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दिल्ली: डीपीडीए ने खत्म की हड़ताल, पेट्रोल पंपों पर बंद पड़े 700 प्रदूषण जांच केंद्र शुरू - DPDA ended strike Delhi

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है. पेट्रोल पंपों पर बंद पड़े 700 प्रदूषण जांच केंद्रों को फिर से खोल दिया गया है.

डीपीडीए ने खत्म की हड़ताल
डीपीडीए ने खत्म की हड़ताल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 25, 2024, 4:43 PM IST

नई दिल्ली: वाहनों के प्रदूषण जांच का शुल्क कम बढ़ाने के विरोध में बंद किए गए 700 प्रदूषण जांच केंद्रों को दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने फिर से शुरू कर दिया है. डीपीडीए ने हड़ताल वापस ले ली है. लोग इन प्रदूषण जांच केंद्रों पर वाहनों के प्रदूषण की जांच कर सकते हैं. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण जांच शुल्क जुलाई में 40 रुपये तक बढ़ा दिया. डीपीडीए की मांग थी कि वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क कम से कम डेढ़ सौ रुपए होना चाहिए.

हालांकि इस बार बढ़ोतरी के बाद भी वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क अधिकतम 140 रुपये है. डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया के मुताबिक वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क कम होने से स्टाफ का खर्च बिजली का बिल व अन्य खर्च नहीं निकल पाता है. ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र चलाना मुश्किल हो रहा है. 15 जुलाई से दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से वाहनों के प्रदूषण की जांच का शुल्क बढ़ाया गया है. शुल्क कम बढ़ाने के विरोध में दिल्ली के पेट्रोल पंप पर बने करीब 700 प्रदूषण जांच केंद्र को बंद कर दिया गया था.

निश्चल सिंघानिया का कहना है कि हमारी इस मामले में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई है. उन्होंने कहा है कि वाहनों की जांच का शुल्क बढ़ाने का यह अंतिम फैसला है. जल्द ही रेट रिवाइज होंगे और दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की मांगों को ध्यान में रखते हुए रेट निर्धारित किया जाएगा.

दिल्ली सरकार ने अनुबंध निरस्त करने का दिया था

जहां एक तरफ दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की ओर से वाहनों के प्रदूषण के जांच का शुल्क कम बढ़ाए जाने के विरोध में जांच केंद्रों को बंद कर दिया गया था. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसका विकल्प तलाशना शुरू कर दिया था. पेट्रोल पंपों के अलावा 300 अन्य प्रदूषण जांच केंद्र दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर हैं. इन जांच केंद्रों पर परिवहन मंत्री की ओर से लोगों से वाहनों के प्रदूषण की जांच करने की अपील की गई थी.

इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के साथ उनकी साइटों यानी मेट्रो की पार्किंग और आईजीएल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की भी बात कर ली है. मंत्री कैलाश गहलोत ने परिवहन विभाग के प्रवर्तन टीम को यह भी आदेश दिया है कि जो भी प्रदूषण जांच केंद्र दिल्ली में बंद हैं उनका अनुबंध खत्म कर दिया जाए. इससे जाहिर होता है कि दिल्ली सरकार झुकने के मूड में नहीं थी.

वाहनों के प्रदूषण के जांच की शुल्क में की गई थी ये बढ़ोतरी :

  1. पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी के दो या तीन पहिया वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क 2005 में 35 रुपये 2011 में 60 रुपये और अब 2024 में 80 रुपये कर दिया गया है.
  2. पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी के चार पहिया या इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों के प्रदूषण जांच का शुल्क 2005 में 45 रुपये था 2011 में 80 रुपये और 2024 में बढ़कर 110 रुपये कर दिया गया है.
  3. डीजल के चार पहिया या इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों के प्रदूषण का जांच का शुल्क 2005 में 60 रुपये, 2011 में 100 रुपये था और अब 2024 में यह शुल्क बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में बंद हुए 700 पॉल्यूशन सेंटर? यहां वहां भाग रहे दिल्ली वालों को कैसे मिलेगी राहत, जानिए सॉल्यूशन

नई दिल्ली: वाहनों के प्रदूषण जांच का शुल्क कम बढ़ाने के विरोध में बंद किए गए 700 प्रदूषण जांच केंद्रों को दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने फिर से शुरू कर दिया है. डीपीडीए ने हड़ताल वापस ले ली है. लोग इन प्रदूषण जांच केंद्रों पर वाहनों के प्रदूषण की जांच कर सकते हैं. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण जांच शुल्क जुलाई में 40 रुपये तक बढ़ा दिया. डीपीडीए की मांग थी कि वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क कम से कम डेढ़ सौ रुपए होना चाहिए.

हालांकि इस बार बढ़ोतरी के बाद भी वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क अधिकतम 140 रुपये है. डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया के मुताबिक वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क कम होने से स्टाफ का खर्च बिजली का बिल व अन्य खर्च नहीं निकल पाता है. ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र चलाना मुश्किल हो रहा है. 15 जुलाई से दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से वाहनों के प्रदूषण की जांच का शुल्क बढ़ाया गया है. शुल्क कम बढ़ाने के विरोध में दिल्ली के पेट्रोल पंप पर बने करीब 700 प्रदूषण जांच केंद्र को बंद कर दिया गया था.

निश्चल सिंघानिया का कहना है कि हमारी इस मामले में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई है. उन्होंने कहा है कि वाहनों की जांच का शुल्क बढ़ाने का यह अंतिम फैसला है. जल्द ही रेट रिवाइज होंगे और दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की मांगों को ध्यान में रखते हुए रेट निर्धारित किया जाएगा.

दिल्ली सरकार ने अनुबंध निरस्त करने का दिया था

जहां एक तरफ दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की ओर से वाहनों के प्रदूषण के जांच का शुल्क कम बढ़ाए जाने के विरोध में जांच केंद्रों को बंद कर दिया गया था. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसका विकल्प तलाशना शुरू कर दिया था. पेट्रोल पंपों के अलावा 300 अन्य प्रदूषण जांच केंद्र दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर हैं. इन जांच केंद्रों पर परिवहन मंत्री की ओर से लोगों से वाहनों के प्रदूषण की जांच करने की अपील की गई थी.

इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के साथ उनकी साइटों यानी मेट्रो की पार्किंग और आईजीएल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की भी बात कर ली है. मंत्री कैलाश गहलोत ने परिवहन विभाग के प्रवर्तन टीम को यह भी आदेश दिया है कि जो भी प्रदूषण जांच केंद्र दिल्ली में बंद हैं उनका अनुबंध खत्म कर दिया जाए. इससे जाहिर होता है कि दिल्ली सरकार झुकने के मूड में नहीं थी.

वाहनों के प्रदूषण के जांच की शुल्क में की गई थी ये बढ़ोतरी :

  1. पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी के दो या तीन पहिया वाहनों के प्रदूषण का जांच शुल्क 2005 में 35 रुपये 2011 में 60 रुपये और अब 2024 में 80 रुपये कर दिया गया है.
  2. पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी के चार पहिया या इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों के प्रदूषण जांच का शुल्क 2005 में 45 रुपये था 2011 में 80 रुपये और 2024 में बढ़कर 110 रुपये कर दिया गया है.
  3. डीजल के चार पहिया या इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों के प्रदूषण का जांच का शुल्क 2005 में 60 रुपये, 2011 में 100 रुपये था और अब 2024 में यह शुल्क बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है.

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