मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में अवैध निर्माण और जंगलों के कटान के मामले काफी बढ़ गए हैं. जिसको लेकर पर्यावरणविद चिंता जता रहे हैं. उनका कहना है कि अगर मसूरी में निर्माण की आई बाढ़ और पेड़ों की काटने की मामलों को नहीं रोका गया तो मसूरी जल्द कंक्रीट में तब्दील हो जाएगा. ताजा मामला पेड़ों को काटकर सड़क बनाने से जुड़ा है. जिस पर डीएफओ ने दस्तावेज जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.
मसूरी के पर्यावरणविद ललित मोहन काला ने आरोप लगाते हुए कहा कि मसूरी में हुसैन गंज के पास भू स्वामी की ओर से सभी नियमों को ताक पर रख कर हरे भरे घने जंगल और पेड़ों का कटान कर सड़क का निर्माण किया जा रहा है. जबकि, इससे पहले वन विभाग ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई कर काम को रुकवा दिया था. उनका आरोप है वहां से कोई भी रास्ता मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं जाता था, लेकिन वर्तमान में भू स्वामी की ओर से घने जंगल और पेड़ों को नुकसान पहुंचा कर करीब 3 मीटर चौड़ी और 200 मीटर लंबी सड़क का निर्माण कर दिया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
पर्यावरणविद ललित काला ने आरोप लगाया कि वन विभाग और नगर पालिका के अधिकारियों ने घना जंगल होने के बावजूद भी सड़क निर्माण के लिए अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि पुराने नक्शे में छोटी सी पगडंडी दिखाई गई है, लेकिन भू स्वामी की ओर ने पक्की सड़क का निर्माण कर दिया गया है. साथ ही आरोप लगाया कि सड़क के निर्माण के दौरान बीच में आने वाले कई पेड़ों को काट दिया गया. जबकि, कई पेड़ सूखने की कगार पर हैं.
पर्यावरणविद ललित काला का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी भी जंगल का संरक्षण नहीं कर पा रहे हैं, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब मसूरी में जंगल और पेड़ ही नहीं रहेंगे तो यहां का पर्यावरण नष्ट हो जाएगा. जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने मसूरी डीएफओ से पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही निलंबन की कार्रवाई की मांग की है.
क्या बोले मसूरी डीएफओ अमित कंवर: मसूरी डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि शिकायत मिलने पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ सड़क निर्माण का निरीक्षण किया है. मसूरी नगर पालिका की ओर से दिए गए नक्शे में पहले से ही सड़क दर्शाई गई है, लेकिन उन्होंने भू स्वामी और नगर पालिका दोनों से दस्तावेज मांगे हैं, जिसका परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई पेड़ भी सूखे हुए भी मिले हैं, जिसकी जांच कराई जा रही है.
वहीं, इससे पहले भी पेड़ों की गणना कराई गई थी और अगर गणना से कम पेड़ पाए गए तो भू स्वामी के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पर्यावरण और पेड़ों के संरक्षण के लिए वन विभाग कटिबद्ध है. अगर कोई भी इससे छेड़छाड़ करता हुआ पाया गया तो उसको बक्शा नहीं जाएगा.
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