कानपुर: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के 20वीं निदेशक के तौर पर डॉ. सीमा परोहा ने बुधवार को संस्थान की पहली महिला निदेशक के तौर पर कार्यभार ग्रहण कर लिया. डॉ. सीमा परोहा ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि संस्थान में अभी तक जो डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का संचालन होता रहा है, उनके साथ ही अब यहां डिग्री कोर्सेस का संचालन शुरू हो.
डॉ. सीमा परोहा ने कहा कि मेरा पूरा प्रयास होगा कि अब देश के इस एकमात्र शर्करा संस्थान को शुगर विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाए. इसके लिए संबंधित मंत्रालय से भी संवाद करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस संस्थान में महिलाओं की कमी को भी वह पूरा करने का पूरा प्रयास करेंगी. बता दें कि वह संस्थान में पिछले 10 सालों से कार्यरत हैं.
बनाएंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
डॉ. सीमा परोहा ने बताया कि वह एक हफ्ते के अंदर ही आईआईटी कानपुर संग करार करेंगी. इस करार के तहत संस्थान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण कराएंगी. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में संस्थान व आईआईटी के विशेषज्ञ मिलकर बायोएनर्जी को तैयार करने की दिशा में काम करेंगे. डॉ. सीमा परोहा ने कहा कि इसके लिए खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय से अनुमति मिल गई है. इसके अलावा बताया कि जर्मनी की फर्म एडवांटा सीड्स संग जो करार हुआ है, उसमें हम कैम्पस में ही मीठी चरी व मीठे चुकंदर से जहां पहले एथेनॉल बनाएंगे. वहीं, कुछ अन्य सीड्स की मदद से बीयर बनाएंगे.
हमेशा अकेलापन लगता था मुझे
डॉ. सीमा परोहा ने कहा कि मैं संस्थान में इकलौती महिला प्रोफेसर रही. मुझे संस्थान में काम करते हुए 10 साल पूरे हो गए हैं. यहां हमेशा मुझे अकेलापन लगता था, लेकिन, मैंने केवल अपने काम पर ही पूरा फोकस रखा. ऐसे में जहां मेरे कई शोध पत्र प्रकाशित हुए. वहीं, 9 छात्रों को पीएचडी भी कराई. मूलरूप से इंदौर निवासी डॉ. सीमा परोहा ने कहा कि जल्द ही संस्थान के सभी रिक्त पदों को भी भरा जाएगा, जिससे संस्थान में टीम भावना के साथ सभी कर्मी व शिक्षक काम कर सकें.