नई दिल्ली: राजधानी में एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षिक सत्र में कोई भी निजी स्कूल अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेगा. इसको लेकर शिक्षा निदेशालय की तरफ से सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिया है कि अगर कोई स्कूल फीस बढ़ाना चाहता है तो वह एक अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक शिक्षा निदेशालय को ऑनलाइन प्रस्ताव तैयार करके भेजे. इसके बाद शिक्षा निदेशक स्कूल का ऑडिट कराएंगे और अगर उनको लगेगा कि स्कूल में फीस बढ़ाने की मांग जायज है, तो वो स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति देंगे. स्कूलों को यह प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा.
निर्देश के मुताबिक, अगर किसी स्कूल ने बिना शिक्षा निदेशक की अनुमति के फीस बढ़ाई तो, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. शिक्षा निदेशालय की प्राइवेट स्कूल शाखा के उप शिक्षा निदेशक देवेंद्र मोहन ने यह निर्देश जारी किया है. यह उन सभी स्कूलों पर लागू होगा, जो सरकार की दी गई जमीन पर बने हैं. बता दें कि इन स्कूलों को जमीन देते समय ही सरकार की ओर से यह शर्त रखी गई थी कि, वो बिना शिक्षा निदेशक की अनुमति के कभी भी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे.
फीस बढ़ाने के लिए अगर स्कूल की ओर से अधूरा प्रस्ताव भेजा जाता है तो उसे प्रस्ताव को निदेशालय द्वारा रद्द कर दिया जाएगा, इसलिए स्कूलों प्रस्ताव तैयार करते समय सावधानी बरतने के साथ सारी प्रक्रिया का पालन करना होगा. जो स्कूल इस नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में फीस बढ़ाने का प्रस्ताव निदेशालय को नहीं भेजेंगे, वह बिना अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकते हैं.
दिल्ली पैरेंटस एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया कि कई बार प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी करके हर साल 5 से 10% तक फीस बढ़ा देते हैं, जिससे अभिभावकों के ऊपर हर साल अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है. ऐसे में हर साल अभिभावक स्कूलों की फीस बढ़ाने की शिकायतें भी करते हैं. शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किया गया यह आदेश, स्कूलों पर नकेल कसने के लिए प्रभावी होगा, लेकिन इसके लिए निदेशालय को भी निगरानी रखनी होगी.
ये भी पढ़ें- नमो भारत ट्रेनों में खोई वस्तुओं को उनके मालिकों तक पहुंचा रहा NCRTC का लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस
इन स्कूलों को भी देनी होती है जानकारी: बता दें कि दिल्ली के कई स्कूलों से हर साल नए सत्र में फीस बढ़ाने की शिकायतें सामने आती हैं, जिसको इस बार शिक्षा निदेशालय ने गंभीरता से लिया है. दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 की धारा 17 के अनुसार, यहां सरकारी जमीन पर बना हुआ कोई भी स्कूल बिना शिक्षा निदेशक की अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकता है. वहीं निजी जमीन पर बने स्कूलों के लिए फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय से अनुमति लेने की शर्त नहीं है. हालांकि फीस बढ़ाने के बाद निजी स्कूलों को भी शिक्षा निदेशालय को सूचित करना पड़ता है. अगर निदेशालय को फीस बढ़ोतरी गैरजरूरी लगती है तो वह इसको रोक भी सकता है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली में बढ़ती गर्मी से जल्द मिलेगी राहत, अगले दो दिन बूंदाबांदी की संभावना