रांची: लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन और आयोग तैयारियों में जुटा है. पोलिंग पार्टियों को सुरक्षित बूथों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन वाहनों के इंतजाम में जुटा हुआ है. इसे लेकर गाड़ियों की धर-पकड़ जारी है. साथ ही प्रशासन ने लोकसभा क्षेत्र में पर्याप्त वाहनों के इंतजाम के लिए वाहन मालिकों को वाहन जमा करने के लिए नोटिस भी जारी किया है.
वाहनों की धर-पकड़ से कई वाहन मालिक परेशान
राह चलते वाहनों को पड़कर इलेक्शन ड्यूटी में लगाया जा रहा है. ऐसे में रांची के वाहन चालकों का कहना है कि चुनाव आयोग ने जितने वाहन जमा करने का निर्देश दिया था उतने वाहन जिला प्रशासन को मुहैया करा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा प्रतिदिन गाड़ियां जब्त की जा रही हैं. वहीं वाहनों को जब्त करने की वजह से चालकों को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
यात्रियों को उतार कर जब्त किए जा रहे वाहन
इस संबंध में चालक कल्याण संघ के सचिव और वरिष्ठ सदस्य राणा बजरंगी सिंह बताते हैं कि जितने वाहनों का इलेक्शन ड्यूटी में सीजर लिस्ट कटा हुआ है, वो सभी वाहन जमा करा दिए गए हैं. इसके बावजूद प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा यात्रियों से भरे वाहनों को खाली करवा कर जब्त किया जा रहा है. इससे यात्रियों के साथ-साथ वाहन चालकों और मालिकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
धर-पकड़ से बचने के लिए रूट बदल कर वाहनों का परिचालन
वही इस संबंध में बस स्टैंड में बुकर का काम करने वाले कर्मचारी पमपम दुबे ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा गाड़ियों की धर-पकड़ से काफी परेशानी हो रही है. जिस बस का सुबह 5 बजे बस स्टैंड पहुंचने का समय है, वह सुबह 9 बजे तक बस स्टैंड पहुंच रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि सभी मुख्य चौक-चौराहों पर पुलिस और जिला परिवहन विभाग के पदाधिकारी वाहनों की धर-पकड़ के लिए चेकिंग लगाकर रखते हैं.
रांची के कांटा टोली बस स्टैंड से कम हो गया बसों का परिचालन
पमपम दुबे ने बताया कि रांची के कांटा टोली बस स्टैंड से प्रतिदिन 500 बसों का परिचालन होता है, लेकिन चुनाव को लेकर गाड़ियों की जब्ती होने के कारण वर्तमान में 150 से 200 बसों का ही परिचालन हो रहा है. कई वाहन मालिकों ने अपने वाहनों को परिचालन ही बंद कर दिया है. क्योंकि उन्हें डर है कि उनकी गाड़ी प्रशासन द्वारा जबरदस्ती जब्त कर ली जाएगी.
ट्रेनों में बढ़ी भीड़, यात्रियों को हो रही परेशानी
वहीं बसों का परिचालन कम होने की वजह से ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ बढ़ गई है. वहीं बस स्टैंड पर कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि सुबह 5 बजे वो भागलपुर से रांची पहुंच जाएंगे, लेकिन बस अपने निर्धारित रूट से नहीं आई. इस कारण बस साढ़े तीन घंटे विलंब से रांची पहुंची. इस कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
सीजर लिस्ट के अनुसार उपलब्ध हो गए हैं वाहन
वहीं वाहन चालकों और यात्रियों की परेशानी को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने जब जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जितने भी गाड़ियों का सीजर लिस्ट काटा गया था उतनी गाड़ियां जमा कर ली गई हैं.
प्रशासन को फिलहाल गाड़ियों की जरूरत नहींःडीटीओ
जिला प्रशासन को फिलहाल गाड़ियों की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि अभी भी गाड़ियों की जब्ती हो रही है तो यह पुलिस प्रशासन के द्वारा की जा रही है. क्योंकि पोलिंग बूथ पर पुलिस पार्टी को एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए कुछ गाड़ियों की कमी है. उन्होंने कहा कि चुनाव को देखते हुए पर्याप्त वाहनों का इंतजाम हो गया है. अब यात्रियों की सुविधा को देखते हुए आदेशानुसार वाहनों को चलने दिया जा रहा है.
मतदानकर्मियों को बूथों तक ले जाने के लिए पड़ती है गाड़ियों की जरूरत
गौरतलब है कि झारखंड में चौथे, पांचवें, छठे और सातवें चरण में चुनाव होना है. इसे लेकर सभी जिलों में पर्याप्त वाहन को जमा करने के लिए जिला प्रशासन सख्ती बरत रहा है, ताकि लोकतंत्र के महापर्व में ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मियों और मतदान कर्मियों को एक जगह से दूसरी जगह आसानी और आराम से पहुंचाया जा सके.
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