जोधपुर: शहर के खेतानाड़ी मंडोर स्थित संजीवनी दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र में इस बार दिव्यांग बच्चे दीपावली के रंगीन दीपक तैयार कर रहे हैं. वे कच्चे दीपकों पर पेंट कर रहे हैं. दस दिन में इन बच्चों ने करीब तीन हजार दीपक तैयार किए हैं. इनकी बिक्री भी होने लगी है. संस्था का उद्देश्य है कि बच्चों को सही समय पर ऐसे कामों से जोड़कर छिपी प्रतिभा सामने लाई जाए, ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल सके. संस्थान में बच्चों को गोबर, गोमूत्र और कपूर मिश्रण से निर्मित धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
यहां के शिक्षक महेंद्र सिंह ने बताया कि यह केंद्र अहमदाबाद की ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन द्वारा संचालित है. यहां दिव्यांगों को सामान्य जीवन का व्यवहारिक ज्ञान भी सिखाया जाता है. संस्था में 30 बच्चे हैं. इनमें 20 छोटे व 10 बड़े हैं. उन्होंने बताया कि इन बच्चों को उनकी मानसिक स्थिति के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है. इस बार बच्चों को दीयों पर कलरिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दीपक की बिक्री की राशि इन्हीं बच्चों में वितरित होगी.
तीन हजार दीयों पर कर रहे पेंटिंग: तीन साल से चल रहे पुनर्वास केंद्र में पहले वर्ष से ही पेंटिंग के प्रयास शुरू कर दिए थे. शिक्षक रामस्वरूप प्रजापत बताते हैं कि पिछले दो साल में बच्चे सही पेंटिंग नहीं कर पाए थे, लेकिन हमने हार नहीं मानी. करीब एक माह पहले से सामान्य पेंटिंग शुरू की गई. बाद में बच्चे धीरे-धीरे दीपक पर ब्रश चलाने लगे. शहरवासियों से अपील की गई है कि दिव्यांग बच्चों के दीपक खरीद कर उन्हें संबल दें, जिससे उनमें आत्मविश्वास का संचार हो सके.