रांची: झारखंड का स्वास्थ्य विभाग अनियमितताओं की वजह से हमेशा से चर्चा बना रहा. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक बार फिर रिम्स प्रबंधन और डेंटल विभाग में उपजा विवाद मेडिकल छात्रों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. इस विवाद का खामियाजा सीधे तौर पर डेंटल छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.
राजधानी के रिम्स में बना झारखंड स्टेट डेंटल काउंसिल के कार्यालय को रिम्स प्रबंधन ने बंद करवा दिया. इसे बंद करवाने की पीछे की वजह यह बताई गयी कि रिम्स प्रबंधन को ऑपरेशन थिएटर बनवाना है. रिम्स प्रबंधन ने कई बार डेंटल विभाग के रजिस्ट्रार को पत्र के माध्यम से सूचित किया कि वह अपना ऑफिस हटा लें. जिसके बाद झारखंड स्टेट डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार ने रिम्स प्रबंधन के द्वारा दिए गए पत्र को स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को अग्रसित कर उसकी कॉपी रिम्स प्रबंधन को मुहैया करवाई.
रिम्स प्रबंधन के द्वारा तीन बार डेंटल काउंसिल ऑफ झारखंड के रजिस्ट्रार को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया. इन तीनों ही बार झारखंड स्टेट डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार ने विभाग को सूचित कर उसकी कॉपी रिम्स प्रबंधन को दी. लेकिन विभाग ने क्या आदेश दिया इसको लेकर रिम्स प्रबंधन को कोई सूचना नहीं दी गई. जिसके बाद रिम्स निदेशक डॉक्टर राजकुमार ने एक कमेटी का गठन कर यह आदेश जारी किया कि झारखंड डेंटल काउंसिल ऑफिस को कमेटी की निगरानी में बंद किया जाए और सामग्री को सुरक्षित काउंसिल को दिया जाए.
झारखंड स्टेट डेंटल काउंसिल के कार्यालय को बंद करने की सूचना जब झारखंड स्टेट डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार ने स्वास्थ्य विभाग को दी तो विभाग ने उन्हें सदर अस्पताल में कार्यालय खोलने का निर्देश दिया. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार डेंटल काउंसिल ऑफ झारखंड का तत्काल रूप से नया कार्यालय सदर अस्पताल के कमर नंबर जी-95 में खोला गया है, जो पर्याप्त नहीं है.
नए कार्यालय में बैठे डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार सुशील कुमार बताते हैं कि रिम्स प्रबंधन द्वारा की गयी अचानक कार्रवाई से कई सामग्री अभी भी पुराने कार्यालय में हैं. जब तक वह सामान नए कार्यालय में उपलब्ध नहीं हो जाते तब तक बच्चों का रजिस्ट्रेशन संभव नहीं हो पा रहा है. वर्तमान में सिर्फ बच्चों का फॉर्म जमा किया जा रहा है और उनके अप्लाई को रजिस्टर में चढ़ा दिया जा रहा है ताकि सामान आने के बाद सभी का काउंसिल में रजिस्ट्रेशन किया जा सकें.
वहीं रिम्स प्रबंधन की तरफ से निदेशक डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि उनके द्वारा सामग्री ले जाने में कोई रोक-टोक नहीं की जा रही है. रिम्स प्रबंधन द्वारा बनायी गई कमेटी की निगरानी में वह अपना सामान ले जा सकते हैं. लेकिन डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार की तरफ से अभी तक कार्यालय के सामान की रिसीविंग नहीं की गई है.
वहीं अपने रजिस्ट्रेशन के लिए परेशान हो रही डेंटल की छात्राओं ने बताया कि रिम्स परिसर में ऑफिस बंद होने से कई दिनों तक परेशानियों का सामना करना पड़ा. काफी खोजबीन के बाद यह पता चला कि ऑफिस को रांची सदर अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. डेंटल की पढ़ाई कर रही छात्रा आकांक्षा और श्रेया बताती हैं कि रजिस्ट्रेशन नहीं होने से उनका दूसरे कॉलेजों में दाखिला भी नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा भी कई तकनीकी समस्याओं का सामना छात्रों को करना पर रहा है.
वहीं जमशेदपुर में डेंटल की पढ़ाई कर रहीं छात्रा सुदीप्तो कविराज ने बताया कि सही समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से उनका मास्टर इन डेंटल सर्जरी में एडमिशन इस वर्ष नहीं हो पाया. वह 25 मार्च से ही रजिस्ट्रेशन के लिए रिम्स में भटक रही हैं ताकि 30 मार्च तक उनका रजिस्ट्रेशन हो जाए और वह मेडिकल इन डेंटल सर्जरी में एडमिशन ले सके. लेकिन कार्यालय के शिफ्ट होने के कारण 30 मार्च तक उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया. इसीलिए उन्हें मास्टर इन डेंटल सर्जरी में एडमिशन लेने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ेगा.
रजिस्ट्रेशन के लिए भटक रहे छात्रों ने कहा कि रिम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के बीच विवाद की वजह का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. बता दें कि रिम्स प्रबंधन ने कार्रवाई करने का अपना कारण बताते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि रिम्स के डेंटल विभाग में ओटी का निर्माण किया जाएगा. जिस वजह से डेंटल काउंसिल के कार्यालय को हटाया गया है. वहीं डेंटल काउंसिल अब इसको लेकर अड़ा हुआ है कि उन्हें जल्द से जल्द सामान दिया जाए ताकि वह छात्रों को सुविधा दे सकें.
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