नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को डीटीसी बसों से एक साल पहले हटाए गए 10,700 बस मार्शलों का मुद्दा जोर-शोर से उठा. इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी-अपनी बात कही. मुद्दे पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह मुद्दा उनके दिल के करीब है. वह स्वयं दिल्ली में पली-बढ़ी हैं. स्कूल-कॉलेज जाने के क्रम में दिल्ली की लड़कियों और महिलाओं के साथ बस में छेड़छाड़ होती हैं. 2015 में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने के बाद उन्होंने हर बस में मार्शल लगाने के बारे में सोचा. सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को बस मार्शल के रूप में लगाया गया.
उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी को इस सबकी की कोई चिंता नहीं. अक्टूबर 2023 में उपराज्यपाल ने दिल्ली की लड़कियों, महिलाओं के बारे में नहीं सोचा कि इनका क्या होगा. एलजी साहब ने उन्हें हटा दिया. 27 अक्टूबर, 2023 को अरविंद केजरीवाल ने फिर उपराज्यपाल को पत्र लिखा कि बस मार्शलों को नहीं हटाया जाना चाहिए. लेकिन, 1 नवंबर, 2023 से सभी बस मार्शलों को हटा दिया गया. चर्चा के दौरान आतिशी ने बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह उपराज्यपाल को इसके लिए तैयार कर लें, तो वह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से निवेदन करेंगे कि रोहिणी विधानसभा सीट में उनके खिलाफ पहले प्रत्याशी भी खड़ा न करें और हम भी आपका प्रचार करेंगे.
विपक्ष दे सहयोग: बस मार्शलों को फिर से बहाल करने के विषय पर मुख्यमंत्री आतिशी के बोलने से पहले आप विधायक कुलदीप, संजीव झा, राजेश गुप्ता ने अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि बस मार्शलों ने ड्यूटी के दौरान कई साहसी कार्य किए. रोहिणी में बस मार्शल संदीप ने एक लड़की के साथ छेड़छाड़ करने वाले शख्स को पकड़ा उसे पुलिस के हवाले किया. ऐसे दर्जनों उदाहरण है, जिसमें उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए ड्यूटी की. बस मार्शल योजना, सेवा और कानून विभाग से जुड़ा मामला है. विपक्ष को इसमें सहयोग देना चाहिए.
दिल्ली में बस मार्शलों के मुद्दे पर विधानसभा में CM @AtishiAAP का संबोधन। LIVE https://t.co/xcZ9lnhLor
— AAP (@AamAadmiParty) November 29, 2024
हमें बंधक बनाया गया: वहीं बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने कहा, बस मार्शल 10 हजार नहीं सरकार 20 हजार रखें. यह पूरी तरह सरकार का फैसला है. हम भी उनकी बहाली को लेकर समर्थन करते हैं. इसी संबंध में हमने मुख्यमंत्री आतिशी से चर्चा के लिए समय मांगा था. लेकिन, जब हम मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए समय और स्थान पर उस दिन सचिवालय में पहुंचे तो, वहां पर मीटिंग की बजाए राजनीति हुई. वहां सैकड़ों लोगों को मंत्री और मुख्यमंत्री ने बुलाया था. इसमें बस मार्शल थे और हमलोग पहुंचे तो हमें एक तरह से बंधक बना लिया गया. इस तरह किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता.
आम आदमी पार्टी ने की राजनीति: विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसपर कहा, बस मार्शलों के मुद्दे पर फैसला हो, इसलिए मुख्यमंत्री से समय लिया गया था. लेकिन 5 अक्टूबर को जब सचिवालय में पहुंचा तो वहां भीड़ इकट्ठी कर ली गई थी. सत्तारूढ़ दल है सरकार है, लेकिन मुख्यमंत्री विपक्ष से कह रही हैं चलिए उपराज्यपाल से मिलकर अभी कराते हैं. मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव रखा कि बस मार्शलों को पक्की नौकरी देने के लिए एक कमेटी बनाई जाए जो रोडमैप बनाएगी. लेकिन उसके बाद बाहर आने पर फिर आम आदमी पार्टी ने राजनीति करनी शुरू कर दी.
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