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हरियाणा में चरमरा सकती है स्वास्थ्य सेवा, डॉक्टरों ने दी हड़ताल की चेतावनी, आपात सेवा भी रहेगी बंद - Haryana Doctor Strike - HARYANA DOCTOR STRIKE

Haryana Doctor Strike: हरियाणा की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर चरमरा सकती है. प्रदेश के डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर हड़तान पर जाने की चेतावनी दी है. डॉक्टर पिछले 3 साल से हड़ताल पर हैं.

Haryana Doctor Strike
हरियाणा में डॉक्टर की हड़ताल (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 15, 2024, 10:21 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के डॉक्टर अपनी मांगें मनवाने के लिए 3 साल से धरना प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे हैं. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) के आह्वान पर पूरे प्रदेश के डॉक्टर समय-समय पर अपनी मांग उठाते रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ मांगे मान लिए जाने के बाद भी वह उन्हें लागू नहीं करवा सके.

सरकार पर निर्भर है मामला

प्रदेश के डॉक्टरों की मांगों को स्वीकृति देना किसी विभागीय उच्चाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, बल्कि यह फैसला हरियाणा सरकार पर निर्भर करता है. सबसे पहले प्रदेश सरकार को एचसीएमएसए (HCMSA) की उन सभी मांगों को लागू करना है, जिन्हें हरियाणा की तत्कालीन मनोहर सरकार द्वारा माना गया था. लेकिन उन्हें लागू नहीं कराया जा सका. ऐसा क्यों हुआ है, इस बारे कोई भी स्वास्थ्य अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. नतीजतन प्रदेश में कुछ-कुछ समय बाद डॉक्टर हड़ताल करने पर विवश हैं.

Haryana Doctor Strike
ओपीडी वेटिंग हॉल में इंतजार करते मरीज. (Photo- ETV Bharat)

एसीपी व स्पेशल कैडर की मांग फाइनेंस में लंबित

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश खयालिया ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हरियाणा, मनोहर लाल ने एचसीएमएसए की एसीपी भत्तों संबंधी मांग को माना था. लेकिन इसे लागू करने के बजाय 3 साल से यह फाइनेंस विभाग के पास लंबित है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री हरियाणा ने 2 साल पहले विधानसभा में डॉक्टरों के 'स्पेशल कैडर' के बारे में भी घोषणा की थी. बताया गया कि बीते करीब चार महीने पहले इसे अप्रूव भी कर लिया गया. इसके बावजूद इस मांग को लागू नहीं किया गया और आखिरकार ये भी वित्त विभाग में जाकर ठंडे बस्ते में पड़ी है.

16 जुलाई को एडिशनल हेल्थ चीफ सेक्रेट्री से मीटिंग

एचसीएमएसए के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से आज उन्हें किसी प्रकार का कोई संदेश प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि 16 जुलाई की शाम 4 बजे एडिशनल चीफ सेक्रेट्री (हेल्थ) के साथ डॉक्टर्स एसोसिएशन की मीटिंग होनी है. इसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि हरियाणा सरकार का उनकी मांगों के संबंध में क्या फैसला है.

मांगे नहीं मानने पर 25 जुलाई को स्वास्थ्य सेवाएं ठप

एचसीएमएसए द्वारा 15 जुलाई की सुबह 9 से 11 बजे तक पेन डाउन हड़ताल की गई. इसके तहत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रखी गई. इसके साथ ही डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी 25 जुलाई को समूचे प्रदेश में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी जाएंगी. इनमें आपातकालीन सेवाएं भी शामिल रहेंगी.

डॉक्टरों की प्रमुख मांगें

प्रदेश के डॉक्टर जिन मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं उनमें, स्पेशलिस्ट कैडर, पीजी कोर्स के बांड में कमी, एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डॉक्टरों के समान एसीपी भत्ते देने जैसी मांगें शामिल हैं. एक बार फिर डॉक्टरों की चेतावनी प्रदेश के मरीजों पर भारी पड़ सकती है.

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सरकार पर निर्भर है मामला

प्रदेश के डॉक्टरों की मांगों को स्वीकृति देना किसी विभागीय उच्चाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, बल्कि यह फैसला हरियाणा सरकार पर निर्भर करता है. सबसे पहले प्रदेश सरकार को एचसीएमएसए (HCMSA) की उन सभी मांगों को लागू करना है, जिन्हें हरियाणा की तत्कालीन मनोहर सरकार द्वारा माना गया था. लेकिन उन्हें लागू नहीं कराया जा सका. ऐसा क्यों हुआ है, इस बारे कोई भी स्वास्थ्य अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. नतीजतन प्रदेश में कुछ-कुछ समय बाद डॉक्टर हड़ताल करने पर विवश हैं.

Haryana Doctor Strike
ओपीडी वेटिंग हॉल में इंतजार करते मरीज. (Photo- ETV Bharat)

एसीपी व स्पेशल कैडर की मांग फाइनेंस में लंबित

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश खयालिया ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हरियाणा, मनोहर लाल ने एचसीएमएसए की एसीपी भत्तों संबंधी मांग को माना था. लेकिन इसे लागू करने के बजाय 3 साल से यह फाइनेंस विभाग के पास लंबित है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री हरियाणा ने 2 साल पहले विधानसभा में डॉक्टरों के 'स्पेशल कैडर' के बारे में भी घोषणा की थी. बताया गया कि बीते करीब चार महीने पहले इसे अप्रूव भी कर लिया गया. इसके बावजूद इस मांग को लागू नहीं किया गया और आखिरकार ये भी वित्त विभाग में जाकर ठंडे बस्ते में पड़ी है.

16 जुलाई को एडिशनल हेल्थ चीफ सेक्रेट्री से मीटिंग

एचसीएमएसए के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से आज उन्हें किसी प्रकार का कोई संदेश प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि 16 जुलाई की शाम 4 बजे एडिशनल चीफ सेक्रेट्री (हेल्थ) के साथ डॉक्टर्स एसोसिएशन की मीटिंग होनी है. इसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि हरियाणा सरकार का उनकी मांगों के संबंध में क्या फैसला है.

मांगे नहीं मानने पर 25 जुलाई को स्वास्थ्य सेवाएं ठप

एचसीएमएसए द्वारा 15 जुलाई की सुबह 9 से 11 बजे तक पेन डाउन हड़ताल की गई. इसके तहत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रखी गई. इसके साथ ही डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी 25 जुलाई को समूचे प्रदेश में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी जाएंगी. इनमें आपातकालीन सेवाएं भी शामिल रहेंगी.

डॉक्टरों की प्रमुख मांगें

प्रदेश के डॉक्टर जिन मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं उनमें, स्पेशलिस्ट कैडर, पीजी कोर्स के बांड में कमी, एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डॉक्टरों के समान एसीपी भत्ते देने जैसी मांगें शामिल हैं. एक बार फिर डॉक्टरों की चेतावनी प्रदेश के मरीजों पर भारी पड़ सकती है.

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