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हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर दो घंटे हड़ताल पर रहे डॉक्टर, सरकारी अस्पतालों में परेशान दिखे मरीज - Doctors on strike - DOCTORS ON STRIKE

Doctors on strike: आज पूरे राज्य में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे. सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक हड़ताल रखी गई. हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामन करना पड़ा.

डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान
डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 15, 2024, 1:11 PM IST

Updated : Jul 15, 2024, 1:35 PM IST

करनाल/चरखी दादरी: आज करनाल, चरखी दादरी समेत पूरे राज्य के सरकारी अस्पतालों में सुबह 9 बजे 11 बजे तक ओपीडी सेवा बंद रही. जिला नागरिक अस्पताल, उपमंडल नागरिक अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजाे को परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि इमरजेंसी सुविधा अस्पतालों में चलती रही.

करनाल में हड़ताल का असर: रविवार को छुट्टी के कारण सोमवार को ओपीडी खुलने पर ओपीडी में इलाज के लिये बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे. मरीज उपचार करवाने के लिए ओपीडी में गए लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिले. इस वजह से मरीजों को इंतजार करना पड़ा.

चरखी दादरी में मरीज परेशान: चरखी दादरी में भी डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ा. जिले के सभी 17 स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी सेवा प्रभावित रही. चिकित्सकों के कक्ष खाली पड़े रहे और बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही. मरीजों को घंटो इंतजार करने के बाद बैरंग लौटना पड़ा. मरीजों ने बताया कि डाक्टरों की हड़ताल का खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है. वे दूर-दूर से इलाज के लिए पहुंचे लेकिन कोई सुविधा नहीं होने से वापस लौटना पड़ रहा है. चरखी दादरी में हर दिन औसतन 2500 मरीज इलाज के लिए ओपीडी आते हैं.

क्या है डॉक्टरों की मांग: एचसीएमएस के चरखी दादरी जिला प्रधान राजीव बेनीवाल ने बताया कि "उनकी प्रमुख मांगों में चिकित्सकों की स्थाई भर्ती, पीजी पॉलिसी में बॉन्ड की राशि 1 करोड़ से घटा कर 50 लाख की जाए, स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी को पूरा करते हुए स्पेशलिस्ट कैडर का निर्माण किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी को 25 जुलाई को इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी". वहीं करनाल जिला एसोसिएशन के प्रधान डॉ. संदीप अबरोल ने बताया कि "चार मुख्य मांगे है, जो अभी तक सरकार की ओर से पूरी नहीं की गई है. इसके विरोध में एक जुलाई को काले रिबन बांधकर चिकित्सकों ने काम किया था. डॉक्टर कई बार हड़ताल कर चुके हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. यदि सरकार ने मांगो को लेकर समाधान नहीं किया तो आने वाले समय मे हरियाणा के सभी सरकारी डॉक्टर सरकार के खिलाफ कोई बड़ा निर्णय ले सकते है जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी".

ये भी पढ़ें: हरियाणा में आज से डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, हेल्थ डीजी के साथ बैठक

ये भी पढ़ें: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में हड़ताल से मरीजों की बढ़ी परेशानी, अपनी लंबित मांगों को लेकर डॉक्टरों ने ओपीडी किया है बंद

करनाल/चरखी दादरी: आज करनाल, चरखी दादरी समेत पूरे राज्य के सरकारी अस्पतालों में सुबह 9 बजे 11 बजे तक ओपीडी सेवा बंद रही. जिला नागरिक अस्पताल, उपमंडल नागरिक अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजाे को परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि इमरजेंसी सुविधा अस्पतालों में चलती रही.

करनाल में हड़ताल का असर: रविवार को छुट्टी के कारण सोमवार को ओपीडी खुलने पर ओपीडी में इलाज के लिये बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे. मरीज उपचार करवाने के लिए ओपीडी में गए लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिले. इस वजह से मरीजों को इंतजार करना पड़ा.

चरखी दादरी में मरीज परेशान: चरखी दादरी में भी डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ा. जिले के सभी 17 स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी सेवा प्रभावित रही. चिकित्सकों के कक्ष खाली पड़े रहे और बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही. मरीजों को घंटो इंतजार करने के बाद बैरंग लौटना पड़ा. मरीजों ने बताया कि डाक्टरों की हड़ताल का खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है. वे दूर-दूर से इलाज के लिए पहुंचे लेकिन कोई सुविधा नहीं होने से वापस लौटना पड़ रहा है. चरखी दादरी में हर दिन औसतन 2500 मरीज इलाज के लिए ओपीडी आते हैं.

क्या है डॉक्टरों की मांग: एचसीएमएस के चरखी दादरी जिला प्रधान राजीव बेनीवाल ने बताया कि "उनकी प्रमुख मांगों में चिकित्सकों की स्थाई भर्ती, पीजी पॉलिसी में बॉन्ड की राशि 1 करोड़ से घटा कर 50 लाख की जाए, स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी को पूरा करते हुए स्पेशलिस्ट कैडर का निर्माण किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी को 25 जुलाई को इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी". वहीं करनाल जिला एसोसिएशन के प्रधान डॉ. संदीप अबरोल ने बताया कि "चार मुख्य मांगे है, जो अभी तक सरकार की ओर से पूरी नहीं की गई है. इसके विरोध में एक जुलाई को काले रिबन बांधकर चिकित्सकों ने काम किया था. डॉक्टर कई बार हड़ताल कर चुके हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. यदि सरकार ने मांगो को लेकर समाधान नहीं किया तो आने वाले समय मे हरियाणा के सभी सरकारी डॉक्टर सरकार के खिलाफ कोई बड़ा निर्णय ले सकते है जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी".

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Last Updated : Jul 15, 2024, 1:35 PM IST
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