नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल जीटीबी में मरीज की हत्या के बाद सोमवार से डॉक्टर, नर्सेज और अस्पताल कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी. सुबह 9 बजे से ही हड़ताल शुरू करने के कारण अस्पताल में आने वाले ओपीडी मरीजों का पर्चा तक नहीं बन पाया. जिसकी वजह से अस्पताल में आने वाले मरीजों को बिना डॉक्टर को दिखाए ही वापस लौटना पड़ा.
कई सारे मरीज उत्तर प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों से भी आए थे. वहीं, कुछ मरीज दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से भी आए थे. लेकिन उन्हें अस्पताल में आने पर बताया गया कि आज डॉक्टर की हड़ताल है. इसलिए पर्चे नहीं बनाए जा रहे हैं. वह किसी दूसरे अस्पताल में जाकर आज डॉक्टर को दिखा लें. सीमापुरी से अपने बच्चों को दिखाने आई नसरीन ने बताया कि उनके बच्चे को दौरे पड़ते हैं. आज इहबास मेंटल हॉस्पिटल में दिखाने पर वहां के डॉक्टर ने जीटीबी अस्पताल में टेस्ट कराने को कहा. यहां आने पर पता चला कि आज यहां डॉक्टर की हड़ताल है. आज किसी मरीज को नहीं देखा जा रहा है. हड़ताल खत्म होने के बाद जब अस्पताल आएंगे तभी डॉक्टर मरीज को देखेंगे.
वहीं, उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से अपनी बेटी का इलाज कराने आए एक अन्य तीमारदार के रिश्तेदार मनोज ने बताया कि बेटी प्रियंका को काफी समय से लिवर की समस्या है. उसकी तिल्ली भी बढ़ गई है. ये दिल्ली में ड्राइवर की नौकरी करके परिवार चलाते हैं. इलाज का खर्च नहीं झेल सकते. बस्ती में सरकारी अस्पताल में दिखाया था. वहां, डॉक्टरों ने दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी. लड़की को काफी समय से बुखार है. उसका चलना फिरना भी बंद हो गया. लड़की खड़ी नहीं हो पाती है. आज जीटीबी अस्पताल लेकर आए हैं तो बताया गया कि डॉक्टरों की हड़ताल है. मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है.
कहा जा रहा है कि किसी दूसरे अस्पताल में लेकर चले जाओ. लेकिन, दूसरे अस्पताल के लिए रेफर भी लिखकर नहीं दे रहे हैं. इसलिए बहुत परेशानी हो रही है. बता दें, जीटीबी अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन छह से सात हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं. लेकिन, सोमवार को ओपीडी सेवाएं बंद रहने के कारण बड़ी संख्या में मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा. इसके अलावा अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं तो चालू रहीं. लेकिन, इमरजेंसी में भी मरीज को भर्ती करने के लिए परिजनों को काफी परेशानी हुई. इमरजेंसी में भी मुश्किल से मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्चे बनाए गए.
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वार्ड में जाने वालों की हो रही थी सघन चेकिंगः रविवार को एक मरीज की हत्या के बाद अस्पताल के सुरक्षा कर्मी सक्रिय दिखाई दे रहे थे. वार्ड में जाने वाले सभी लोगों की सघन जांच की जा रही थी, जिनके पास डॉक्टर का पर्चा या भर्ती मरीज के साथ रुकने का पास था सिर्फ उनको ही अंदर जाने दिया जा रहा था. बाकी लोगों को वाजिब कारण नहीं बताने पर वापस किया जा रहा था. वहीं, ओपीडी में आने वाले मरीजों को गेट के बाहर से ही हड़ताल की जानकारी देकर वापस जाने के लिए कहा जा रहा था.
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