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डोईवाला के सूबेदार सत्ये सिंह पंचतत्व में विलीन, अंतिम विदाई में लोगों की छलकी आंखें, मंत्री जोशी ने दिया कंधा - Doiwala Jawan Satye Singh Funeral

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 4, 2024, 2:08 PM IST

Updated : Aug 4, 2024, 2:37 PM IST

Doiwala Jawan Satye Singh Last Rites डोईवाला के सूबेदार सत्ये सिंह बिष्ट पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनके अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ा. हर किसी ने उन्हें नम आंखों से विदाई थी.

Satye Singh Last Rites Dehradun
सूबेदार सत्ये सिंह का अंतिम संस्कार (फोटो- X@ganeshjoshibjp)

डोईवाला: जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान बर्फ में पैर फिसलने से सूबेदार सत्ये सिंह बिष्ट का निधन हो गया था. आज उनका ऋषिकेश पूर्णानंद घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बलिदानी सत्ये सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा दिया. वहीं, सत्ये सिंह की अंतिम विदाई में सभी लोगों की आंखें नम हो गई.

बर्फ में पैर फिसलने से हुआ था निधन: बता दें कि बीती दिनों जम्मू कश्मीर के तंगधार में बर्फ में पैर फिसलने से गढ़वाल राइफल में तैनात सूबेदार सत्ये सिंह पुत्र गोपाल सिंह बिष्ट (उम्र 42 वर्ष) का निधन हो गया था. सूबेदार सत्ये सिंह 17 गढ़वाल राइफल में तैनात थे. वे मूल रूप से टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाले थे. अभी उनका परिवार डोईवाला के कोटी अठुरवाला में रहता है.

दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए सत्ये सिंह: आज सुबह उनका पार्थिव शरीर अठुरवाला स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए लाया गया. जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पहुंचा, वैसे ही परिवार वाले बिलख पड़े. हर कोई परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश में जुटा रहा, लेकिन अपने को खोने के दर्द में परिवार वाले बिलखते रहे. सत्ये सिंह अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं.

Satye Singh Last Rites Dehradun
सूबेदार सत्ये सिंह (फाइल फोटो) (Family Members)

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दिया कंधा: वहीं, उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी सूबेदार सत्ये सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे. जहां उन्होंने अंतिम दर्शन कर पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया. इसके बाद सत्ये सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ऋषिकेश ले जाया गया. जहां पर उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया.

Doiwala Jawan Satye Singh Funeral
सूबेदार सत्ये सिंह को श्रद्धांजलि देते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (फोटो- ETV Bharat)

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि किसी भी शहीद को वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन देश की रक्षा की खातिर उनके सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा. आज इस दुख की घड़ी में देश और प्रदेश की सरकार बलिदानी के परिवार के साथ खड़ी है. वहीं, तमाम नम आंखों ने 'जब तक सूरज चांद रहेगा, सत्ये सिंह तेरा नाम रहेगा' नारों के साथ बलिदानी को अंतिम विदाई दी.

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बर्फ में पैर फिसलने से हुआ था निधन: बता दें कि बीती दिनों जम्मू कश्मीर के तंगधार में बर्फ में पैर फिसलने से गढ़वाल राइफल में तैनात सूबेदार सत्ये सिंह पुत्र गोपाल सिंह बिष्ट (उम्र 42 वर्ष) का निधन हो गया था. सूबेदार सत्ये सिंह 17 गढ़वाल राइफल में तैनात थे. वे मूल रूप से टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाले थे. अभी उनका परिवार डोईवाला के कोटी अठुरवाला में रहता है.

दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए सत्ये सिंह: आज सुबह उनका पार्थिव शरीर अठुरवाला स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए लाया गया. जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पहुंचा, वैसे ही परिवार वाले बिलख पड़े. हर कोई परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश में जुटा रहा, लेकिन अपने को खोने के दर्द में परिवार वाले बिलखते रहे. सत्ये सिंह अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं.

Satye Singh Last Rites Dehradun
सूबेदार सत्ये सिंह (फाइल फोटो) (Family Members)

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दिया कंधा: वहीं, उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी सूबेदार सत्ये सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे. जहां उन्होंने अंतिम दर्शन कर पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया. इसके बाद सत्ये सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ऋषिकेश ले जाया गया. जहां पर उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया.

Doiwala Jawan Satye Singh Funeral
सूबेदार सत्ये सिंह को श्रद्धांजलि देते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (फोटो- ETV Bharat)

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि किसी भी शहीद को वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन देश की रक्षा की खातिर उनके सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा. आज इस दुख की घड़ी में देश और प्रदेश की सरकार बलिदानी के परिवार के साथ खड़ी है. वहीं, तमाम नम आंखों ने 'जब तक सूरज चांद रहेगा, सत्ये सिंह तेरा नाम रहेगा' नारों के साथ बलिदानी को अंतिम विदाई दी.

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Last Updated : Aug 4, 2024, 2:37 PM IST
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