डिंडोरी: जिले में एक चमत्कारी मामला सामने आया है. पिछले 4 साल से एक हैंडपंप से लगातार अपने आप पानी निकल रहा है. मॉनसून के सीजन में यह पानी दिन रात बहता है. पानी पूरी तरह से शुद्ध है, पीने लायक है. लेकिन लगातार पानी निकलने से यह बर्बाद हो रहा है. पानी की धारा इतनी तेज है फर्श पर गड्ढा हो गया है. पानी को निकलने के लिए हैंडपंप में दो टोंटी लगा दी गई है. इस पानी का इस्तेमाल करने वाले बस कुछ ही लोग हैं. अभी तक प्रशासन ने इसको संरक्षित करने के लिए कोई उपाय नहीं किया है. पानी बहकर बर्बाद हो रहा है.
पिछले 4 साल से दिन रात बह रहा है पानी
एक तरफ डिंडोरी में जहां कई गांवों में पानी की किल्लत है वहीं, जिले में ही एक हैंडपंप ऐसा है जो पिछले 4 साल से दिन-रात पानी फेंक रहा है. जानकारी के मुताबिक डिंडोरी के मुड़ियाकला गांव में 4 साल पहले पीएचई विभाग द्वारा नलकूप के लिए खनन किया जा रहा था तो उस समय बोर से पानी बहने लगा था. बताते हैं कि पानी की ऊंचाई लगभग 100 फीट तक थी. बड़ी मुश्किल से बोर पर हैंडपंप लगाया गया था. तभी से बारिश के मौसम में ऑटोमेटिक पानी निकलने का सिलसिला शुरू हो गया जो अभी तक चल रहा है.
बारिश से सर्दियों तक बहता है पानी
बारिश का सीजन शुरू होते ही नल से अपने आप पानी निकलने लगता है जो सर्दियों तक चलता है. गर्मी की शुरुआत होने पर पानी निकलना बंद हो जाता है. पानी की शुद्धता को लैब में टेस्ट किया गया तो यह पीने के लिहाज से बिल्कुल शुद्ध है. इसके आसपास 4-5 परिवार ही रहता है जो इसका इस्तेमाल करता है बाकी रोज पानी बहकर बर्बाद हो जाता है. प्रशासन ने भी अभी तक इस पानी के बर्बादी को गंभीरता से नहीं लिया है. पानी को संरक्षित करने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
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पानी बिल्कुल शुद्ध है
लगातार बर्बाद हो रहे पानी के संरक्षण को लेकर पीएचई विभाग के अधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, 'मुड़ियाकला गांव में एक हैंडपंप से पानी ओवरफ्लो हो रहा है. वाटर ऐड नामक संस्था की मदद से पानी को संरक्षित करने के लिए पास में तालाब बनवाया जाएगा, जिससे पानी की बर्बादी को रोका जा सके और इलाके में वाटर लेवल मेंटेन रह सके. पानी का गुणवत्ता को लैब में टेस्ट किया गया था. पानी बिल्कुल शुद्ध है.'