पटना: दीपावली, दीपों का उत्सव है. इस दिन दीया जलाकर उत्सव मनाने की परंपरा रही है. कालांतर में धीरे-धीरे दीपों की जगह छोटे-छोटे बल्व से सजावट किया जाने लगा. फिर, धीरे-धीरे इस रोशनी के त्योहार पर की लाइटिंग वाले सामान पर चाइनीज सामान का कब्जा हो गया. राजधानी पटना सहित बिहार के तमाम जिलों में लोग अपने घरों पर सजावट करने के लिए चाइनीज लाइट्स की खरीदारी कर रहे हैं.
चीनी सामान खरीदने की भीड़ः राजधानी पटना के चांदनी मार्केट में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. पिछले कई दिनों से बाजार में उत्सव सा माहौल है. सभी दुकानों पर चाइनीज दीया, लाइट्स और खिलौने की भरमार लगी थी. लोग भी चाइनीज सामान को तवज्जो दे रहे थे. कम कीमत होने के चलते लोग खरीददारी कर रहे थे. चाइनीज लाइट्स की डिमांड सबसे ज्यादा थी. 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की रेंज में हर तरह की लाइट्स मिल रही थी.
चीन करता है करोड़ों की कमाईः पिछले 3 साल के दौरान चीनी सामान की बिक्री बढ़ी है. साल 2022 में जहां 15 से 20 करोड़ की इनकम चीन को बिहार से हुई थी, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 25 से 30 करोड़ पहुंच गया. 2024 में चीन की कमाई 50 करोड़ के आसपास होने का अनुमान है. इससे स्थानीय व्यवसायियों में निराशा है. सीएआईटी के अध्यक्ष कमल नोपानी कहते हैं कि हम लोग लगातार अभियान चला रहे हैं कि चीनी सामान निर्भरता पर कम हो, लेकिन इसका असर होता नहीं दिख रहा है.
"बिहार जैसे राज्य से भी चीन करोड़ों की कमाई कर लेता है. चीनी सामान सस्ते होते हैं, इस वजह से लोग वहां बने सामान को खरीद लेते हैं. 1 साल में ही चीन में बना सामान खराब हो जाता है, जबकि भारतीय उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी होती है और वह लंबे समय तक चलते हैं."- कमल नोपानी, सीएआईटी, अध्यक्ष
चीन में बने सामान नहीं खरीदेंः भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि वो लोग स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं. सरकार भी इस दिशा में प्रयासरत है. उन्होंने आम लोगों से अपील की उनको कम से कम चीन के बने सामान खरीदने चाहिए. स्थानीय उत्पादन को खरीदने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. बाजार में कई ऐसे समान हैं, जो दिखते चीनी सामान की तरह हैं, लेकिन उसका निर्माण स्थानीय स्तर पर हुआ है.
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