डिंडौरी। आदिवासी बहुल इलाका डिंडोरी पहले से ही बहुत पिछड़ा है. रही सही कसर यहां के शिक्षक पूरी कर रहे हैं. डिंडोरी जिले की शिक्षा का बड़ा जिम्मा जनजातिया कार्य विभाग के पास है. जनजाति कार्य विभाग के इस क्षेत्र में कई स्कूल हैं. जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला के पास लगातार ये शिकायत आ रही हैं कि कई शिक्षक स्कूल नहीं आते. कई शिक्षक ऐसे हैं जो शराब पीकर आते हैं. जब इन शिकायतों की जांच करवाई तो पता लगा कि 11 शिक्षक ऐसे हैं, जो लगातार शराब पीकर स्कूल आते हैं.
मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई तो जाएगी नौकरी
शराबी शिक्षकों के आचरण से बच्चे परेशान रहते हैं. इन शिक्षकों की मेडिकल जांच के आदेश दिए गए हैं. वहीं डिंडोरी जिले में 9 शिक्षक ऐसे हैं जो लगातार लापता हैं. इनकी कोई जानकारी विभाग के पास नहीं है. ना इन शिक्षकों ने कभी विभाग को अपने बारे में कोई जानकारी दी है. इन शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है और इनको नौकरी से हटाने की कार्रवाई की जा रही है. इनके घर पर कई बार नोटिस भेजे गए लेकिन इन्हें रिसीव ही नहीं किया गया.
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कुछ शिक्षकों की दो पत्नियां हैं
वहीं कुछ शिक्षकों के बारे में पता चला है कि दो पत्नियां रखे हैं. बता दें कि आदिवासियों में दो पत्नियों को रखने की परंपरा है लेकिन सरकारी नियम इसकी इजाजत नहीं देते. ऐसे शिक्षकों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि आदिवासी बहुल इलाकों में शिक्षा के अभाव से लोगों का जीवन स्तर नहीं सुधर रहा है. लोगों के पास संसाधन तो हैं लेकिन इन संसाधनों का उपयोग नहीं जानते.