देहरादून: उत्तराखंड के अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग में सालों से खड़ी कंडम वाहनों की नीलामी अब जिला स्वास्थ्य समिति करेगी. इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश के बाद जल्द ही शासन स्तर से सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएंगे. इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों को बेहतर उपचार दिया जाएगा. ताकि, ज्यादा से ज्यादा मरीजों को सरकारी अस्पतालों की ओर आकर्षित किया जा सके.
दरअसल, सोमवार यानी 14 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मंत्री रावत ने कहा कि प्रदेश के तमाम अस्पतालों और कार्यालयों में पिछले कई सालों से खड़ी कंडम वाहनों की नीलामी की जाए. इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्वास्थ्य समिति को जिम्मेदारी दी जाए. इसके अलावा उन्होंने शासन को इस बाबत निर्देश दिए कि जल्द ही शासन स्तर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए जाएं.
सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश: उन्होंने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में तमाम सुविधाएं होने के बाद निजी अस्पतालों के मुकाबले आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज कम संख्या में हो रहा है. लिहाजा, राजकीय मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने की संख्या बढ़ाने के लिए विभागीय अधिकारियों को और ज्यादा प्रयास करने होंगे. साथ ही सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं भी बढ़ानी होंगी.
सभी सरकारी अस्पतालों का एक ही होगा कलर कोड: इसके साथ ही मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले समय में सभी राजकीय अस्पतालों का एक ही कलर कोड निर्धारित किया जाए. सभी अस्पतालों में गेट के साथ ही समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी को लेकर दो-दो बोर्ड लगाए जाए. इसके अलावा अस्पतालों में हर दिन अलग-अलग रंग की बेड शीट भी निर्धारित की जाए.
एक ही स्थान पर तीन साल से ज्यादा ड्यूटी करने पर बदला जाएगा स्थान: वहीं, मंत्री रावत ने सभी अधिकारियों और कार्मिकों की समय पर उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाने के निर्देश दिए. तमाम चिकित्सालयों में एक ही स्थान पर पिछले तीन सालों से ज्यादा समय से तैनात कार्मिकों का स्थान बदलने के भी निर्देश दिए. जिला अस्पतालों में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए रैन बसेरों के निर्माण के लिए डीपीआर जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए. हालांकि, इसका निर्माण सीएसआर फंड से किया जाएगा.
निर्माण कार्यों में लेटलतीफी कार्यदायी संस्था के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: वहीं, बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभागों की ओर से खर्च बजट की भी समीक्षा की. जिसमें उन्होंने निर्माण कार्यों में हो रही देरी पर कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग के तहत उपकरण और दवा खरीद की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए.
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