भोपाल : शराब पीकर वाहन चलाना शहरों में ट्रेंड बनता जा रहा है. ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों को रोकने के लिए केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें लगातार सख्ती कर रही हैं. इसके बावजूद शराब पीकर गाड़ी चलाकर एक्सीडेंट करने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. हाइवे पर जहां ट्रक ड्राइवर रात में शराब पीकर रोड एक्सीडेंट करते हैं तो शहरों में देर रात शराब पार्टी कर वाहन चलाने के दौरान हादसे हो रहे हैं. ड्रिंक एंड ड्राइव करने वाले खुद की जान तो खतरे में डालते ही हैं. रोड पर निर्दोष लोगों को भी अपना शिकार बनाते हैं. इसी को देखते हुए अब केंद्र सरकार ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में और सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है. क्योंकि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं. हर साल देश में दो लाख सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिनमें से 75 फीसदी का कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना है.
अभी ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ क्या है कानून
ड्रिंक एंड ड्राइव की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों को काफी सख्त किया है. लेकिन लगता है ये नाकाफी है. मोटर व्हीकल (अमेंडमेंट) एक्ट, 2019 के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अगर पहली बार इस प्रकार का क्राइम आपने किया तो 10 हजार रुपये जुर्माना देना पड़ता है. साथ ही 3 से लेकर 6 माह तक सजा भी हो सकती है. दूसरी बार शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना 15 से 20 हजार तो भरना ही पड़ेग. साथ ही जेल की सजा भी 2 साल तक हो सकती है. इस के अलावा अगर शराब पीकर वाहन चलाने के दौरान कोई हादसा हो जाता है तो जुर्माना 25 से लेकर 50 हजार भरने का नियम है. साथ ही 3 साल तक की कैद हो सकती है.
किसी की मौत होने पर जुर्माना एक लाख भरने का प्रावधान
इसके साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने से अगर कोई मौत हो जाती है तो जुर्माना एक लाख तक भरना पड़ सकता है. साथ ही 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. इससे पहले शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2,000 रुपये का चालान होता था. इसके अलावा 6 महीने की सजा भी हो सकती थी. ड्रिंक एंड ड्राइव में पकड़े जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस 3 माह से लेकर एक 1 साल तक के लिए सस्पेंड किया जा सकता है. दूसरी बार ड्रिंक एंड ड्राइव करने पर ड्राइविंग लाइसेंस 1 से 3 साल तक के लिए सस्पेंड हो सकता है. इस दौरान गंभीर चोट या मौत के मामले में ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का भी प्रावधान है. इस मामले में भोपाल के ट्रैफिक जोन 1 एसीपी अजय वाजपेयी का कहना है "रात्रि 9 बजे के बाद अक्सर पुलिस इस प्रकार के चेकिंग अभियान चलाती है. इसके साथ ही वाहनचालकों को समय-समय पर जागरूक भी किया जाता है. लेकिन लोगों पर इसका असर कम दिखता है."
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ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ नए कानून में जमानत नहीं मिलेगी
ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर बने सख्त कानून के बाद भी मामले बढ़ते जा रहे हैं. इससे केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें चिंतित हैं. दरअसल, ड्रिंक एंड ड्राइव के अधिकांश मामलों में आरोपी जुर्माना भरकर छूट जाता है. सजा का प्रावधान होने के बाद भी बहुत ही कम केसों में आरोपी को जेल हो पाती है. इसी को देखते हुए अब केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाने जा रही है कि ड्रिंक एंड ड्राइव के दौरान अगर कोई हादसा हुआ और किसी को गंभीर चोट आई या मौत हुई तो जुर्माना तो नियम के अनुसार भरना ही पड़ेगा. साथ ही कम से कम 3 माह तक जेल भुगतनी पड़ेगी. इन 3 माह के दौरान आरोपी वाहन चालक को जमानत भी नहीं मिल पाएगी.