गैरसैंण: चमोली के किसान जल्द ही मालामाल होने वाले हैं. यहां मॉडल विलेज मैठाणा को कीवी उत्पादन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की कवायद शुरू हो गई है. मैठाणा गांव में सोमवार को एक हेक्टेयर कृषि भूमि पर कीवी पौधे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. जिलाधिकारी संदीप तिवारी एवं मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार ने आदर्श विलेज मैठाणा में कीवी पौध लगाकर इसका शुभारंभ किया.
आदर्श विलेज मैठाणा में एक हेक्टेयर भूमि पर 532 कीवी के पौधे लगाए जा रहे हैं. इसके लिए भूमि पर मजबूत ट्रेलिस सिस्टम तैयार किया गया है. जिसमें कीवी का अच्छा उत्पादन होगा. साथ ही यहां पर कैलेन्डुला पुष्प की इंटर क्रॉपिंग भी की जा रही है. जिससे कृषकों को दोहरा लाभ मिलेगा.
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कीवी पौधरोपण के दौरान गांव के अन्य किसानों को भी कीवी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने किसानों को कीवी के अलावा मशरूम, बागवानी, हर्बल नर्सरी और अन्य वेजिटेबल उत्पादन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि मैठाणा गांव चारधाम यात्रा मार्ग पर होने के कारण यहां पर आजीविका बढ़ने की भरपूर संभावनाएं है, किसानों को आसानी से बाजार मिलेगा. जल्द ही मैठाणा में हाट बाजार और आउटलेट एवं अन्य माध्यमों से मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाएगी. जिलाधिकारी ने कहा कि महिला समूहों को भी इस योजना से जोड़ा जाए.
मैठाणा गांव कीवी उत्पादन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर होगा तैयार: मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी ने बताया कि कीवी का पौधा तीन साल बाद फल देना शुरू करेगा. एक पौधे से एक सीजन में करीब 50 किलो कीवी उत्पादन होता है. मैठाणा में शिव प्रसाद डिमरी की एक हैक्टियर कृषि भूमि पर 532 कीवी के पौधे लगाए जा रहे हैं, जिसमें 25 किसानों को जोड़ा गया है. इसके अलावा मुकेश सती की 20 नाली भूमि पर भी कीवी प्लांटेशन कराया जाएगा. एक किलो कीवी के 300 रुपए तक दाम मिलते है. जिससे आने वाले समय में मैठाणा गांव कीवी उत्पादन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर तैयार होगा. साथ ही मैठाणा में हाई-टेक पॉली हाउस लगाकर वेजिटेबल की खेती भी शुरू की जाएगी.
लक्ष्मी नारायण मंदिर के सौंदर्यीकरण का भी निरीक्षण: मैठाणा गांव के भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण भी किया. जानकारी के मुताबिक मैठाणा गांव में 8वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर की स्थापना की थी. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर स्थापित शिवलिंग का दिन में तीन बार रंग बदलता है. जिला प्रशासन द्वारा पौराणिक लक्ष्मी नारायण मंदिर का सौंदर्यीकरण, मुख्य गेट और रास्ता बनाया जा रहा है. कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग इस पर काम कर रहा है. जल्द ही मंदिर अपने दिव्य और भव्य रूप में नजर आएगा.
भ्रमण के दौरान मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी रघुवीर सिंह राणा, ग्राम प्रधान शिव प्रसाद डिमरी, मुकेश सती सहित गांव के किसान महिलाएं मौजूद थी.
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