पटनाः उत्तर प्रदेश के उन्नाव हादसे के बाद बिहार सरकार की परिवहन विभाग सख्त हो गयी है. बिहार परिवहन नियम के तहत 252 बसों पर 47 लाख की वसूली और 26 गाड़ियां जब्त की गयी है. राज्य में बिना फिटनेस परमिट की चलायी जा रही बसों पर की गई जा रही है. शनिवार को परिवहन विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई कई फैसले लिए गए. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी जिलों के डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को नियमों का उल्लंघन कर परिचालित होने वाली बसों पर कार्रवाई का निर्देश दिया.
252 बसों के खिलाफ कार्रवाईः राज्य में परिचालित बसों के फिटनेस, परमिट, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन, स्पीड गर्वनर इत्यादि की जांच के लिए सभी जिलों में विशेष जांच अभियान चलाया गया. इस दौरान फिटनेस प्रमाण पत्र अपडेट नहीं पाए जाने/फिटनेस फेल बसों, बिना परिमट के परिचालित बसों एवं मोटरवाहन अधिनियम के उल्लंघन कर चलाई जा रही 252 बसों पर कार्रवाई की गई.
26 बसों को किया गया जब्तः वाहन चेकिंग अभियान के दौरान कुल 556 बसों की जांच में मोटर वाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत 252 बसों पर जुर्माना लगाया गया. 26 बसों को जब्त करने की कार्रवाई की गई. यह अभियान सभी जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई द्वारा चलाया गया.
अन्य राज्यों की बसों पर होगी कार्रवाईः मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन कर दूसरे राज्यों से बिहार में आने वाली बसों पर भी कार्रवाई की जाएगी. नियमों का उल्लंघन किये जाने पर ऐसी बसों का परिचालन बिहार में बंद किया जाएगा. राज्य में बसों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित कराने के लिए परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने फैसला लिया है.
"सभी जिलों के डीटीओ, एडीटीओ, एमवीआई, ईएसआई को निर्देश दिया. किसी भी बस का फिटनेस फेल है तो उसका परमिट रद्द करने की कार्रवाई करें. फिटनेस फेल बसों को चलाना न सिर्फ मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है बल्कि सड़क सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है." -संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव
स्पीड गर्वनर और वीएलटीडी जरूरीः जिन बसों में स्पीड गर्वनर और वीएलटीडी नहीं लगा है या लगने के बाद भी वह सक्रिय नहीं है तो बस का फिटनेस नहीं दिया जाएगा. बिना स्पीड गर्वनर बसों का परिचालन नहीं किया जाएगा. यह सरकारी और प्राइवेट दोनों के लिए अनिवार्य है.
वीएलटीडी लगाना अनिवार्यः सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में यात्रियों, महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के उद्देश्य से व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन लगाया जाना अनिवार्य किया गया है. 1 जनवरी 2019 के बाद पंजीकृत सभी सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में वीएलटी उपकरण लगे आ रहे हैं एवं 1 जनवरी 2019 के पूर्व पंजीकृत सभी सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में वीएलटीडी तथा इमरजेंसी बटन लगाया जाना अनिवार्य किया गया है.
वीएलटीडी सक्रिय नहीं होने पर परमिट होगा निलंबितः राज्य परिवहन विभाग ने निर्णय किया है कि परिवहन के वाहनों में वीएलटीडी (व्हीकल लोकशन टैकिंग डिवाइस) लगाना अनिवार्य होगा. जांच के दौरान बिहार या दूसरे राज्यों के निबंधित वाहनों में स्थापित वीएलटीडी सक्रिय नहीं रहने पर परमिट रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
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