नई दिल्ली: राजधानी में शनिवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया. चुनाव कुल सात चरणों में 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून को समाप्त होंगे. दिल्ली में छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होगी. इस बार दिल्ली में पार्टियां स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रीय मुद्दों को भी लेकर जनता के बीच जा सकती हैं. जहां बीजेपी प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों को लेकर जनता के बीच जाएंगी. वहीं, राजधानी की अन्य दो बड़ी पार्टियां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जाएगी.
अनधिकृत कॉलोनियों के निवासी, (जो मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं) के लिए नागरिक सुविधाओं की कमी और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP सरकार और एलजी वीके सक्सेना के बीच परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर लगातार विवाद भी 'कैंपेन' का हिस्सा हो सकता है. साथ ही आप और कांग्रेस इलेक्टोरल बॉन्ड और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे मुद्दे भी उठा सकती है. उधर, बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और आप नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी दलों को घेर सकती है. आइए, जानते इन मुद्दों के बारे में विस्तार से...
मोदी फैक्टर: इस बार बीजेपी, लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ मैदान में उतरेगी. वहीं 'मोदी की गारंटी' को भी प्रचार में जरूर शामिल किया जा सकता. राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने इसे चुनावों में निर्णायक करार दिया है.
नागरिकता संशोधन कानून: लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर दी, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देना है. वहीं, इंडिया गठबंधन की पार्टी आप व कांग्रेस ने इसे लेकर दावा किया है कि इससे "ध्रुवीकरण की राजनीति" को बढ़ावा मिलेगा.
अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर एक नए भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, भाजपा के 'राम राज्य' के संकल्प के साथ पार्टी के अभियान का महत्वपूर्व हिस्सा होगी.
जल एवं विद्युत योजनाएं: दिल्ली विधानसभा चुनाव की ही तरह, आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में भी उनकी सरकार मुफ्त बिजली व पानी की योजनाओं से वोटरों को लुभाने में कामयाब होगी. इसका लक्ष्य निम्न और मध्यम आय वर्ग के मतदाताओं को लक्षित करना है.
उपराज्यपाल-आप सरकार में खींचतान: आम आदमी पार्टी अक्सर भाजपा और उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर दिल्ली सरकार के कामों में बाधा डालने का आरोप लगाती रही है. 'आप' ने इस मुद्दे को उजागर करने व दिल्ली सरकार की योजनाओं को लेकर किए गए वादों को प्रसारित करने के लिए "संसद में भी केजरीवाल, तब ही दिल्ली होगी और खुशहाल" कैंपेन लॉन्च किया है.
घोटाले और भ्रष्टाचार: आम आदमी पार्टी पर निशाना साधने के लिए भाजपा, कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के मुद्दे को उठाएगी. वहीं, कांग्रेस पर हमला करने के लिए भाजपा 2जी, सीडब्ल्यूजी और बोफोर्स घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के मामले भी उठा सकती है.
महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण: दिल्ली में कुल 1,47,42,145 मतदाताओं में से 67,42,330 महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए, भाजपा 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', 'उज्ज्वला' और पीएम मुद्रा योजना की बात प्रचार के दौरान उठा सकती है. इस वह महिला सशक्तीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने की कोशिश करेगी.
वहीं, विपक्षी पार्टियां रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को जनता के समक्ष रख सकती है. वहीं कांग्रेस ने 'नारी न्याय गारंटी' की घोषणा की है, जिसमें केंद्र सरकार की नौकरियों में सभी नई भर्तियों में 50 प्रतिशत कोटा शामिल है. उधर 'आप' ने लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री 'महिला सम्मान योजना लागू' करने का वादा किया है, जिसके तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाएंगे.
विपक्षी नेताओं के खिलाफ छापेमारी: कांग्रेस और आप, भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं. पार्टी का कहना है कि वह इस मुद्दे पर भाजपा को बेनकाब करना चाहती है.
अनधिकृत कॉलोनियां: राजधानी के अनाधिकृत आवासीय इलाकों में नागरिक सुविधाओं की कमी के मुद्दे को सभी पार्टियों के भाषण में प्रमुखता के साथ उठाए जा सकते हैं.
बेरोजगारी और महंगाई: देशभर में भाजपा प्रतिद्वंद्वियों द्वारा ये मुद्दे उठाए जा रहे हैं. दिल्ली में भी भाजपा के खिलाफ प्रचार करते दौरान कांग्रेस इस मुद्दे को उठा सकती है.
किसानों के मुद्दे: भाजपा पर हमला करने के लिए आप और कांग्रेस द्वारा फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी सहित, केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसानों का विरोध प्रदर्शन आदि मुद्दों को उठाने की कोशिश की जाएगी.
पूर्वांचली वोटर: अनुमान के मुताबिक, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की भोजपुरी भाषी आबादी राजधानी में कुल मतदाताओं का लगभग एक तिहाई है. भाजपा, आप और कांग्रेस उन्हें लुभाने के लिए कई वादे कर सकती हैं. भाजपा ने प्रसिद्ध भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी को लगातार तीसरी बार उत्तर पूर्व दिल्ली से टिकट दिया है. सत्ता विरोधी लहर के खतरे के सामने, 2014 और 2019 में सभी सात लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा ने मनोज तिवारी को छोड़कर अपने सभी मौजूदा सांसद प्रत्याशियों को बदल दिया है. वहीं, आप-कांग्रेस गठबंधन सभी सीटों पर जीत के सिलसिले को खत्म करने के प्रयास में भाजपा को कड़ी टक्कर देना चाहती है.
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