इंदौर: देश में सबसे स्वच्छ शहर का तमगा लगातार हासिल करने वाले इंदौर शहर में इन दिनों गंदगी का आलम है. हालात यह है कि कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक-1 में लोगों ने गंदगी को लेकर विरोध जताया है. इस क्षेत्र में बजरंग दल और क्षेत्रीय रहवासियों ने गंदगी को लेकर क्षेत्रीय पार्षद के घर घेराव कर प्रदर्शन किया. इसी तरह वार्ड नंबर-59 में पार्षत के पिता का सीएसआई से विवाद हो गया. जिसके बाद स्वच्छता कर्मियों ने काम बंद कर थाने का घेराव किया.
वार्ड 1 में गंदगी का अंबार
वार्ड क्रमांक 1 में रहवासी का कहना है कि काफी दिनों से सड़क, पानी और बिजली की समस्याओं को लेकर परेशान हैं. वे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों के दफ्तरों पर जाकर आवेदन दे रहे हैं, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इसी के चलते रविवार को बजरंग दल और रहवासियों ने संयुक्त रूप से मोर्चा खोलते हुए क्षेत्रीय बीजेपी पार्षद महेश चौधरी के घर का घेराव किया. इस दौरान जमकर प्रदर्शन भी किया. क्षेत्रीय महिलाओं का तो यह भी कहना है कि चुनाव के दौरान अलग-अलग तरह के आश्वासन क्षेत्र के विकास को लेकर दिए जाते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही किसी तरह के कोई कार्य नहीं किए जाते हैं. क्षेत्रीय रहवासियों का तो यहां तक कहना है कि आने वाले दिनों में यदि हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं होगा तो किसी भी जनप्रतिनिधि को इस क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा. वहीं पार्षद महेश चौधरी का कहना था कि 'जो भी रहवासियों ने शिकायतें की है. उनका जल्द ही निराकरण कर कर दिया जाएगा.'
कर्मचारी और पार्षद पिता के बीच विवाद
इसी तरह वार्ड क्रमांक-59 में स्वच्छता को लेकर जनप्रतिनिधि और नगर निगम कर्मचारी आमने-सामने आ गए. पार्षद रूपाली अरुण पेंढ़ारकर के पिता का सीएसआई और दरोगा से विवाद हो गया. इसके बाद मामला गाली गलौज तक पहुंच गया, तो स्वच्छता कर्मियों ने काम बंद करते हुए थाने का घेराव कर पार्षद के पिता पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की. पुलिस ने जब भाजपा पार्षद के पिता पर एफआईआर दर्ज नहीं की तो नगर निगम कर्मचारियों ने थाने का घेराव कर दिया. इसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि बड़ी संख्या में जोन क्रमांक 22 के निगम कर्मचारी और अधिकारी पंडरी नाथ थाने पर पहुंच गए. जिन्होंने नारेबाजी करते हुए गिरफ्तारी की मांग की. इस दौरान मौके पर कई बार विवाद की स्थिति बनी.
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कर्मचारियों का कहना था कि स्वच्छता के काम में भी हम लोग किसी जनप्रतिनिधि की गाली नहीं सुनेंगे. वहीं पार्षद के पिता का कहना था कि 'नगर निगम कर्मचारी स्वच्छता के मामले में भी मनमानी कर रहे हैं. जिसके कारण वार्ड में गंदगी का आलम रहता है. स्वच्छता के बारे में बोलने पर विरोध व मनमानी करते हैं. जिसके कारण विवाद की स्थिति बनती है.