पटना: जदयू की ओर से लोकसभा में दिलेश्वर कामत को संसदीय दल का नेता बनाया गया है तो वहीं राज्यसभा में संजय झा को जिम्मेदारी दी गई है. दिलेश्वर कामत सुपौल से दूसरी बार सांसद बने हैं. दिलेश्वर कामत महादलित वर्ग से आते हैं. लोकसभा चुनाव में राजद के चंद्रहास चौपाल को 169803 वोटों से पराजित किया है.
दिलेश्वर कामत को लोकसभा की जिम्मेदारी: दिलेश्वर कामत को नीतीश कुमार ने संसदीय दल का नेता बनाकर महादलित वर्ग में एक मैसेज देने की कोशिश की है. इस बार ललन सिंह केंद्र में मंत्री बन गए हैं. लोकसभा चुनाव से पहले ललन सिंह ही संसदीय दल के नेता थे.
संजय झा को राज्यसभा की जिम्मेदारी: दूसरी तरफ राज्यसभा में नीतीश कुमार के नजदीकी संजय झा को नेता बनाया गया है. संजय झा इससे पहले बिहार में जल संसाधन विभाग के मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं. नीतीश कुमार के थिंक टैंक में से एक हैं. वहीं संजय झा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए नीतीश कुमार को शुक्रिया कहा है. उन्होंने लिखा है कि राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता पद का दायित्व सौंपने के लिए पार्टी के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जी का हृदय से आभार.
"यह मेरे लिए गर्व का पल है. आपने (नीतीश कुमार) एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर मुझ पर जो विश्वास जताया है, उसका मैं पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ निर्वाह करूंगा."- संजय झा, राज्यसभा सांसद
राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता पद का दायित्व सौंपने के लिए पार्टी के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @NitishKumar जी का हृदय से आभार। यह मेरे लिए गर्व का पल है। आपने एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर मुझ पर जो विश्वास जताया है, उसका मैं पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ निर्वाह करूंगा।…
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) June 25, 2024
महादलित वर्ग को संदेश देने की कोशिश: बिहार के दूसरी प्रमुख दल राजद की ओर से अभय कुशवाहा को लोकसभा में राजद का संसदीय दल का नेता बनाया गया है जबकि राज्यसभा में प्रेम चंद्र गुप्ता को या जिम्मेदारी दी गई है. प्रेमचंद गुप्ता लालू प्रसाद यादव के नजदीकी लोगों में से एक हैं तो वहीं अभय कुशवाहा लोकसभा चुनाव में जदयू से पाला बदलकर आरजेडी में शामिल हुए थे. औरंगाबाद से लोकसभा का चुनाव जीता है. लालू प्रसाद यादव ने अभय कुशवाहा संसदीय दल का नेता बनाकर कुशवाहा वोट बैंक में मैसेज देने की कोशिश की है तो नीतीश कुमार ने भी महादलित वर्ग में मैसेज देने की कोशिश दिलेश्वर कामत के माध्यम से की है.