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IIT दिल्ली के डॉ संजय गुप्ता ने लिख दी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन की पटकथा, जानें सब - World University of Design

आईआईटी दिल्ली के पीएचडी होल्डर डॉ संजय गुप्ता ने देश की प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) को नई ऊंचाई देने के बाद वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन की नींव रखी. इस साल से इसका बैच शुरू हो रहा है.

आईआईटी दिल्ली के डॉ संजय गुप्ता
आईआईटी दिल्ली के डॉ संजय गुप्ता (ETV BHARAT REPORTER)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 10, 2024, 6:51 PM IST

नई दिल्ली: आईआईटी से ग्रेजुएट होना हर किसी का सपना होता है, क्योंकि यहां से निकलने के बाद एक शानदार करियर उनका इंतजार कर रहा होता है. संजय गुप्ता को आईआईटी दिल्ली से डिजाइनिंग में पीएचडी करने के बाद शानदार प्लेसमेंट मिला. कुछ दिनों तक नौकरी भी की, लेकिन उसके बाद उन्होंने दूसरों की नौकरी करने की बजाय नौकरी देने वाला बनने के लिए एक एजुकेशन स्टार्टअप शुरू किया. आज वह स्टार्टअप वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन के रूप में एक भरी पूरी यूनिवर्सिटी का रूप ले चुका है. इसी सत्र से इसमें पढ़ाई शुरू हो रही है.

1985 में संजय गुप्ता ने आईआईटी दिल्ली से टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में बीटेक किया. उनका टेक्सटाइल डिजाइन में ज्यादा दिलचस्पी रही. यही से 1995 में पीएचडी अवार्ड प्राप्त कर 1996 में वह पूरी तरह से टेक्सटाइल डिजाइन की ओर मूव कर गए. उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में टेक्सटाइल डिजाइन डिपार्मेंट के चेयरपर्सन के रूप में ज्वाइन किया. 2010 तक उन्होंने यहां टेक्सटाइल डिजाइन में छात्रों को स्किल सिखाने में अपना योगदान दिया. डीन के रूप में इन्हीं की पहल पर इंडिया फैशन वीक की शुरुआत हुई.

निफ्ट के बाद वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन की रखी नींव: डॉ संजय गुप्ता बताते हैं कि फैशन इंडस्ट्री हमेशा से मजबूत रही है. यह एकमात्र ऐसा रोजगार का क्षेत्र है जहां से पास होने के बाद लोगों के पास रोजी-रोटी की समस्या नहीं होती. उनके स्किल की मांग हमेशा बनी रहती है. उनकी यह कल्पना थी कि वह एक ही छत के नीचे हर प्रकार की डिजाइनिंग को ले आए, जो वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के रूप में साकार हुआ.

संजय गुप्ता ने एचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद दिल्ली में ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) में जॉइन कर इसे एक नई पहचान दी. यहां 15 वर्षों तक सेवा देने के बाद उन्हें यह महसूस हुआ कि आने वाले दिनों में डिजाइन एक ऐसा शानदार करियर का क्षेत्र बनने वाला है. जो फ्यूचर करियर को डिफाइन करेगा. संजय गुप्ता बताते हैं कि जब डिजाइन की बात करते हैं तो इसमें फैशन डिजाइनिंग से लेकर इंडस्ट्रियल डिजाइन और टूल डिजाइन तक सब कुछ शामिल होता है. डिजाइन के क्षेत्र में भारत एक उभरता हुआ ब्रीडिंग ग्राउंड है.

डिजाइनिंग की दुनिया को और वृहद रूप देने के लिए उनके मन में एक अलग यूनिवर्सिटी स्थापित करने का विचार आया. इसी विचार ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइनिंग को जन्म दिया. संजय गुप्ता के सपनों को एक नया पंख मिल गया और इस प्रकार उनकी कल्पना साकार हुई. आज उनके द्वारा स्थापित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी डिजाइन में 1200 बच्चे अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ देश दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से भी लोग यहां डिजाइनिंग में अपना करियर बनाने के लिए आ रहे हैं.

नई दिल्ली: आईआईटी से ग्रेजुएट होना हर किसी का सपना होता है, क्योंकि यहां से निकलने के बाद एक शानदार करियर उनका इंतजार कर रहा होता है. संजय गुप्ता को आईआईटी दिल्ली से डिजाइनिंग में पीएचडी करने के बाद शानदार प्लेसमेंट मिला. कुछ दिनों तक नौकरी भी की, लेकिन उसके बाद उन्होंने दूसरों की नौकरी करने की बजाय नौकरी देने वाला बनने के लिए एक एजुकेशन स्टार्टअप शुरू किया. आज वह स्टार्टअप वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन के रूप में एक भरी पूरी यूनिवर्सिटी का रूप ले चुका है. इसी सत्र से इसमें पढ़ाई शुरू हो रही है.

1985 में संजय गुप्ता ने आईआईटी दिल्ली से टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में बीटेक किया. उनका टेक्सटाइल डिजाइन में ज्यादा दिलचस्पी रही. यही से 1995 में पीएचडी अवार्ड प्राप्त कर 1996 में वह पूरी तरह से टेक्सटाइल डिजाइन की ओर मूव कर गए. उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में टेक्सटाइल डिजाइन डिपार्मेंट के चेयरपर्सन के रूप में ज्वाइन किया. 2010 तक उन्होंने यहां टेक्सटाइल डिजाइन में छात्रों को स्किल सिखाने में अपना योगदान दिया. डीन के रूप में इन्हीं की पहल पर इंडिया फैशन वीक की शुरुआत हुई.

निफ्ट के बाद वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन की रखी नींव: डॉ संजय गुप्ता बताते हैं कि फैशन इंडस्ट्री हमेशा से मजबूत रही है. यह एकमात्र ऐसा रोजगार का क्षेत्र है जहां से पास होने के बाद लोगों के पास रोजी-रोटी की समस्या नहीं होती. उनके स्किल की मांग हमेशा बनी रहती है. उनकी यह कल्पना थी कि वह एक ही छत के नीचे हर प्रकार की डिजाइनिंग को ले आए, जो वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के रूप में साकार हुआ.

संजय गुप्ता ने एचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद दिल्ली में ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) में जॉइन कर इसे एक नई पहचान दी. यहां 15 वर्षों तक सेवा देने के बाद उन्हें यह महसूस हुआ कि आने वाले दिनों में डिजाइन एक ऐसा शानदार करियर का क्षेत्र बनने वाला है. जो फ्यूचर करियर को डिफाइन करेगा. संजय गुप्ता बताते हैं कि जब डिजाइन की बात करते हैं तो इसमें फैशन डिजाइनिंग से लेकर इंडस्ट्रियल डिजाइन और टूल डिजाइन तक सब कुछ शामिल होता है. डिजाइन के क्षेत्र में भारत एक उभरता हुआ ब्रीडिंग ग्राउंड है.

डिजाइनिंग की दुनिया को और वृहद रूप देने के लिए उनके मन में एक अलग यूनिवर्सिटी स्थापित करने का विचार आया. इसी विचार ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइनिंग को जन्म दिया. संजय गुप्ता के सपनों को एक नया पंख मिल गया और इस प्रकार उनकी कल्पना साकार हुई. आज उनके द्वारा स्थापित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी डिजाइन में 1200 बच्चे अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ देश दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से भी लोग यहां डिजाइनिंग में अपना करियर बनाने के लिए आ रहे हैं.

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