस्त : दरअसल, टेलीमेडिसिन प्रेक्टिस गाइडलाइन 2020 के अनुसार नारकोटिक्स श्रेणी की औषधियों का ऑनलाइन प्रेस्क्रिप्शन लिखना एवं विक्रय प्रतिबंधित है. प्रेस्क्रिप्शन पर जिन डॉक्टरों का नाम लिखा था, उनसे बात करने का प्रयास किया गया तो प्रेस्क्रिप्शन पर लिखे फोन नंबर अस्तित्व में नहीं होना पाया गया. फार्मेसी को नोटिस जारी किया गया, जिसके क्रम में फर्म द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने और जवाब के साथ संलग्न दस्तावेज सही नहीं पाए जाने पर संबंधित फार्मेसी, महाराजा किशन सिंह नगर, रामसिंह धौलाई एनआर पत्रकार कॉलोनी सांगानेर जयपुर का लाइसेंस निरस्त किया गया है.

जयपुर: औषधि नियंत्रक विभाग ने राजधानी जयपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. दरअसल, नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाली दवाइयों को ऑनलाइन बेचा जा रहा था. औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि जब इसकी जानकारी विभाग के पास पहुंची तो उन्होंने मॉनिटरिंग के लिए एक टीम का गठन किया, जिसमें ट्रायल हेतु औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाली दवाइयों के विभिन्न वेबसाइट्स पर परचेज ऑर्डर दिए गए.

जिसके क्रम में फर्जी डॉक्टर की पर्ची बनाकर एक निजी कंपनी की फार्मेसी द्वारा नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाली नींद की दवा औषधि नियंत्रण अधिकारी मुकेश चौधरी को सप्लाई कर दी गई. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल टीम गठित कर फार्मेसी, महाराजा किशन सिंह नगर, रामसिंह धौलाई एनआर पत्रकार कॉलोनी सांगानेर जयपुर की जांच की गई. जांच में पाया गया कि फार्मेसी द्वारा अमेजॉन वेबसाइट के साथ मिलकर कई डॉक्टरों के फर्जी प्रेस्क्रिप्शन बनाकर, 103 बिलों के माध्यम से भारी मात्रा में नशे की दवाइयां सप्लाई की गई हैं.

पढ़ें : नीमकाथाना में प्रसूता की मौत का मामला, औषधि नियंत्रक विभाग ने कहा- दूषित ब्लड चढ़ाने की आशंका - Maternal death Case

लाइसेंस निरस्त : दरअसल, टेलीमेडिसिन प्रेक्टिस गाइडलाइन 2020 के अनुसार नारकोटिक्स श्रेणी की औषधियों का ऑनलाइन प्रेस्क्रिप्शन लिखना एवं विक्रय प्रतिबंधित है. प्रेस्क्रिप्शन पर जिन डॉक्टरों का नाम लिखा था, उनसे बात करने का प्रयास किया गया तो प्रेस्क्रिप्शन पर लिखे फोन नंबर अस्तित्व में नहीं होना पाया गया. फार्मेसी को नोटिस जारी किया गया, जिसके क्रम में फर्म द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने और जवाब के साथ संलग्न दस्तावेज सही नहीं पाए जाने पर संबंधित फार्मेसी, महाराजा किशन सिंह नगर, रामसिंह धौलाई एनआर पत्रकार कॉलोनी सांगानेर जयपुर का लाइसेंस निरस्त किया गया है.

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