झालावाड़. राजस्थान में पहले चरण में उम्मीद से कम मतदान हुआ है. यह तब है, जबकि राजनीतिक दलों के साथ—साथ निर्वाचन आयोग भी अपने स्वीप अभियान के जागरूकता अभियान चला रहा है. ऐसे में झालावाड़ जिले में स्वीप के तहत चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान की उपयोगिता को लेकर सवाल खड़ा हुआ है. झालावाड़ में 26 अप्रैल को मतदान होना है. इसके तहत जिले में प्रशासन स्वीप के तहत जिले में सतरंगी सप्ताह मनाया जा रहा है. इसमें आमजन को मतदान के लिए प्रेरित करने को रैली निकाली जा रही है. अभियान के तहत साइकलिंग कर मतदाता से वोट करने की मनुहार की जा रही है. इस अभियान के तहत सोमवार को सुबह 7 बजे ही महिला स्कूटी मार्च का आयोजन रखा गया.
स्कूटी मार्च शहर के मुख्य चौराहे से होता हुआ झालावाड़ के मिनी सचिवालय पर जाकर समाप्त हुआ. इस दौरान सुबह होने से शहर की सड़के सूनी पड़ी थी. चौराहों पर इक्का दुक्का लोग ही जमा थे. ऐसे में प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा जन जागरूकता अभियान औपचारिकता बन कर रह गया.
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गौरतलब है कि प्रदेश में 19 अप्रैल को हुए प्रथम चरण के मतदान में वोटिंग प्रतिशत कम रहने से निर्वाचन आयोग चिंतित है. आयोग द्वारा प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं. मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए प्रदेश भर में स्वीप के तहत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
वोटिंग प्रतिशत कम रहने से जहां राजनीतिक दलों की नींद उड़ी हुई है, वहीं निर्वाचन आयोग द्वारा किए जा रहे उपायों पर भी सवालिया निशान लग रहा है. झलावाड़ क्षेत्र में 26 अप्रैल को होने वाले मतदान में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयास फीके नजर आ रहे है. इधर, स्वीप प्रभारी शंभू दयाल ने बताया कि जिले में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए जिले में वोट बारात साइकिल अभियान स्कूटी मार्च का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभियान की टाइमिंग को लेकर बात सामने आई.