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महात्मा गांधी की हत्या से विचलित होकर बदल लिया था नाम, स्मृति में बंद रहेंगे निजी और मिशनरी स्कूल

सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक डाॅ. जगदीश गांधी के निधन 22 जनवरी को मेदांता अस्पताल में हो गया. डाॅ. गांधी ने अपने कठिन व संघर्षमयी जीवन के दौरान कई यादगार कार्य किए और नामचीन पुरस्कार हासिल किए. देखिए उनके जीवन सफर की झलक.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 22, 2024, 9:01 PM IST

डॉ. जगदीश गांधी के जीवन सफर की जानकारी देते सिटी मोंटेसरी स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी हरिओम शर्मा. देखें खबर

लखनऊ : सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी का जन्म गरीब खेतिहर किसान परिवार में 10 नवंबर 1936 को हुआ था. वह मूल रूप से अलीगढ़ जिले के ग्राम बरसौली के थे. पिता का नाम फूलचंद अग्रवाल व मां का नाम बासमती देवी था. डॉ. जगदीश गांधी ने अपने जिले के सिकंदर राव कस्बे में आकर जीएस हिंदू इंटर कॉलेज में दाखिला लिया. यहां से 10वीं की पढ़ाई के बाद वह मथुरा चले गए. वहां के चंपा अग्रवाल कॉलेज से कक्षा 11 और 12 की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वर्ष 1955 में वह आगे की पढ़ाई करने के लिए लखनऊ चले आए और यहां पर लखनऊ विश्वविद्यालय में बीकॉम में प्रवेश लिया. पैसे के अभाव के कारण वह किराए के कमरे नहीं ले पाए थे. ऐसे में गोमती नदी के किनारे बने एक मंदिर में रहे और गरीब बच्चों को ट्यूशन पढ़कर जो आय होती थी उसी से जीवन यापन किया.

कक्षा 6 में बदला लिया था उपनामः डॉ. जगदीश गांधी अपनी बाल अवस्था से ही महात्मा गांधी की सत्य, अहिंसा, सेवा, सादगी एवं सर्व-धर्म समभाव की शिक्षा से अत्यधिक प्रभावित थे. आजादी के छह महीने के अंदर ही 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या का हृदय-विदारक सूचना पाकर डॉ. गाँधी का मन दहल उठा. डॉ. गांधी उस समय कक्षा 6 के छात्र थे और उसी समय उन्होंने महात्मा गांधी की शिक्षाओं को अपने जीवन का आदर्श बनाने का निर्णय ले लिया. उसके बाद डॉ. गांधी ने अपने पिता की सहमति से विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अपना नाम जगदीश प्रसाद अग्रवाल से बदलकर जगदीश गांधी करने का निवेदन किया. इसके साथ ही डॉ. जगदीश गांधी ने जीवन-पर्यन्त महात्मा गांधी की शिक्षाओं पर चलने का संकल्प भी लिया. तब से वे जगदीश गांधी के नाम से ही जाने जाते हैं.

डॉ. भारती गांधी से किया प्रेम विवाह : डॉ. जगदीश गांधी जब लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे, तब जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नारदानन्द सरस्वती के लखनऊ में आयोजित एक आध्यात्मिक सत्संग में डॉ. भारती के सम्पर्क में आए. उस समय भारती गांधी लखनऊ विश्वविद्यालय में एमएड की छात्रा थीं. डॉ. गांधी और भारती गांधी दोनों ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होने के कारण परस्पर एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हुए. जल्द ही दोनों 15 जनवरी 1959 को परिणय सूत्र में बंध गए. इन दोनों के दहेजरहित व सादगीपूर्ण विवाह में प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल वीवी गिरि, मुख्यमंत्री सम्पूर्णानंद, प्रदेश मंत्रिमण्डल के कई सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र आदि लोग शामिल हुए थे. अब डॉ. जगदीश गांधी के परिवार में उनकी पत्नी भारती गांधी, बड़ी बेटी सुनीता गांधी, बेटा विनय गांधी, बेटी गीता गांधी और नीता गांधी हैं.

पांच बच्चों के साथ शुरू हुआ था सिटी मोन्टेसरी स्कूल : सिटी मोन्टेसरी स्कूल लखनऊ की नींव डॉ. जगदीश गांधी और डॉ. भारती गांधी ने मिलकर 1 जुलाई 1959 को किराये के मकान 12 स्टेशन रोड में डाली. वर्ष 1959 में पांच बच्चों से शुरू हुए इस विद्यालय में अब लखनऊ शहर में स्थित 21 शाखाओं में 65 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. डॉ. गांधी को उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान सभा सदस्य के रूप में इंग्लैण्ड की जनतान्त्रिक व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए 1972 में लन्दन पार्लियामेन्ट भेजा गया था. इसके बाद 1974 में दोबारा एक शैक्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए डॉ. गांधी इंग्लैण्ड गए. इस अवधि में डॉ. गांधी ने ओपी शबी तथा भारतीय मूल के निवासियों के सहयोग से ‘इंडिया इण्टरनेशनल क्लब’ की लंदन में स्थापना की. इसके बाद इस क्लब के तत्वावधान में डॉ. गांधी ने रूलिंग लेबर पार्टी के सक्रिय सहयोग से 17, 18 व 19 दिसम्बर, 1974 को ईलिंग टाउनहाल के प्रसिद्ध विक्टोरिया हाल, लन्दन में ‘शिक्षा द्वारा विश्व शान्ति’ विषय पर तीन दिवसीय द्वितीय ‘इण्टरनेशनल यूथ कान्फ्रेन्स’ सफलतापूर्वक आयोजित की. लंदन में आयोजित इस सम्मेलन में अधिकतर इंग्लैण्ड में निवास करने वाले 47 देशों के युवा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. ये प्रतिनिधि विभिन्न ऐम्बेसीज, हाई कमीशन्स, यूनिवर्सिटीज, विश्व शान्ति के लिए कार्य कर रही संस्थाओं तथा अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षिक संस्थाओं से सम्बन्धित थे.


बंद रहेंगे राजधानी के निजी, एंग्लो इंडियन और मिशनरी विद्यालय

लखनऊ के सबसे बड़े स्कूल सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. जगदीश गांधी की मृत्यु के बाद उनके सम्मान में निजी विद्यालयों ने अपने विद्यालयों को 23 जनवरी को बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके अलावा राजधानी के सभी निजी मिशनरी और एंग्लो इंडियन विद्यालय भी बंद रहेंगे. यह जानकारी अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने दी है. वहीं डीएम ने सर्दी को देखते हुए सरकारी विद्यालयों को स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं. लेकिन कक्षा 12 तक सभी विद्यालय 10 से तीन बजे के बीच संचालित करने को कहा है.


गोमतीनगर एक्सटेंशन में रखा जाएगा पार्थिव शरीर : सिटी मोंटेसरी स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी हरिओम शर्मा ने बताया कि डॉ. जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर मंगलवार को दोपहर 12 बजे शहीद पथ स्थित गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस सेकंड कैंपस में अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा. यहां पर डाॅ. गांधी के चाहने वाले और सीएमएस स्कूल से जुड़े सभी लोग और लखनऊवासी दोपहर 12 से शाम 5:00 बजे तक उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे. डॉ. जगदीश गांधी ने वर्ष 1959 में अपने रिश्तेदार से ₹300 उधार लेकर स्टेशन रोड पर एक कमरे के मकान से पांच बच्चों से सिटी मोंटेसरी स्कूल की स्थापना किया था. आज इस स्कूल की 21 शाखाएं पूरे राजधानी में संचालित हैं. जिसमें करीब 65 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं. डॉ. हरिओम शर्मा ने बताया कि डॉ. जगदीश गांधी के परिवार में उनकी पत्नी भारती गांधी, बड़ी बेटी सुनीता गांधी, बेटा विनय गांधी, बेटी गीता गांधी और नीता गांधी हैं.

डॉ. जगदीश गांधी को मिले प्रमुख पुरस्कार
1. यूनेस्को द्वारा 30,000 अमरीकी डालर का अंतर्राष्ट्रीय शान्ति शिक्षा पुरस्कार-2002.
2. आईसीएससी काउन्सिल द्वारा प्रदत्त ‘डेरोजियो अवार्ड’.
3. अमेरिका के जार्जटाउन नगर के मेयर द्वारा नगर की चाबी सौंप कर सम्मान.
4. जर्मनी की संस्था द्वारा विश्व के ‘न्यूक्लिर फ्री फ्यूचर’ का ‘स्पेशल अचीवमेन्ट अवार्ड.
5. स्वीडन की संस्था द्वारा ‘राइट्स ऑफ दी चाइल्ड’ का अवार्ड.
6. पोलैण्ड की ऐकेडमी ऑफ साइन्सेज द्वारा ‘फ्रेण्ड आफ यंग फिजीसिस्ट अवार्ड.
7. वर्ल्ड पीस प्रेयर सोसाइटी जापान द्वारा पीस रिप्रेसेन्टेटिव लखनऊ सम्मान.
8. साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए वारिस अली शाह ‘कौमी एकता’ पुरस्कार आदि अनेक अलंकरणों से भी डॉ. गांधी को सम्मानित किया जा चुका है.
10. डॉ. गांधी को 24 नवम्बर, 2011 में एशियन नोबेल प्राइज कहे जाने वाले फिलीपीन्स के अत्यन्त प्रतिष्ठित सम्मान ‘‘गुसी पीस प्राइज’’ से सम्मानित किया गया.
11. डॉ. जगदीश गांधी को रूस की प्रख्यात ‘बक्शीर स्टेट पोडागोजिकल यूनिवर्सिटी’, ऊफा द्वारा ‘डॉक्टर ऑफ फिलॉसिफी’ की उपाधि से सम्मानित किया.
12. डाॅ. गांधी को बच्चों के अधिकारों व विश्व एकता व विश्व शांति हेतु किए जा रहे प्रयासों के लिए अर्जेन्टीना के दो प्रख्यात विश्वविद्यालयों ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ऑन्त्रे रियो’ द्वारा एवं यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ मेन्डोजा’ द्वारा ‘डाक्टरेट की मानद उपाधि’ से सम्मानित किया गया.
13. उत्तर प्रदेश के सर्वोत्तम पुरस्कार ‘यश भारती’ से वर्ष 2014 में सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये की धनराशि तथा 50 हजार मासिक पेन्शन भी प्रदान की जाती है.
14. सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में एक ही शहर में सबसे अधिक बच्चों वाले विश्व के सबसे बड़े विद्यालय के रूप में दर्ज किया गया है.
15. अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने सिटी मोन्टेसरी स्कूल को ‘ऑफिशियल एन0जी0ओ0’ घोषित किया है. यह उपलब्धि अर्जित करने वाला सीएमएस विश्व का पहला विद्यालय है. यह उपलब्धि सीएमएस के सामाजिक जागरूकता के प्रयासों का प्रमाण है.
16. लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवेंट अवार्ड-2018.
17. ऐसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर द इण्डियन स्कूल सार्टिफिकेट (एएसआईएससी) द्वारा ‘फादर जार्ज हेस एक्सीलेन्स अवार्ड-2018.
18. सोसाइटी ऑफ सेंट पॉल, मुम्बई द्वारा ‘फ्रैंक जे. मॉरस राष्ट्रीय पुरस्कार-2018.
19. इंग्लैण्ड के विश्व प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल पायनियर अवार्ड-2021.

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डॉ. जगदीश गांधी के जीवन सफर की जानकारी देते सिटी मोंटेसरी स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी हरिओम शर्मा. देखें खबर

लखनऊ : सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी का जन्म गरीब खेतिहर किसान परिवार में 10 नवंबर 1936 को हुआ था. वह मूल रूप से अलीगढ़ जिले के ग्राम बरसौली के थे. पिता का नाम फूलचंद अग्रवाल व मां का नाम बासमती देवी था. डॉ. जगदीश गांधी ने अपने जिले के सिकंदर राव कस्बे में आकर जीएस हिंदू इंटर कॉलेज में दाखिला लिया. यहां से 10वीं की पढ़ाई के बाद वह मथुरा चले गए. वहां के चंपा अग्रवाल कॉलेज से कक्षा 11 और 12 की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वर्ष 1955 में वह आगे की पढ़ाई करने के लिए लखनऊ चले आए और यहां पर लखनऊ विश्वविद्यालय में बीकॉम में प्रवेश लिया. पैसे के अभाव के कारण वह किराए के कमरे नहीं ले पाए थे. ऐसे में गोमती नदी के किनारे बने एक मंदिर में रहे और गरीब बच्चों को ट्यूशन पढ़कर जो आय होती थी उसी से जीवन यापन किया.

कक्षा 6 में बदला लिया था उपनामः डॉ. जगदीश गांधी अपनी बाल अवस्था से ही महात्मा गांधी की सत्य, अहिंसा, सेवा, सादगी एवं सर्व-धर्म समभाव की शिक्षा से अत्यधिक प्रभावित थे. आजादी के छह महीने के अंदर ही 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या का हृदय-विदारक सूचना पाकर डॉ. गाँधी का मन दहल उठा. डॉ. गांधी उस समय कक्षा 6 के छात्र थे और उसी समय उन्होंने महात्मा गांधी की शिक्षाओं को अपने जीवन का आदर्श बनाने का निर्णय ले लिया. उसके बाद डॉ. गांधी ने अपने पिता की सहमति से विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अपना नाम जगदीश प्रसाद अग्रवाल से बदलकर जगदीश गांधी करने का निवेदन किया. इसके साथ ही डॉ. जगदीश गांधी ने जीवन-पर्यन्त महात्मा गांधी की शिक्षाओं पर चलने का संकल्प भी लिया. तब से वे जगदीश गांधी के नाम से ही जाने जाते हैं.

डॉ. भारती गांधी से किया प्रेम विवाह : डॉ. जगदीश गांधी जब लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे, तब जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नारदानन्द सरस्वती के लखनऊ में आयोजित एक आध्यात्मिक सत्संग में डॉ. भारती के सम्पर्क में आए. उस समय भारती गांधी लखनऊ विश्वविद्यालय में एमएड की छात्रा थीं. डॉ. गांधी और भारती गांधी दोनों ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होने के कारण परस्पर एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हुए. जल्द ही दोनों 15 जनवरी 1959 को परिणय सूत्र में बंध गए. इन दोनों के दहेजरहित व सादगीपूर्ण विवाह में प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल वीवी गिरि, मुख्यमंत्री सम्पूर्णानंद, प्रदेश मंत्रिमण्डल के कई सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र आदि लोग शामिल हुए थे. अब डॉ. जगदीश गांधी के परिवार में उनकी पत्नी भारती गांधी, बड़ी बेटी सुनीता गांधी, बेटा विनय गांधी, बेटी गीता गांधी और नीता गांधी हैं.

पांच बच्चों के साथ शुरू हुआ था सिटी मोन्टेसरी स्कूल : सिटी मोन्टेसरी स्कूल लखनऊ की नींव डॉ. जगदीश गांधी और डॉ. भारती गांधी ने मिलकर 1 जुलाई 1959 को किराये के मकान 12 स्टेशन रोड में डाली. वर्ष 1959 में पांच बच्चों से शुरू हुए इस विद्यालय में अब लखनऊ शहर में स्थित 21 शाखाओं में 65 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. डॉ. गांधी को उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान सभा सदस्य के रूप में इंग्लैण्ड की जनतान्त्रिक व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए 1972 में लन्दन पार्लियामेन्ट भेजा गया था. इसके बाद 1974 में दोबारा एक शैक्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए डॉ. गांधी इंग्लैण्ड गए. इस अवधि में डॉ. गांधी ने ओपी शबी तथा भारतीय मूल के निवासियों के सहयोग से ‘इंडिया इण्टरनेशनल क्लब’ की लंदन में स्थापना की. इसके बाद इस क्लब के तत्वावधान में डॉ. गांधी ने रूलिंग लेबर पार्टी के सक्रिय सहयोग से 17, 18 व 19 दिसम्बर, 1974 को ईलिंग टाउनहाल के प्रसिद्ध विक्टोरिया हाल, लन्दन में ‘शिक्षा द्वारा विश्व शान्ति’ विषय पर तीन दिवसीय द्वितीय ‘इण्टरनेशनल यूथ कान्फ्रेन्स’ सफलतापूर्वक आयोजित की. लंदन में आयोजित इस सम्मेलन में अधिकतर इंग्लैण्ड में निवास करने वाले 47 देशों के युवा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. ये प्रतिनिधि विभिन्न ऐम्बेसीज, हाई कमीशन्स, यूनिवर्सिटीज, विश्व शान्ति के लिए कार्य कर रही संस्थाओं तथा अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षिक संस्थाओं से सम्बन्धित थे.


बंद रहेंगे राजधानी के निजी, एंग्लो इंडियन और मिशनरी विद्यालय

लखनऊ के सबसे बड़े स्कूल सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. जगदीश गांधी की मृत्यु के बाद उनके सम्मान में निजी विद्यालयों ने अपने विद्यालयों को 23 जनवरी को बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके अलावा राजधानी के सभी निजी मिशनरी और एंग्लो इंडियन विद्यालय भी बंद रहेंगे. यह जानकारी अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने दी है. वहीं डीएम ने सर्दी को देखते हुए सरकारी विद्यालयों को स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं. लेकिन कक्षा 12 तक सभी विद्यालय 10 से तीन बजे के बीच संचालित करने को कहा है.


गोमतीनगर एक्सटेंशन में रखा जाएगा पार्थिव शरीर : सिटी मोंटेसरी स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी हरिओम शर्मा ने बताया कि डॉ. जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर मंगलवार को दोपहर 12 बजे शहीद पथ स्थित गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस सेकंड कैंपस में अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा. यहां पर डाॅ. गांधी के चाहने वाले और सीएमएस स्कूल से जुड़े सभी लोग और लखनऊवासी दोपहर 12 से शाम 5:00 बजे तक उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे. डॉ. जगदीश गांधी ने वर्ष 1959 में अपने रिश्तेदार से ₹300 उधार लेकर स्टेशन रोड पर एक कमरे के मकान से पांच बच्चों से सिटी मोंटेसरी स्कूल की स्थापना किया था. आज इस स्कूल की 21 शाखाएं पूरे राजधानी में संचालित हैं. जिसमें करीब 65 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं. डॉ. हरिओम शर्मा ने बताया कि डॉ. जगदीश गांधी के परिवार में उनकी पत्नी भारती गांधी, बड़ी बेटी सुनीता गांधी, बेटा विनय गांधी, बेटी गीता गांधी और नीता गांधी हैं.

डॉ. जगदीश गांधी को मिले प्रमुख पुरस्कार
1. यूनेस्को द्वारा 30,000 अमरीकी डालर का अंतर्राष्ट्रीय शान्ति शिक्षा पुरस्कार-2002.
2. आईसीएससी काउन्सिल द्वारा प्रदत्त ‘डेरोजियो अवार्ड’.
3. अमेरिका के जार्जटाउन नगर के मेयर द्वारा नगर की चाबी सौंप कर सम्मान.
4. जर्मनी की संस्था द्वारा विश्व के ‘न्यूक्लिर फ्री फ्यूचर’ का ‘स्पेशल अचीवमेन्ट अवार्ड.
5. स्वीडन की संस्था द्वारा ‘राइट्स ऑफ दी चाइल्ड’ का अवार्ड.
6. पोलैण्ड की ऐकेडमी ऑफ साइन्सेज द्वारा ‘फ्रेण्ड आफ यंग फिजीसिस्ट अवार्ड.
7. वर्ल्ड पीस प्रेयर सोसाइटी जापान द्वारा पीस रिप्रेसेन्टेटिव लखनऊ सम्मान.
8. साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए वारिस अली शाह ‘कौमी एकता’ पुरस्कार आदि अनेक अलंकरणों से भी डॉ. गांधी को सम्मानित किया जा चुका है.
10. डॉ. गांधी को 24 नवम्बर, 2011 में एशियन नोबेल प्राइज कहे जाने वाले फिलीपीन्स के अत्यन्त प्रतिष्ठित सम्मान ‘‘गुसी पीस प्राइज’’ से सम्मानित किया गया.
11. डॉ. जगदीश गांधी को रूस की प्रख्यात ‘बक्शीर स्टेट पोडागोजिकल यूनिवर्सिटी’, ऊफा द्वारा ‘डॉक्टर ऑफ फिलॉसिफी’ की उपाधि से सम्मानित किया.
12. डाॅ. गांधी को बच्चों के अधिकारों व विश्व एकता व विश्व शांति हेतु किए जा रहे प्रयासों के लिए अर्जेन्टीना के दो प्रख्यात विश्वविद्यालयों ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ऑन्त्रे रियो’ द्वारा एवं यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ मेन्डोजा’ द्वारा ‘डाक्टरेट की मानद उपाधि’ से सम्मानित किया गया.
13. उत्तर प्रदेश के सर्वोत्तम पुरस्कार ‘यश भारती’ से वर्ष 2014 में सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये की धनराशि तथा 50 हजार मासिक पेन्शन भी प्रदान की जाती है.
14. सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में एक ही शहर में सबसे अधिक बच्चों वाले विश्व के सबसे बड़े विद्यालय के रूप में दर्ज किया गया है.
15. अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने सिटी मोन्टेसरी स्कूल को ‘ऑफिशियल एन0जी0ओ0’ घोषित किया है. यह उपलब्धि अर्जित करने वाला सीएमएस विश्व का पहला विद्यालय है. यह उपलब्धि सीएमएस के सामाजिक जागरूकता के प्रयासों का प्रमाण है.
16. लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवेंट अवार्ड-2018.
17. ऐसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर द इण्डियन स्कूल सार्टिफिकेट (एएसआईएससी) द्वारा ‘फादर जार्ज हेस एक्सीलेन्स अवार्ड-2018.
18. सोसाइटी ऑफ सेंट पॉल, मुम्बई द्वारा ‘फ्रैंक जे. मॉरस राष्ट्रीय पुरस्कार-2018.
19. इंग्लैण्ड के विश्व प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल पायनियर अवार्ड-2021.

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