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SMS अस्पताल के चिकित्सकों ने युवक को दिया नया जीवनदान , एड्रेनल ग्रंथियों में था ट्यूमर - surgery of tumer in sms

राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर भारत के प्रमुख अस्पतालों में से शुमार जयपुर के एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने एक दुर्लभ बीमारी का इलाज किया है. मरीज को एड्रेनल ग्रंथियों में ट्यूमर था, उसे सर्जरी कर ठीक कर दिया गया.

surgery of tumer in sms
एड्रेनल ग्रंथियों में ट्यूमर था 21 वर्षीय मरीज को (PHOTO ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 26, 2024, 2:04 PM IST

जयपुर: प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बार फिर जटिल ऑपरेशन को अंजाम देते हुए एक 21 वर्षीय मरीज की जान बचाई है, यह मरीज़ एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित था.

चूरू निवासी 21 वर्षीय युवक बीते कई दिनों से युवावस्था में एड्रेनल ग्रंथियों में फियोक्रोमोसाइटोमा नामक ट्यूमर के कारण अत्यधिक उच्च रक्तचाप और सिरदर्द की समस्या से जूझ रहा था, युवक ने चूरू के कई बड़े निजी अस्पतालों में उपचार कराया, लेकिन किसी भी डॉक्टर को बीमारी का सही कारण पता नहीं चल सका. इसके बाद एसएमएस अस्पताल के जनरल सर्जरी के डॉ अमित गोयल, डॉक्टर नरेंद्र शर्मा की ओपीडी में जांच के बाद युवक की दोनों एड्रेनल ग्रंथियों में फियोक्रोमोसाइटोमा नामक ट्यूमर का पता चला. उनकी टीम ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

लक्षण की पहचान बहुत ज़रूरी: चिकित्सकों का कहना है कि इस ऑपरेशन में दाईं तरफ की एड्रेनल ग्रंथि का थोड़ा भाग सही होने के कारण उसे बचाते हुए ट्यूमर को निकाल दिया गया. डॉ. गोयल ने बताया कि फियोक्रोमोसाइटोमा के लक्षणों को पहचानना और इसका समय पर उपचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस प्रकार के ट्यूमर से उत्पन्न हार्मोन उच्च रक्तचाप और अन्य गंभीर लक्षण पैदा कर सकते हैं, जिनका समय पर निदान और उपचार न होने पर मरीज की जान को खतरा हो सकता है. यह ऑपरेशन राज्य में एड्रेनल ग्रंथियों के फियोक्रोमोसाइटोमा का दूरबीन द्वारा पहली बार सफल ऑपरेशन होने के कारण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है. इससे प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगी है और अन्य मरीजों के लिए भी यह ऑपरेशन एक प्रेरणा बनेगा.

ये हैं ट्यूमर के लक्षण: डॉक्टर नरेंद्र शर्मा ने बताया कि फियोक्रोमोसाइटोमा एक ऐसा ट्यूमर है जो हार्मोन जारी करता है, जिससे उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, पसीना आना और पैनिक अटैक जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं. यदि इसका इलाज समय पर न हो, तो यह शरीर की अन्य प्रणालियों को गंभीर या जानलेवा क्षति पहुंचा सकता है. इस सर्जरी की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि यह राज्य में पहली बार दूरबीन (लैप्रोस्कोपिक) तकनीक का उपयोग करके किया गया, जिससे मरीज को जल्दी रिकवरी का मौका मिला. निजी अस्पतालों में इस प्रकार की सर्जरी का खर्च करीब 5 लाख रुपये होता है, लेकिन प्रदेश के एसएमएस अस्पताल में यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निशुल्क किया गया. इस योजना के अंतर्गत मरीज को सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराई गईं और सफल ऑपरेशन के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

इन चिकित्सकों की रही भागीदारी: यूनिट हेड के मार्गदर्शन में डॉक्टर शालू गुप्ता, विभागाध्यक्ष प्रभा ओम के निर्देशन में डॉक्टर अमित गोयल, डॉक्टर नरेंद्र शर्मा और रेजिडेंट्स डॉ. केशव, डॉ. रोहन, डॉ. देबारथी बनर्जी ने अहम भूमिका निभाई. इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ का भी सहयोग सराहनीय रहा.

जयपुर: प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बार फिर जटिल ऑपरेशन को अंजाम देते हुए एक 21 वर्षीय मरीज की जान बचाई है, यह मरीज़ एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित था.

चूरू निवासी 21 वर्षीय युवक बीते कई दिनों से युवावस्था में एड्रेनल ग्रंथियों में फियोक्रोमोसाइटोमा नामक ट्यूमर के कारण अत्यधिक उच्च रक्तचाप और सिरदर्द की समस्या से जूझ रहा था, युवक ने चूरू के कई बड़े निजी अस्पतालों में उपचार कराया, लेकिन किसी भी डॉक्टर को बीमारी का सही कारण पता नहीं चल सका. इसके बाद एसएमएस अस्पताल के जनरल सर्जरी के डॉ अमित गोयल, डॉक्टर नरेंद्र शर्मा की ओपीडी में जांच के बाद युवक की दोनों एड्रेनल ग्रंथियों में फियोक्रोमोसाइटोमा नामक ट्यूमर का पता चला. उनकी टीम ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

लक्षण की पहचान बहुत ज़रूरी: चिकित्सकों का कहना है कि इस ऑपरेशन में दाईं तरफ की एड्रेनल ग्रंथि का थोड़ा भाग सही होने के कारण उसे बचाते हुए ट्यूमर को निकाल दिया गया. डॉ. गोयल ने बताया कि फियोक्रोमोसाइटोमा के लक्षणों को पहचानना और इसका समय पर उपचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस प्रकार के ट्यूमर से उत्पन्न हार्मोन उच्च रक्तचाप और अन्य गंभीर लक्षण पैदा कर सकते हैं, जिनका समय पर निदान और उपचार न होने पर मरीज की जान को खतरा हो सकता है. यह ऑपरेशन राज्य में एड्रेनल ग्रंथियों के फियोक्रोमोसाइटोमा का दूरबीन द्वारा पहली बार सफल ऑपरेशन होने के कारण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है. इससे प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगी है और अन्य मरीजों के लिए भी यह ऑपरेशन एक प्रेरणा बनेगा.

ये हैं ट्यूमर के लक्षण: डॉक्टर नरेंद्र शर्मा ने बताया कि फियोक्रोमोसाइटोमा एक ऐसा ट्यूमर है जो हार्मोन जारी करता है, जिससे उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, पसीना आना और पैनिक अटैक जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं. यदि इसका इलाज समय पर न हो, तो यह शरीर की अन्य प्रणालियों को गंभीर या जानलेवा क्षति पहुंचा सकता है. इस सर्जरी की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि यह राज्य में पहली बार दूरबीन (लैप्रोस्कोपिक) तकनीक का उपयोग करके किया गया, जिससे मरीज को जल्दी रिकवरी का मौका मिला. निजी अस्पतालों में इस प्रकार की सर्जरी का खर्च करीब 5 लाख रुपये होता है, लेकिन प्रदेश के एसएमएस अस्पताल में यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निशुल्क किया गया. इस योजना के अंतर्गत मरीज को सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराई गईं और सफल ऑपरेशन के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

इन चिकित्सकों की रही भागीदारी: यूनिट हेड के मार्गदर्शन में डॉक्टर शालू गुप्ता, विभागाध्यक्ष प्रभा ओम के निर्देशन में डॉक्टर अमित गोयल, डॉक्टर नरेंद्र शर्मा और रेजिडेंट्स डॉ. केशव, डॉ. रोहन, डॉ. देबारथी बनर्जी ने अहम भूमिका निभाई. इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ का भी सहयोग सराहनीय रहा.

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