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क्या डिप्टी सीएम केशव मौर्य कार्यसमिति की बैठक में लेंगे हिस्सा, भाजपा नेताओं में अपनी ही सरकार के खिलाफ पनप रहा गुस्सा - BJP STATE WORKING COMMITTEE

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 4:59 PM IST

भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कल यानि रविवार को होगी. परंपरा के अनुसार इस बैठक में नेता अपनी बात खुलकर रह सकते हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद नाराज चल रहे भाजपाई बड़ी बात कह सकते हैं.

भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कल होगी.
भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कल होगी. (फाइल फोटो.)


लखनऊ: लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने और कई स्तर पर लगातार फीडबैक में यह बात सामने आई की सरकार और संगठन में समन्वय नहीं रहा. इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बातचीत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की तरफ से सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. लगातार नेताओं की तरफ से असंतोष जताया जा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने इसकी शुरुआत की थी और स्थानीय नेताओं पर चुनाव में सहयोग न करने की बात कही थी, भितरघात के आरोप लगाए थे. इसके अलावा भाजपा के विधायक संगीत सोम और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, जौनपुर से बीजेपी के विधायक रमेश मिश्रा ने यूपी में बड़े परिवर्तन की बात कही है. अब जब कल यानि रविवार को भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने वाली है तो उसमें भी कई नेताओं का असंतोष और मुखर हो सकता है. वहीं, योगी कैबिनेट की बैठकों से दूर चल रहे डिप्टी सीएम केशव मौर्य के कार्य समिति की बैठक में हिस्सा लेने की बात कही जा रही है. ऐसे में केशव मौर्य क्या इस बैठक में हिस्सा लेंगे या दूरी बनाए रखेंगे.

कार्यसमिति की बैठक में कुछ भाजपाई हो सकते हैं मुखर
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में यह परंपरा रही है कि अपनी बात खुलकर रखी जा सकती है. संगठन पर या सरकार स्तर पर अगर कहीं कोई कमी है या कोई सुझाव है, तो उसे बारे में कार्यसमिति के सदस्य या अन्य आमंत्रित पदाधिकारी अपनी बात को स्पष्ट रूप से अपने नेतृत्व के सामने रख सकते हैं. अब जब रविवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति की बड़ी बैठक आयोजित की गई है तो स्वाभाविक रूप से लोकसभा चुनाव में हुई हार के कारणों पर चर्चा होगी ही. इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लगातार फीडबैक ले रहे थे. पदाधिकारी मंत्रियों से उन्होंने समीक्षा की. बैठक में भी नेताओं ने सरकार के कामकाज और जनप्रतिनिधियों की समस्याओं पर ध्यान न दिए जाने की बात प्रमुखता से कही थी. इससे पहले भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने स्थानीय नेताओं द्वारा चुनाव में सहयोग न करने और भितरघात के आरोप लगाते हुए चुनाव में हार के बड़े कारण बने थे.

विधानसभा चुनाव से पहले बड़े बदलाव की मांग
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं की नाराजगी सार्वजनिक रूप से देखने को मिली है. योगी सरकार में मंत्री रहे प्रतापगढ़ के रहने वाले मोती सिंह ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. थाने, तहसील में भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि इतना भ्रष्टाचार उन्होंने अब तक नहीं देखा है. कुल मिलाकर उन्होंने सीधे-सीधे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम किया है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के जौनपुर से विधायक रमेश मिश्रा ने भी उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों की समस्याओं पर ध्यान न दिए जाने की गंभीर आरोप लगाए हैं. रमेश मिश्रा ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उत्तर प्रदेश में बड़े परिवर्तन की बात कहते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है. रमेश मिश्रा ने 2027 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव की मांग की है.

साध्वी निरंजन ज्योति ने सबसे पहले जताई थी नाराजगी
2014 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर से सांसद चुने जाने के बाद इस बार साध्वी निरंजन ज्योति हार गई हैं. साध्वी ने सबसे पहले लोकसभा चुनाव में हार के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने स्थानीय नेताओं जिनमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह, पूर्व विधायक विक्रम सिंह सहित अन्य स्थानीय नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें चुनाव हरवाया गया है और उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा था. जिसमें कई सनसनीखेज आरोप उन्होंने लगाए थे. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव सिंह बालियान ने पूर्व विधायक संगीत सिंह सोम के बीच तनातनी की भी खबरें सार्वजनिक रूप से सामने आई थी. एक दूसरे को हराने के आरोप लगाते हुए केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखे गए थे.

नेता लगातार कर रहे बगावत
भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ भाजपा के तमाम नेता लगातार बगावत करते हुए नजर आ रहे हैं. यूपी में जनप्रतिनिधियों की सुनवाई न होने की बात कहते हुए लगातार नाराजगी सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव की मांग पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं की तरफ से लगातार पार्टी फोरम पर की जा रही है. इसके अलावा सार्वजनिक रूप से बयानबाजी भी विधायक को सांसदों को अन्य नेताओं के स्तर पर की जा रही है. कुल मिलाकर भाजपा विधायकों और अन्य नेताओं में अपनी ही सरकार के खिलाफ जबरदस्त असंतोष पनप रहा है. अब जब प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है तो स्वाभाविक रूप से उसमें पार्टी के तमाम नेताओं पदाधिकारी का असंतोष और मुखर हो सकता .

बैठक में ये नेता मौजूद रहेंगे
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से हो रही बयानबाजी और कार्यवाही की मांग के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से चुप है. पार्टी का कोई भी प्रवक्ता इस विषय पर बोलने से बच रहा है. प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित तमाम अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित होंगे.

इसे भी पढ़ें-उपचुनाव व विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी; नौकरियों में दलित-पिछड़ों को आरक्षण दिलाने का मास्टरस्ट्रोक, जानिए क्या है प्लानिंग?


लखनऊ: लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने और कई स्तर पर लगातार फीडबैक में यह बात सामने आई की सरकार और संगठन में समन्वय नहीं रहा. इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बातचीत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की तरफ से सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. लगातार नेताओं की तरफ से असंतोष जताया जा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने इसकी शुरुआत की थी और स्थानीय नेताओं पर चुनाव में सहयोग न करने की बात कही थी, भितरघात के आरोप लगाए थे. इसके अलावा भाजपा के विधायक संगीत सोम और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, जौनपुर से बीजेपी के विधायक रमेश मिश्रा ने यूपी में बड़े परिवर्तन की बात कही है. अब जब कल यानि रविवार को भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने वाली है तो उसमें भी कई नेताओं का असंतोष और मुखर हो सकता है. वहीं, योगी कैबिनेट की बैठकों से दूर चल रहे डिप्टी सीएम केशव मौर्य के कार्य समिति की बैठक में हिस्सा लेने की बात कही जा रही है. ऐसे में केशव मौर्य क्या इस बैठक में हिस्सा लेंगे या दूरी बनाए रखेंगे.

कार्यसमिति की बैठक में कुछ भाजपाई हो सकते हैं मुखर
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में यह परंपरा रही है कि अपनी बात खुलकर रखी जा सकती है. संगठन पर या सरकार स्तर पर अगर कहीं कोई कमी है या कोई सुझाव है, तो उसे बारे में कार्यसमिति के सदस्य या अन्य आमंत्रित पदाधिकारी अपनी बात को स्पष्ट रूप से अपने नेतृत्व के सामने रख सकते हैं. अब जब रविवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति की बड़ी बैठक आयोजित की गई है तो स्वाभाविक रूप से लोकसभा चुनाव में हुई हार के कारणों पर चर्चा होगी ही. इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लगातार फीडबैक ले रहे थे. पदाधिकारी मंत्रियों से उन्होंने समीक्षा की. बैठक में भी नेताओं ने सरकार के कामकाज और जनप्रतिनिधियों की समस्याओं पर ध्यान न दिए जाने की बात प्रमुखता से कही थी. इससे पहले भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने स्थानीय नेताओं द्वारा चुनाव में सहयोग न करने और भितरघात के आरोप लगाते हुए चुनाव में हार के बड़े कारण बने थे.

विधानसभा चुनाव से पहले बड़े बदलाव की मांग
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं की नाराजगी सार्वजनिक रूप से देखने को मिली है. योगी सरकार में मंत्री रहे प्रतापगढ़ के रहने वाले मोती सिंह ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. थाने, तहसील में भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि इतना भ्रष्टाचार उन्होंने अब तक नहीं देखा है. कुल मिलाकर उन्होंने सीधे-सीधे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम किया है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के जौनपुर से विधायक रमेश मिश्रा ने भी उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों की समस्याओं पर ध्यान न दिए जाने की गंभीर आरोप लगाए हैं. रमेश मिश्रा ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उत्तर प्रदेश में बड़े परिवर्तन की बात कहते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है. रमेश मिश्रा ने 2027 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव की मांग की है.

साध्वी निरंजन ज्योति ने सबसे पहले जताई थी नाराजगी
2014 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर से सांसद चुने जाने के बाद इस बार साध्वी निरंजन ज्योति हार गई हैं. साध्वी ने सबसे पहले लोकसभा चुनाव में हार के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने स्थानीय नेताओं जिनमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह, पूर्व विधायक विक्रम सिंह सहित अन्य स्थानीय नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें चुनाव हरवाया गया है और उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा था. जिसमें कई सनसनीखेज आरोप उन्होंने लगाए थे. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव सिंह बालियान ने पूर्व विधायक संगीत सिंह सोम के बीच तनातनी की भी खबरें सार्वजनिक रूप से सामने आई थी. एक दूसरे को हराने के आरोप लगाते हुए केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखे गए थे.

नेता लगातार कर रहे बगावत
भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ भाजपा के तमाम नेता लगातार बगावत करते हुए नजर आ रहे हैं. यूपी में जनप्रतिनिधियों की सुनवाई न होने की बात कहते हुए लगातार नाराजगी सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव की मांग पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं की तरफ से लगातार पार्टी फोरम पर की जा रही है. इसके अलावा सार्वजनिक रूप से बयानबाजी भी विधायक को सांसदों को अन्य नेताओं के स्तर पर की जा रही है. कुल मिलाकर भाजपा विधायकों और अन्य नेताओं में अपनी ही सरकार के खिलाफ जबरदस्त असंतोष पनप रहा है. अब जब प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है तो स्वाभाविक रूप से उसमें पार्टी के तमाम नेताओं पदाधिकारी का असंतोष और मुखर हो सकता .

बैठक में ये नेता मौजूद रहेंगे
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से हो रही बयानबाजी और कार्यवाही की मांग के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से चुप है. पार्टी का कोई भी प्रवक्ता इस विषय पर बोलने से बच रहा है. प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित तमाम अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित होंगे.

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