मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : खोंगापानी नगर पंचायत के पास साप्ताहिक बाजार की जगह इस बात का सबूत दे रही है कि नगर पंचायत में कितनी सफाई पर ध्यान दिया जाता है. इस नगर पंचायत को सबसे गंदा नगर पंचायत कहा जाए तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं होगी.साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने वाले लोग और बाजार में आने वाले ग्राहकों को भारी गंदगी का सामना करना पड़ता है. सार्वजनिक शौचालय की हालत तो ऐसी है कि आप इसके सामने खड़े होकर यदि सेल्फी ले तो मिनटों में वायरल हो जाए.
दुकानदारों के मुताबिक वे कई बार नगर पंचायत को सफाई को लेकर शिकायत कर चुके हैं. लेकिन नगर पंचायत के जिम्मेदार कानों में रुई डालकर सो रहे हैं.उनके सामने ढोल पीटने का मतलब भैंस के आगे बीन बजाना है.
कई बार सफाई की मांग की, लेकिन नगर पंचायत की तरफ से सिर्फ नाममात्र की सफाई की जाती है. दुकान के पास अक्सर कचरे का ढेर लगाया जाता है, जिससे असहनीय दुर्गंध उठती है और ग्राहकों को भी परेशानी होती है- शिवकुमार,दुकानदार
एक अन्य दुकानदार सूरज बताते हैं कि उनकी दुकान के पास भी कचरा पड़ा रहता है और कोई इसे उठाने नहीं आता. शिकायत करने के बावजूद सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है.हर हफ्ते बाजार में गंदगी का माहौल रहता है.
सीएमओ ने नहीं दिया कोई जवाब : जब हमने नगर पंचायत खोंगापानी के मुख्य नगर अधिकारी (सीएमओ) तरुण एक्का से संपर्क किया, तो पहले उन्होंने आधे घंटे में आने का आश्वासन दिया. लेकिन बाद में कार्यालय छोड़कर अपने आवास चले गए. कई बार कॉल करने के बावजूद सीएमओ ने कोई जवाब नहीं दिया और ना ही गंदगी की समस्या पर कोई प्रतिक्रिया दी.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सफाई अभियान : एक तरफ जहां सरकार स्वच्छता को लेकर अभियान चला रही है, वहीं खोंगापानी नगर पंचायत कार्यालय के पास की यह गंदगी अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा रही है. स्थानीय निवासियों और दुकानदारों के अनुसार, नगर पंचायत खोंगापानी का कार्यालय इन अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है.सीएमओ की लापरवाही और सफाई कर्मचारियों की अनदेखी के कारण स्थानीय जनता और व्यापारी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. इसी गंदगी और दुर्गंध के कारण कई लोग बाजार में आने से कतराते हैं.