कुचामनसिटी. जोधपुर से नागौर जिले के डेगाना मकराना कुचामन नावां होते हुए जयपुर तक के रेल मार्ग का दोहरीकरण कार्य पूरा हो गया है. पहले फेज में जयपुर से फुलेरा के बीच का काम हो चुका था. अब दूसरे फेज में फुलेरा से राइका बाग तक काम पूरा हो चुका है. अब जोधपुर से जयपुर के बीच रेल यात्रा में समय बचेगा.
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि जयपुर से फुलेरा तक का दोहरीकरण पहले चरण ही पूरा हो गया था. इसके बाद फुलेरा से जोधपुर के मध्य दोहरीकरण कार्य दो चरणों में स्वीकृत किया गया था, जिनमें राई का बाग—डेगाना तक 146 किलोमीटर 808 करोड़ रुपए की लागत से काम होना था, जबकि डेगाना से फुलेरा तक 108 किलोमीटर का रेलवे लाइन दोहरीकरण का काम 1007 करोड रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ था. अब ये दोनों ही प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं. यहां रेलवे के पश्चिमी सर्किल के संरक्षा आयुक्त आर के शर्मा ने उत्तर पश्चिम रेलवे जोन व जोधपुर मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेल दोहरीकरण कार्यों का निरीक्षण किया. साथ ही गोविंदी मारवाड़ से नावा सिटी रेलवे स्टेशनों के मध्य सीआरएस स्पेशल ट्रेन चलवाकर सफल ट्रायल लिया.
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कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे संरक्षा आयुक्त द्वारा गोविंदी मारवाड़-नावा सिटी, 9 किलोमीटर मार्ग का निरीक्षण कर इसे 95 किलोमीटर प्रति घंटा गति से रेल संचालन के लिए अनुमोदित कर दिया गया है. इस रेल खंड के दोहरीकरण होने से फुलेरा-डेगाना रेल खंड के दोहरीकरण होने के साथ ही जोधपुर से जयपुर तक का पूरा मार्ग दोहरीकरण का कार्य पूरा हो गया है. यह कार्य जनवरी 2016 में स्वीकृत किया गया था.
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व डेगाना-राई का बाग रेल मार्ग का कार्य पूरा किया जा चुका है. कैप्टन शशि ने बताया कि फुलेरा-जोधपुर उत्तर पश्चिम रेलवे का महत्वपूर्ण मार्ग है तथा इस पर अधिक संख्या में रेल सेवाओं का संचालन होने के कारण इस मार्ग के दोहरीकरण की आवश्यकता थी, जिसे विभिन्न चरणों में पूरा किया गया. दोहरीकरण कार्य हो जाने से रेलसेवाओं में वृद्धि के साथ-साथ गति एवं समय पालनता भी बढ़ेगी. यात्रियों को तीव्र आवागमन का साधन उपलब्ध होगा.