उन्नाव : दोस्तों के साथ गंगा नहाने गए स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर का तीसरे दिन भी सुराग नहीं लगा. नदी में उनके डूबे 48 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका है. 30 किमी की दायरे में उनकी तलाश की जा रही है. इसके लिए एसडीआरए, एनडीआरएफ समेत करीब 75 पुलिसककर्मियों को लगाया गया है. उन्नाव के अलावा कानपुर में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. गोताखोर भी तलाश में जुटे हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया से डिप्टी डायरेक्टर के छोटे भाई के परिवार समेत उनके माता-पिता भी पहुंच चुके हैं. चचेरे भाई अनुपम सिंह ने बताया परिवार ऑस्ट्रेलिया से पहुंच चुका है. तीसरे दिन की तलाश तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया. अब चौथे दिन टीमें फिर से खोजबीन कर रहीं हैं.
जिले के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के ग्राम कबीरपुर खंभौली निवासी स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अपने तीन अन्य साथियों के साथ गंगा स्नान करने नानामऊ घाट आए थे. जहां कानपुर नगर के बिल्हौर थाना क्षेत्र स्थित नानामऊ घाट पर स्नान करते समय वह अचानक गहरे पानी में चले गए. उनके साथियों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पलक झपकते ही गंगा की तेज धारा में बह गए. घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में हाहाकार मच गया. उनकी खोज के लिए एनडीआरएफ टीम बुलाई गई है. वह बिहार कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री के निजी सचिव के चचेरे भाई हैं. आदित्य वर्धन गौरव की पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला जिले में न्यायाधीश के पद पर तैनात हैं.
रविवार देर रात तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली. डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन के माता-पिता व पत्नी के आज गंगा तट पर पहुंचेंगे. रविवार को माता-पिता व बहन-बहनोई ऑस्ट्रेलिया से निकल चुके थे. सोमवार को वह पहुंच गए. महाराष्ट्र के अकोला से पत्नी भी पहुंच चुकी हैं. बीते शनिवार को दोपहर से शाम तक टीम ने स्टीमर के जरिए डूबे डिप्टी डायरेक्टर की खोज की. रविवार को पूरे दिन एसडीआरएफ और पीएससी बल की बाढ़ राहत टीमों ने अलग-अलग क्षेत्र नानामऊ गंगा तट से लेकर शिवराज पुर थाना अंतर्गत खेरेश्वर गंगा तट तक नदी की तलहटी को खंगाला लेकिन कुछ पता नहीं चल सका.
रविवार को गंगा तट पर मौजूद गौरव के चचेरे भाई आईएएस अनुपम सिंह ने प्रशासन को फोन कर सर्च आपरेशन के लिए एनडीआरएफ टीम की मांग की थी. विवार डिप्टी कमिश्नर पुलिस कानपुर नगर गंगा तट पर पहुंचकर सर्च आपरेशन की कई घंटे तक निगरानी करते रहे लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी अभी तक डिप्टी डायरेक्टर के शव का कोई पता नहीं चल पाया है. सोमवार को भी तलाश चलती रही, लेकिन पता नहीं चल पाया.
जानकारी के मुताबिक, उन्नाव के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के ग्राम कबीरपुर खंभौली निवासी रमेश चंद्र सिंचाई विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर हैं और वह मौजूदा समय में लखनऊ के मोहल्ला अलीगंज में रह रहे हैं. उनके बेटे आदित्य वर्धन गौरव (44) बनारस में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर हैं. डिप्टी डायरेक्टर गौरव शनिवार को लखनऊ के ही निवासी योगेश्वर मिश्र और प्रदीप तिवारी सहित तीन मित्रों के साथ अपनी कार से गंगा स्नान करने आए थे. उनका इरादा गंगा स्नान करने के बाद अपने पैतृक गांव कबीरपुर खंभौली जाना था. चारों लोग कानपुर नगर के बिल्हौर थाना क्षेत्र स्थित नानामऊ घाट पर गंगा स्नान करने लगे.
स्नान करते फिसला पैरः स्नान करते समय अचानक उनका पैर फिसल गया. पास में मौजूद अन्य तीनों साथियों ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सके और पल भर में ही डिप्टी डायरेक्टर गौरव गंगा की तेज धारा में विलीन हो गए. सूचना मिलते ही उनके पैतृक गांव के परिजनों में चीख-पुकार मच गई और तमाम परिजन आनन-फानन में गंगा तट पर जा पहुंचे. सूचना पर पहुंची बिल्हौर पुलिस स्थानीय गोताखोरों की मदद से खोज करने में जुटी है. इसके साथ साथ एनडीआरएफ की टीम स्टीमर के जरिए डिप्टी डायरेक्टर की खोज करने में जुटी है.
परिवार के ज्यादातर सदस्य उच्च पदों परः गंगा नदी में डूबे डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन गौरव के पिता सेवानिवृत्त अभियंता रमेश चंद्र की पुत्री गुड़िया वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में उच्च पद पर तैनात है. परिजनों के मुताबिक, वह कुछ दिनों पूर्व अपनी पुत्री से मिलने आस्ट्रेलिया गए थे. सूचना मिलते ही पिता रमेश चंद्र यहां के लिए रवाना हो चुके हैं. आदित्य वर्धन गौरव की पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला जिले में न्यायाधीश के पद पर तैनात हैं. आदित्य वर्धन गौरव के चाचा शिवकुमार कन्नौजिया के पुत्र अनुपम सिंह बिहार प्रांत में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और वह पटना सहित करीब एक दर्जन जिलों में जिलाधिकारी सहित कई उच्च पदों पर तैनात रहे हैं. वर्तमान समय में वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निजी सचिव हैं. शिवकुमार कन्नौजिया की पुत्री नोएडा में वरिष्ठ चिकित्सक हैं.
मल्लाह बोला-पहले दस हजार ट्रांसफर करो तब जान बचाऊंगा...
गंगा नदी के गहरे पानी में डूबते-उतराते समय आदित्य वर्धन गौरव ने अपने दोनों हाथों को पानी के ऊपर उठाकर बचाने की गुहार भी लगाई. तभी साथी प्रदीप कुमार तिवारी ने घाट पर ही नाव के ऊपर मौजूद मल्लाह शैलेश कश्यप निवासी ग्राम नानामऊ से डूब रहे डिप्टी डायरेक्टर को बचाने की याचना की. इसपर मल्लाह ने दस हजार रुपए तुरंत उसके बैंक खाते में ट्रांसफर करने की मांग की. प्रदीप तिवारी ने 10 हजार रुपए मल्लाह के खाते में स्थानांतरित भी कर दिए किंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी और आदित्य वर्धन गंगा नदी की तेज धारा में विलीन हो गए. बाद में मल्लाह शैलेश कश्यप अपनी नाव गंगा तट पर ही छोड़ कर घटनास्थल से भाग निकला.
रेस्क्यू में जुटी हुईं हैं टीमें
कल 6 बजे तक अंधेरा हो जाने के बाद सर्च ऑपरेशन में लगी टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद कर दिया था. वहीं, आज सुबह से फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है. वहीं, कल बांगरमऊ विधानसभा के विधायक श्रीकांत कटियार भी मौके पर पहुंचकर स्थिति के बारे में जानकारी ली थी. करीब 40 गोताखोरों को रेस्क्यू में लगाया गया है. कानपुर और उन्नाव के आसपास तलाश की जा रही है. रविवार को पूरे दिन एसडीआरएफ और पीएससी बल की बाढ़ राहत टीमों ने अलग अलग नानामऊ गंगा तट से लेकर शिवराज पुर थाना अंतर्गत खेरेश्वर गंगा तट तक नदी की तलहटी को खंगाला किंतु गौरव का कोई पता नहीं चल सका है. आज गंगा तट पर मौजूद गौरव के चचेरे भाई आईएएस अनुपम सिंह ने प्रशासन को फोन कर सर्च आपरेशन के लिए एनडीआरएफ टीम की मांग की है. डिप्टी कमिश्नर पुलिस कानपुर नगर गंगा तट पर पहुंचकर सर्च आपरेशन की कई घंटे तक निगरानी करते रहे. उन्होंने आईएएस अनुपम सिंह से भी सर्च आपरेशन को लेकर बातचीत की.
एसडीआरएफ टीम के उपनिरीक्षक कुमार सौरभ ने बताया कि इटावा पोस्ट से आई टीम में लाइफ़ जैकेट युक्त अनिल, सुधांशु, आलोक, नितिन व प्रमोद सहित कुल 14 सदस्य शामिल हैं. उनकी मोटरबोट में लोहे का मजबूत पंजा लगा हुआ है, जो मिट्टी में दबी चीज को भी खोदकर बाहर निकाल सकता है. उपनिरीक्षक ने दावा किया कि गंगा में डूबे गौरव की खोज में टीम अवश्य सफल होगी. गंगा में डूबे गौरव के सगे चाचा शिवकुमार ने बताया कि उनके छोटे भाई रमेश चंद्र अपनी पत्नी के साथ आस्ट्रेलिया से चल चुके हैं और फ्लाइट से दिल्ली होते हुए सोमवार की सुबह यहां आ जाएंगे.
आदित्य भैया को गोताखोर बचा लेते तो 10 क्या 50 हजार इनाम में दे देते
आदित्य सर को गोताखोर बचा लेते तो वो इनाम में 10 क्या पचास हजार दे देते, लेकिन सिर्फ दस हजार के लालच में उन्होंने साहब को नहीं बचाया. आदित्य भैया तो ऐसे थे कि जब मां की तबियत ख़राब थी उन्होंने एक बार कहने पर ही 5 हजार रुपए की मदद कर दी. ये कहना है लखनऊ के इंदिरानगर सेक्टर 16 स्थित उन दूकानदारों का, जो पिछले कई वर्षो से आदित्य क़े घर क़े पास ही रहते हैं.
यहां विजय कुमार सिंह, जो आदित्य के पड़ोसी हैं, वो काफी परेशान हैं. विजय बताते हैं कि शनिवार को आदित्य पड़ोस में रहने वाले बिंटू तिवारी के साथ कहीं जा रहे थे. उनकी मुलाक़ात हुई तो आदित्य ने बताया कि गांव घूमने जा रहे हैं, लेकिन शाम को बिंटू तिवारी की कॉल आई और बताया कि ऐसी दुखत घटना हो गई है. विजय के अनुसार, आदित्य के दोस्त गोताखोरों के सामने गिड़गिड़ा रहे थे लेकिन उन्होंने पैसा मिलने तक आदित्य को डूबने से बचाने से इंकार कर दिया. इसी तरह आदित्य के पड़ोसी पंकज वैश्य ने बताया कि बीस वर्षो से उनके घर के बगल में रह रहा हूं. आदित्य को जब भी देखा किसी की मदद करते हुए ही देखा.
मूल रूप से मोहन लाल गंज के रहने वाले सुभाष आदित्य के घर के सामने कपड़े प्रेस करते हैं. बताते हैं कि जब से उन्होंने आदित्य के साथ हुई घटना के बारे में सुना तब से परेशान हूं. सुभाष ने बताया कि उनकी बेटी की फीस नहीं जमा हो पा रही थी. जैसे ही आदित्य भैया ने परेशान देखा तो तत्काल फीस जमा करवा दी. सेक्टर 16 में ही पान की दूकान चलाने वाले विशाल ने बताया की उनकी मां की तबियत ख़राब थी. एक दिन टहलते हुए भैया इधर आ गए. बातचीत के दौरान उन्होंने मां की तबीयत के बारे में पूछा. जब पता चला कि पैसों के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा तो उन्होंने दो दिन बाद मुझे पैसे UPI कर दिए.
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