गिरिडीहः संसदीय क्षेत्र का तापमान दिन प्रतिदिन चढ़ता जा रहा है. अभी तक इस सीट से तीन प्रमुख उम्मीदवार मैदान में उतर चुके हैं. इनमें एनडीए की तरफ से आजसू नेता सह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, इंडिया गठबंधन की तरफ से टुंडी से झामुमो विधायक मथुरा महतो, झारखंड खतियानी संघर्ष भाषा समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो शामिल हैं. अब इस सीट से एक महिला चिकित्सक ने ताल ठोक दी है.
महिला चिकित्सक डॉ उषा सिंह गिरिडीह लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रहेंगी. गिरिडीह में उन्होंने इसकी घोषणा भी की. यह भी बताया कि वह भाजपा की कार्यकर्त्ता रह चुकी है. वह गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय होकर काम कर चुकी है. पिछले चार दशक से चिकित्सा सेवा में रह चुकी डॉ उषा सिंह सिविल असिस्टेंट, सर्जन पद से सेवानिवृत हुई हैं.
खतरे में कोलियरी की माइंस, सांसद ने नहीं दिया ध्यान
गिरिडीह पहुंची डॉ पुष्पा सिंह ने ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की. बातचीत में उषा सिंह ने कहा कि गिरिडीह, ढोरी, बीएंडके, कथारा स्थित सीसीएल कोलियरी की स्थिति बेहतर नहीं है. गिरिडीह कोलियरी का ओपेनकास्ट माइंस दो तीन वर्ष से बंद पड़ा है. कबरीबाद माइंस से विभागीय उत्पादन बंद कर दिया गया है. यहां कार्यरत कर्मियों पर ट्रांसफर का खतरा मंडरा रहा है. कोलियरी की स्थिति में सुधार के लिए यहां के जनप्रतिनिधि ने कुछ नहीं किया. कहा कि सीपी चौधरी केंद्र की सत्ताधारी दल में शामिल थे इसके बावजूद गिरिडीह का माइंस बंद रहना चिंतनीय है. कहा रोजगार की तलाश में यहां के युवा को पलायन करना पड़ता है.
शैक्षणिक व्यवस्था चौपट, इलाज की भी सुविधा नहीं
डॉ उषा सिंह ने कहा कि गिरिडीह में बेहतर शिक्षा व्यवस्था नहीं है. न तो यहां इंजिनियरिंग कॉलेज है और न ही मेडिकल कॉलेज. बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे जिला या राज्य की तरफ रुख करना पड़ता है. इसी तरह यहां बेहतर अस्पताल नहीं है. मामूली दुर्घटना में भी लोगों को रेफर कर दिया जाता है. कहा कि वो इस व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए चुनावी मैदान में उतरी है.
आजसू - भाजपा के नाराज कार्यकर्ता भी उनके साथ
डॉ उषा सिंह का कहना है कि चूंकि वह भाजपा में थी और यह सीट आजसू को चली गई तो उन्हें तो भाजपा से टिकट नहीं मिल सकता था. इनका दावा है कि अब जब वह चुनावी मैदान में उतरी हैं तो आजसू तथा भाजपा के कई कार्यकर्त्ता और नेता का उन्हें समर्थन मिल रहा है. कई विक्षुब्ध उनके साथ है. डॉ सिंह ने बताया कि भाजपा में रह चुके रामकिंकर पांडेय, आजसू में रह चुके मिथुन चंद्रवंशी भी उनके साथ हैं.
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