नई दिल्ली: DMRC ने जापानी रीसाइक्लिंग फर्म जेआईटी यामानाशी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (JIT Yamanashi India Pvt Ltd) के सहयोग से प्रिंटर स्याही की बोतलों और कार्ट्रिज के रिसाइकिल के लिए ई-कचरा रीसाइक्लिंग बॉक्स लॉन्च किया है. इसका उद्घाटन हौज खास मेट्रो स्टेशन पर जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) और डीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ. इसका उद्घाटन जापान के राजदूत महामहिम सुजुकी हिरोशी और डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार ने किया है.
रीसाइक्लिंग को लेकर जागरूकता फैलेगी
रीसाइक्लिंग बॉक्स इंस्टॉलेशन प्रत्येक स्टेशन के पेमेंट वाले क्षेत्रों में लगाया गया है.ताकि यात्रियों को अपने ई-कचरे को जिम्मेदारी से निपटाने की बात समझ आए. इन रीसाइक्लिंग बॉक्स को मेट्रो स्टेशन पर इंस्टॉल करना डीएमआरसी के पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति अपने समर्पण को दिखता है. JICA (जेआईसीए) की इस पहल से मेट्रो से सफर करने वालों में रीसाइक्लिंग को लेकर जिम्मेदारियां बढ़ेगी. एक जगह इकट्ठा किए गए ई-कचरे को रिसाइकिल कर पर्यावरण से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जाएगा.
15 प्रमुख स्टेशनों पर रीसाइक्लिंग बॉक्स
इन रीसाइक्लिंग बॉक्स को दो के सेट में इंस्टॉल किया गया है. अभी, इन्हें 15 प्रमुख इंटरचेंज मेट्रो स्टेशनों पर रखा गया है. इसमें वेलकम, कश्मीरी गेट, नेताजी सुभाष प्लेस, गुरु तेग बहादुर नगर, नई दिल्ली, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय दिल्ली हाट-आईएनए, हौज खास, द्वारका, जनकपुरी पश्चिम, राजौरी गार्डन, मंडी हाउस, यमुना बैंक और लाजपत नगर शामिल हैं.
सर्कुलर अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार
भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने बताया कि जेआईटी द्वारा प्रयुक्त स्याही की बोतलों के निपटान के लिए रीसाइक्लिंग बक्से को विकसित करने का प्रयास भारत में एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था शुरू करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में मिशन लाइफ जैसी पहल कार्बन फुटप्रिंट को कम कर रही है. इस मिशन का एक उद्देश्य एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करना और प्रयुक्त प्लास्टिक को रीसायकल करना है
यात्रियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने डीएमआरसी को अपना पहला भागीदार बनाते हुए भारत में इस स्थायी पहल को लाने के लिए जापान का आभार व्यक्त किया. उन्होंने यात्रियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि डीएमआरसी हमेशा ऐसी पहल में सबसे आगे रहा है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनका कॉर्पोरेट मुख्यालय, मेट्रो भवन कार्बन तटस्थ इमारत के रूप में प्रमाणित है.
पीएचडीसीसीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. रणजीत मेहता ने इस बात पर जोर दिया कि ठोस अपशिष्ट एक बड़ी समस्या है, और 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 45% तक कम करने और 2070 तक नेट जीरो प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता को ऐसी हरित संक्रमण पहलों द्वारा समर्थन दिया जाएगा, जिसमें जापान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पीएचडीसीसीआई देश भर के अपने कार्यालयों में ये बॉक्स स्थापित करेगा और अपने उद्योग सदस्यों को भी अपने-अपने कार्यालयों में ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
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