कोटा. राजस्थान कोटा मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में बिजली दुरुस्त करने आए एक इलेक्ट्रीशियन के साथ शराब के नशे में रेजिडेंट डॉक्टर के मारपीट करने का मामला सामने आया था. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को पीड़ित इलेक्ट्रीशियन ने शिकायत भी दी. इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना के हस्तक्षेप से पूरा मामला अनुशासन समिति को भेज दिया गया था. इसके बाद अनुशासन समिति के समक्ष पीड़ित और आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर पेश हुआ था. इस मामले में अनुशासन समिति के अनुशंसा पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन में रेजिडेंट डॉक्टर को 15 दिन नाइट ड्यूटी दूसरे डिपार्टमेंट में करने के निर्देश दिए हैं.
मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉ. विकास डाबर के खिलाफ मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को शिकायत मिलने के बाद डिसिप्लिन कमेटी को भेजा गया था. अनुशासन समिति ने 5 जून 2024 को अपनी कार्रवाई को पूरा करते हुए रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को भेज दी थी. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन में इस प्रसंज्ञान लेते हुए रिपोर्ट के आधार पर डॉ. डाबर के खिलाफ करवाई की है. वह मेडिसिन विभाग में एमडी कर रहे हैं, लेकिन अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त उन्हें सजा के रूप में सर्जरी विभाग में 15 नाइट ड्यूटी करनी होगी. यह ड्यूटी भी सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और वर्कशॉप इंचार्ज डॉ. नवनीत पाराशर के अधीन करनी होगी. इसके साथ ही रेजिडेंट डॉ. डाबर को पाबंद किया है कि इस तरह की घटना अगर दोबारा हुई तो उन पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.
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इलेक्ट्रीशियन को अपने कमरे में सुलाने की की थी जिद, बाद में कर दी मारपीट : मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित पीजी हॉस्टल नंबर दो में पीड़ित इलेक्ट्रीशियन पन्नालाल के अनुसार 15 मई की रात को करीब 3 बजे हॉस्टल में बिजली गड़बड़ा जाने दुरुस्त करने के पहुंचा था. वहां शिकायतकर्ता मेडिसिन विभाग का रेजिडेंट डॉ. विकास डाबर को फोन किया तो उन्होंने पहले गाली-गलौच की और फिर नीचे आने की बात कही. इसके बाद डॉ. डाबर ने जबरन अपने कमरे में सुलाने का प्रयास पन्नालाल को किया था. बाद में डॉ. डाबर ने मारपीट शुरू कर दी. उसकी लात-घूसों से जमकर पिटाई की थी.