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देश की हर पंचायत में बन रही सहकारी समिति, सहकार से समृद्धि का सपना हो रहा साकार: अमित शाह - Amit Shah In raipur - AMIT SHAH IN RAIPUR

छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों से जुड़ी बैठक ली. इस मीटिंग को सहकार से समृद्धि का नाम दिया गया. इसमें अमित शाह ने कहा कि देश के पंचायतों में सहकारी समिति बनाई जा रही है. इससे सहकार से समृद्धि की ओर देश बढ़ रहा है.

AMIT SHAH IN RAIPUR
सहकार से समृद्धि (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 26, 2024, 4:00 PM IST

देश की हर पंचायत में बन रही सहकारी समिति (ETV Bharat)

रायपुर: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को नवा रायपुर में सहकारी समितियों से जुड़ी बड़ी बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सहकार से समृद्धि' के सपने को साकार करने के लिए देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति बनाई जा रही है. अमित शाह ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को अगले छह महीनों के भीतर अपनी तीन सहकारी चीनी मिलों में मल्टी-फीड इथेनॉल प्रोडक्शन प्लांट एस्टेबलिश करना चाहिए.

हर पंचायत में बन रही सहकारी समिति: अमित शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के सहकार से समृद्धि के सपने को साकार करने के लिए देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति का गठन किया जा रहा है. "छत्तीसगढ़ में चार सहकारी चीनी मिलें हैं, जिनमें से केवल एक में इथेनॉल उत्पादन इकाई है. इसी तर्ज पर, शेष तीन सहकारी चीनी मिलों में छह महीने के भीतर मल्टी-फीड इथेनॉल प्लांट स्थापित किए जाने चाहिए. जिससे मक्का और गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन हो सके."

"प्रत्येक पीएसीएस (प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी) को एक 'कॉमन सर्विस सेंटर' (सीएससी) बनना चाहिए ताकि लाभ ग्रामीण जनता तक पहुंच सके. छत्तीसगढ़ के सभी 2058 पैक्स ने आदर्श उपनियमों को अपनाया है. छत्तीसगढ़ में सूखे क्षेत्रों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का उपयोग किया जाना चाहिए. जिससे सहकारी समितियों के विस्तार में मदद मिलेगी. छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में छह जिला सहकारी केंद्रीय बैंक हैं और कम से कम चार और स्थापित किए जाने चाहिए." -अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री

राज्य को इसे लेकर एमओयू करना चाहिए: अमित शाह ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और राज्य के बीच एमओयू होना चाहिए. जिससे किसानों को मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

छत्तीसगढ़ में मक्का और दालों की खेती को मिले बढ़ावा: अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मक्का और दलहन की खेती को बढ़ा मिलना चाहिए. छत्तीसगढ़ सरकार को आदिवासी विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक नई सार्वजनिक डेयरी योजना लानी चाहिए. इसके अलावा डेयरी और मत्स्य सेक्टर को सहकारी क्षेत्र से जोड़ा जाना चाहिए.

"कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए पैक्स की तरफ से नेफेड और एनसीसीएफ पोर्टल पर शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. हर व्यापारी, पैक्स और प्रत्येक बाजार की सहकारी समिति के लिए डीसीसीबी में खाता खोलना अनिवार्य होना चाहिए."- अमित शाह, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री

इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा, डिप्टी सीएम अरुण साव सहित कई मंत्री मौजूद थे. इसके बाद अमित शाह ने पीपल फॉर पीपुल अभियान की शुरुआत की.

सोर्सः पीटीआई

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देश की हर पंचायत में बन रही सहकारी समिति (ETV Bharat)

रायपुर: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को नवा रायपुर में सहकारी समितियों से जुड़ी बड़ी बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सहकार से समृद्धि' के सपने को साकार करने के लिए देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति बनाई जा रही है. अमित शाह ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को अगले छह महीनों के भीतर अपनी तीन सहकारी चीनी मिलों में मल्टी-फीड इथेनॉल प्रोडक्शन प्लांट एस्टेबलिश करना चाहिए.

हर पंचायत में बन रही सहकारी समिति: अमित शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के सहकार से समृद्धि के सपने को साकार करने के लिए देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति का गठन किया जा रहा है. "छत्तीसगढ़ में चार सहकारी चीनी मिलें हैं, जिनमें से केवल एक में इथेनॉल उत्पादन इकाई है. इसी तर्ज पर, शेष तीन सहकारी चीनी मिलों में छह महीने के भीतर मल्टी-फीड इथेनॉल प्लांट स्थापित किए जाने चाहिए. जिससे मक्का और गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन हो सके."

"प्रत्येक पीएसीएस (प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी) को एक 'कॉमन सर्विस सेंटर' (सीएससी) बनना चाहिए ताकि लाभ ग्रामीण जनता तक पहुंच सके. छत्तीसगढ़ के सभी 2058 पैक्स ने आदर्श उपनियमों को अपनाया है. छत्तीसगढ़ में सूखे क्षेत्रों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का उपयोग किया जाना चाहिए. जिससे सहकारी समितियों के विस्तार में मदद मिलेगी. छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में छह जिला सहकारी केंद्रीय बैंक हैं और कम से कम चार और स्थापित किए जाने चाहिए." -अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री

राज्य को इसे लेकर एमओयू करना चाहिए: अमित शाह ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और राज्य के बीच एमओयू होना चाहिए. जिससे किसानों को मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

छत्तीसगढ़ में मक्का और दालों की खेती को मिले बढ़ावा: अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मक्का और दलहन की खेती को बढ़ा मिलना चाहिए. छत्तीसगढ़ सरकार को आदिवासी विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक नई सार्वजनिक डेयरी योजना लानी चाहिए. इसके अलावा डेयरी और मत्स्य सेक्टर को सहकारी क्षेत्र से जोड़ा जाना चाहिए.

"कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए पैक्स की तरफ से नेफेड और एनसीसीएफ पोर्टल पर शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. हर व्यापारी, पैक्स और प्रत्येक बाजार की सहकारी समिति के लिए डीसीसीबी में खाता खोलना अनिवार्य होना चाहिए."- अमित शाह, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री

इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा, डिप्टी सीएम अरुण साव सहित कई मंत्री मौजूद थे. इसके बाद अमित शाह ने पीपल फॉर पीपुल अभियान की शुरुआत की.

सोर्सः पीटीआई

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