गरियाबंद: गरियाबंद जिला अस्पताल से मलेरिया का इलाज करा रहे 22 मरीज भाग गए हैं. इन मरीजों की स्थिति गंभीर है. मरीजों के भाग जाने से जिला अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल अस्पताल की ओर से संबंधित विकासखंड के ब्लॉक अफसर को जानकारी दी गई है. चिकित्सकों का कहना है कि भागे गए मरीजों में अधिकतर मरीज की हालत ठीक नहीं थी. ऐसे में उनका प्रॉपर इलाज जरूरी है.
जिला अस्पताल से भागे 22 मरीज: दरअसल, गरियाबंद और मैनपुर विकासखंड में मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. हर दिन यहां जिला अस्पताल में मलेरिया के मरीज भर्ती हो रहे हैं. इस बीच 40 मरीज गरियाबंद जिला अस्पताल में भर्ती किए गए थे. इन 40 मरीजों में 22 मरीज अस्पताल से भाग गए. इन मरीजों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. गंभीर मरीजों के अस्पताल से भागने से स्वास्थ्य अमले में हड़कंप मच गया है. इस बारे में जिला अस्पताल के डॉक्टर हरीश चौहान ने कहा कि, "मरीजों का अस्पताल में बेहतर इलाज चल रहा था. इस बीच 22 मरीज अस्पताल से बगैर किसी को कुछ भी जानकारी दिए भाग गए. सभी मरीजों के संबंधित विकासखंड को इसकी जानकारी दी गई है. भागे गए मरीजों को अपना इलाज पूरा काराना चाहिए. " वहीं इस पूरा मामले में बिंद्रानवागढ़ विधानसभा विधायक जनक लाल ध्रुव ने नाराजगी जाहिर की है. वहीं, बीते दिन हुए मलेरिया से बच्चे की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के साथ ही मलेरिया और डायरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में है. बावजूद इसके प्रदेश के कई जिलों में मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं. हर दिन मलेरिया के 2-3 नए मरीज अस्पताल पहुच रहे हैं. ये स्थिति प्रदेश के तकरीबन सभी जिले की है. वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को मलेरिया रोकथाम को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है.